देहरादून: कहते हैं एक सैनिक के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं होता, फिर चाहे वह सेना में अपनी सेवा दे रहा हो या फिर रिटायर हो. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पिथौरागढ़ के एक गोरखा राइफल से सेवानिवृत मोहन सिंह गुरुंग ने. दरअसल, मोहन सिंह अपनी एक अजीबो-गरीब कारनामे से जमकर सुर्खियां बटोर रहे हैं.
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दरअसल, गोरखा राइफल से साल 2014 में सेवानिवृत्त होने के बाद मोहन सिंह गुरुंग ने पर्यावरण की जागरुकता को लेकर उल्टा दौड़ने का फैसला किया. सेवानिवृत्त होने के बाद मोहन सिंह ने सबसे पहले उल्टा दौड़ने का अभ्यास आरंभ कर दिया. आज उनकी मेहनत और पर्यावरण के प्रति संकल्प और उनके जज्बे की बदौलत मोहन सिंह गुरुंग 60 मिनट में लगभग 10 किलोमीटर की उल्टी दौड़ लगाने में सक्षम हैं. गुरुंग के कड़े अभ्यास और मेहनत का ही नजीता है कि वो इस अनोखी दौड़ में सफलता प्राप्त की है.
मोहन सिंह का कहना है कि उल्टा दौड़ते हुए ट्रैफिक कंट्रोल करने के साथ-साथ लोगों की सुविधा का भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है. जिससे वजह से उनकी इस दौड़ से किसी को कोई परेशानी न हो. उन्होंने बताया कि वे नियमित रूप से खड़ी चढ़ाई और पहाड़ी ढलानों पर रोज एक घंटे तक अभ्यास करते हैं. इसके साथ ही पर्यावरण की जागरूकता के लिए समय-समय पर वृक्षारोपण करते रहते हैं, ताकि समाज को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुक किया जा सके.