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ईटीवी भारत पड़ताल: बीजेपी के 7 सांसदों से जुड़ा VIRAL पोस्ट निकला झूठ

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Published : May 28, 2019, 11:52 AM IST

पोस्ट में बताया गया है कि देश के सात सांसदों को बराबर मत मिले हैं. 7 सांसदों में मेनका गांधी, डॉ सत्यपाल सिंह, संघमित्र मौर्य, भारतेंद्र सिंह, हरीश द्विवेदी, भोला सिंह और उपेंद्र का नाम लिखा गया है. बताया जा रहा है कि यह सभी सांसद कांग्रेस के प्रत्याशी से जीते हैं और बराबर मतों से ही जीत हासिल करके संसद तक पहुंचे हैं.

वायरल पोस्ट की सच्चाई

देहरादून: सोशल मीडिया में इन दिनों एक पोस्ट बड़ी तेजी से वायरल किया जा रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भाजपा के 7 सांसदों को बराबर वोट मिले हैं. साथ ही कांग्रेसी प्रत्याशियों के हार का आंकड़ा भी बराबर होने का दावा किया जा रहा है. ईटीवी भारत की पड़ताल में क्या निकली इस पोस्ट की सच्चाई जानिए इस रिपोर्ट में.

वायरल पोस्ट की सच्चाई

देश में 23 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद सोशल मीडिया के जरिए कुछ ऐसी पोस्ट वायरल हो रही हैं, जिससे निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे पोस्ट के जरिए भाजपा द्वारा ईवीएम में गड़बड़ी करने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं.

पढ़ें- 'शहर ने पहना है दस्ताना, किसके हाथ में तलाशूं अपना लहू', हरदा के इस व्यंग का CM त्रिवेंद्र से क्या है कनेक्शन?

पोस्ट में बताया गया है कि देश के सात सांसदों को बराबर मत मिले हैं. इन 7 सांसदों में मेनका गांधी, डॉ सत्यपाल सिंह, संघमित्र मौर्य, भारतेंद्र सिंह, हरीश द्विवेदी, भोला सिंह और उपेंद्र का नाम लिखा गया है. बताया जा रहा है कि यह सभी सांसद कांग्रेस के प्रत्याशी से जीते हैं और बराबर मतों से ही जीत हासिल कर संसद तक पहुंचे हैं.

इस पोस्ट की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत ने निर्वाचन आयोग की वेबसाइट को खंगालना शुरू किया. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट में तमाम सांसदों की लोकसभा की जानकारी आते ही पोस्ट से जुड़ी सारी सच्चाई सामने आ गई.

दरअसल, न तो इन सभी सात सांसदों को एक जैसे मत मिले थे और न ही जीत का आंकड़ा एक जैसा है. यहां तक कि दूसरे नंबर पर रहने वाला प्रत्याशी इन सातों सीटों में एक भी जगह कांग्रेस का नहीं निकला. कुल मिलाकर ईटीवी भारत की पड़ताल में यह वायरल पोस्ट पूरी तरह से झूठी साबित हुई है.

देहरादून: सोशल मीडिया में इन दिनों एक पोस्ट बड़ी तेजी से वायरल किया जा रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भाजपा के 7 सांसदों को बराबर वोट मिले हैं. साथ ही कांग्रेसी प्रत्याशियों के हार का आंकड़ा भी बराबर होने का दावा किया जा रहा है. ईटीवी भारत की पड़ताल में क्या निकली इस पोस्ट की सच्चाई जानिए इस रिपोर्ट में.

वायरल पोस्ट की सच्चाई

देश में 23 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद सोशल मीडिया के जरिए कुछ ऐसी पोस्ट वायरल हो रही हैं, जिससे निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे पोस्ट के जरिए भाजपा द्वारा ईवीएम में गड़बड़ी करने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं.

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पोस्ट में बताया गया है कि देश के सात सांसदों को बराबर मत मिले हैं. इन 7 सांसदों में मेनका गांधी, डॉ सत्यपाल सिंह, संघमित्र मौर्य, भारतेंद्र सिंह, हरीश द्विवेदी, भोला सिंह और उपेंद्र का नाम लिखा गया है. बताया जा रहा है कि यह सभी सांसद कांग्रेस के प्रत्याशी से जीते हैं और बराबर मतों से ही जीत हासिल कर संसद तक पहुंचे हैं.

