देहरादून: उत्तराखंड में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई बार अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारी सड़कों को दुरुस्त करने में सुस्ती दिखा रहे हैं. इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री के आदेश पर दो इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है. शासन स्तर पर इन दोनों ही इंजीनियरों को निलंबित करने का आदेश भी जारी हो गया है.
उत्तराखंड में जल्द ही इन्वेस्टर समिट होने जा रहा है और इसके लिए देशभर के निवेशक उत्तराखंड पहुंचाने जा रहे हैं. उधर इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में विदेश से भी निवेशकों के पहुंचने की उम्मीद है. इन स्थितियों के बीच उत्तराखंड की सड़कें लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है और ऐसी स्थिति में यदि निवेशक उत्तराखंड आता है तो राज्य की छवि भी पूरे देश में खराब हो सकती है. लिहाजा सरकार भी राज्य में सड़कों की खराब हालत को सुधारने के लिए गंभीर दिखाई दे रही है और इसके लिए मुख्यमंत्री स्तर पर भी खुद कई बार निर्देश भी दिए जा चुके हैं. बड़ी बात यह है कि इस सबके बावजूद भी सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए हो रहे कामों में लापरवाही की जा रही है और इसी पर अब मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद दो इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है.
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लोक निर्माण विभाग के जिन दो अधिशासी अभियंताओं को निर्मित किया गया है, उनमें राजमार्ग खंड हल्द्वानी के अधिशासी अभियंता विजय कुमार और अस्थायी खंड ऋषिकेश के अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार शामिल हैं. दरअसल, भवाली क्षेत्र की सड़कों की स्थिति अभी बेहतर नहीं हो पाई है और इसको लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थी, जिसके आधार पर विजय कुमार को निलंबित किया गया है. इसी तरह जोगीवाला लाडपुर रायपुर रोड शहर द्वारा क्रॉसिंग से होते हुए खैरी मानसिंह के पास सड़क चौड़ीकरण सौंदर्यीकरण के काम में लापरवाही को देखते हुए धीरेंद्र कुमार को निलंबित किया गया है. सरकार ने साफ कर दिया है कि सड़क के निर्माण में गुणवत्ता पर किसी तरह कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उसके साथ ही सभी अधिकारियों को सड़कों की स्थिति बेहतर करने और गुणवत्ता युक्त सड़कें बनाने के लिए भी एक बार फिर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.