देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन लागू है. ऐसे में ना सिर्फ देश की आर्थिकी पर इसका गहरा असर पड़ रहा है, बल्कि आम जनजीवन भी अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं, उत्तराखंड राज्य की बात करें तो प्रदेश में अभी तक 68 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि, इनमें से ज्यादातर मरीज ठीक हो कर घर लौट चुके हैं.
अब राज्य सरकार के पास एक बड़ी चुनौती है कि किस तरह से उत्तराखंड को विकास की पटरी पर लाया जाए. क्या कुछ रणनीतियां बना रही हैं, उत्तराखंड सरकार और किस तरह से स्वास्थ्य व्यवस्था को मुकम्मल करने में जुटी हुई है. देखिए ईटीवी भारत से उत्तराखंड कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की खास बातचीत...
वैश्विक महामारी के चलते इन दिनों भारी संख्या में प्रवासी उत्तराखंड आ रहे हैं, जिसको लेकर त्रिवेंद्र सरकार काफी गंभीर नजर आ रही है. राज्य सरकार लगातार प्रवासियों को वापस लाने की कवायद में जुटी हुई है, क्योंकि सरकार का मानना है कि यह उत्तराखंड के लिए एक बड़ा अवसर है. भारी संख्या में प्रवासी अपने घर लौट रहे हैं. ऐसे में अगर वह यहीं रुक जाते हैं तो सरकार उन्हें स्वरोजगार के जरिए रोजगार मुहैया कराएगी.
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उत्तराखंड सरकार ने लगातार पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए पलायन आयोग का भी गठन किया था और हर वो हथकंडे अपनाए ताकि, लगातार हो रहे पलायन को रोका जा सके, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के चलते अब रिवर्स पलायन जोरों पर है. वहीं, प्रवासी उत्तराखंड सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें अपने राज्य वापस लाया जाए. इसे देखते हुए राज्य सरकार बसों, ट्रेनों के माध्यम से प्रवासियों को उत्तराखंड लाने में जुटी हुई है.
वहीं, एक ओर वैश्विक महामारी के चलते उत्तराखंड चारधाम यात्रा भी काफी प्रभावित हुई है. उत्तराखंड राज्य की आर्थिकी का एक बड़ा स्रोत पर्यटन पर ही टिका हुआ है, लेकिन लॉकडाउन के चलते पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया है. इसके साथ ही इस साल होने वाली चारधाम यात्रा भी बंद है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार लगातार की केंद्र सरकार से वार्ता कर चारधाम यात्रा शुरू करने और पर्यटन की अनुमति मांग रही है. ताकि, उत्तराखंड की आर्थिकी को पटरी पर लाया जा सके.