इस पोस्ट की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत ने निर्वाचन आयोग की वेबसाइट को खंगालना शुरू किया. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट में तमाम सांसदों की लोकसभा की जानकारी आते ही पोस्ट से जुड़ी सारी सच्चाई सामने आ गई.

दरअसल, न तो इन सभी सात सांसदों को एक जैसे मत मिले थे और न ही जीत का आंकड़ा एक जैसा है. यहां तक कि दूसरे नंबर पर रहने वाला प्रत्याशी इन सातों सीटों में एक भी जगह कांग्रेस का नहीं निकला. कुल मिलाकर ईटीवी भारत की पड़ताल में यह वायरल पोस्ट पूरी तरह से झूठी साबित हुई है.

Intro:उत्तराखंड में इन दिनों सोशल मीडिया के जरिए कांग्रेस के नेता और उनसे जुड़े लोग कुछ खास तरह की पोस्ट वायरल कर रहे हैं। इस पोस्ट में भाजपा के 7 सांसदों को बराबर वोट मिलने और कांग्रेसी प्रत्याशियों के हार का आंकड़ा भी बराबर होने का दावा किया जा रहा है। क्या वाकई चुनाव परिणामों में ऐसे चौकाने वाले परिणाम आए हैं और क्या है इस वायरल पोस्ट की सच्चाई ...देखिये इस रिपोर्ट में।



Body:देश में 23 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद भाजपा खेमे में खुशी का माहौल है तो कांग्रेस में कुछ मायूसी... इससे इतर चुनावी नतीजों को लेकर आकलन कर रहे तमाम राजनीतिक दल हार-जीत को लेकर अपने-अपने नजरिए से बयां भी कर रहे हैं... इस बीच उत्तराखंड में सोशल मीडिया के जरिए कुछ ऐसी पोस्ट भी आई है जो न केवल निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े कर रही है बल्कि इन पोस्ट के जरिए भाजपा द्वारा ईवीएम में गड़बड़ी करने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। पोस्ट में बताया गया है कि देश के साथ सांसदों को एक जैसे मत मिले हैं और उनकी जीत का आंकड़ा भी एक जैसा ही है। इस पोस्ट के बाद सवाल उठना लाजमी है कि क्या ईवीएम की गड़बड़ी के चलते ही आंकड़ों में हेराफेरी की गई है। 7 सांसदों में मेनका गांधी, डॉ सत्यपाल सिंह, संघमित्र मौर्य, भारतेंद्र सिंह, हरीश द्विवेदी, भोला सिंह और उपेंद्र का नाम लिखा गया है। यह बताया गया है कि यह सभी सांसद कांग्रेस के प्रत्याशी से जीते हैं और एक जैसे वोट लाकर बराबर मतों से ही जीत हासिल करके संसद तक पहुंचे हैं।

कांग्रेस के प्रवक्ताओं और तमाम कांग्रेस से जुड़े लोगों द्वारा की जा रही है इस पोस्ट की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत ने निर्वाचन आयोग की वेबसाइट को खंगालना शुरू किया। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट में तमाम सांसदों की लोकसभा की जानकारी आते ही पोस्ट से जुड़ी सारी सच्चाई सामने आ गई। दरअसल ना तो इन सभी सात सांसदों को एक जैसे मत मिले थे और ना ही जीत का आंकड़ा एक जैसा था। यहां तक कि दूसरे नंबर पर रहने वाला प्रत्याशी इन सातों सीटों में एक भी जगह कांग्रेस का नहीं था। बिजनौर सीट पर तो भाजपा का प्रत्याशी जीत भी हासिल नहीं कर सका था बावरी उसके उसको इस पोस्ट में अपने प्रतिद्वंदी के मुकाबले जीत के आंकड़े में दिखाया गया था। कुल मिलाकर ईटीवी भारत की पड़ताल में यह वायरल पोस्ट पूरी तरह से झूठा निकला।





Conclusion:हकीकत यह है कि चुनाव में हार के बाद कांग्रेस किसी भी हालात में आम लोगों के बीच ईवीएम को ही गलत साबित करने में जुटी है और इसीलिए कांग्रेस के प्रवक्ता ऐसी पोस्ट को वायरल कर रहे हैं और लगातार आगे बढ़ा रहे हैं लेकिन कांग्रेसी प्रवक्ताओं और नेताओं को समझना होगा कि इस तरह के झूठ से ना तो वह जीत सकते हैं और ना ही जनता के दिलों में जगह बना सकते हैं।
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