देहरादून: राज्य सरकार प्रदेश में देश-विदेश से सैलानियों को आकर्षित करने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है. जिससे प्रदेश में आने वाले सैलानियों की संख्या को बढ़ाने के साथ उन्हें पर्याप्त व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा सके. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने देहरादून से मसूरी तक रोपवे बनाने का निर्णय लिया था. कोरोना के चलते एनवायरनमेंटल क्लीयरेंस ना मिलने के कारण रोपवे का कार्य शुरू नहीं हो पाया है.
देहरादून के पुरकुल गांव से मसूरी लाइब्रेरी चौक तक 5.5 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण कराया जाएगा. करीब 300 करोड़ की लागत से बनने वाले इस रोपवे को फ्रांस और इंडिया की कंपनी के कॉलेब्रेशन से बनाया जाना है. रोपवे बन जाने से देहरादून से मसूरी जाने वाले सैलानियों को काफी राहत मिलेगी और देहरादून से मसूरी मात्र 16 मिनट में पहुंच जाएंगे.
रोपवे की खासबात यह है कि एक घंटे में करीब 1 एक हजार सैलानी एक तरफ से जा सकेंगे और उतने ही सैलानी दूसरे तरफ से वापस आ सकेंगे. ऐसे में रोपवे बन जाने के बाद सैलानियों को जाम में फंसने की नौबत नहीं आएगी. साथ ही सैलानी प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव भी कर पाएंगे. रोपवे का निर्माण कार्य पिछले साल ही शुरू होना था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से रोपवे निर्माण के लिए एनवायरनमेंटल क्लीयरेंस नहीं मिल पाया है.
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पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से एनवायरनमेंटल क्लीयरेंस नहीं मिल पाया है. क्योंकि एनवायरनमेंटल क्लीयरेंस लेने के लिए कम से कम 100 स्थानीय लोगों से बातचीत करनी होती है और उनसे राय जाननी होती है. कोरोना संक्रमण की वजह से अभीतक लोगों की राय नहीं ली जा सकी है. उन्होंने कहा कि जैसे ही स्थितियां सामान्य होंगी रोपवे बनाने का कार्य शुरू किया जाएगा.