देहरादून: उत्तराखंड ऊर्जा विभाग में अभियंताओं के तबादलों को लेकर वैसे तो समय-समय पर सूची जारी होती रहती है, लेकिन, मजे की बात यह है कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में अभी ऐसे कई अभियंता हैं जो मुख्यालय स्तर पर सालों से डटे हुए हैं. यही नहीं कई अभियंता तो ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी नौकरी का अधिकतर हिस्सा एक ही जगह पर काट लिया है.कुल मिलाकर देखें तो ऊर्जा विभाग में कई अभियंता तबादला व्यवस्था से दूर सुगम क्षेत्रों में ही मौज काट रहे हैं.
उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के मुख्यालय में अभियंताओं की ऐसी बड़ी भारी संख्या है जो पिछले कई सालों से यहां डटी हुई है. यही नहीं विभिन्न जिलों में भी कई अभियंता ऊर्जा निगम के मुख्यालय और शासन की लीला हवाली के चलते मौज काट रहे हैं. बता दें ऊर्जा निगम में स्थानांतरण को लेकर समय-समय पर सवाल खड़े होते रहे हैं. कई अभियंताओं के एक ही स्थान पर तैनात रहने और प्रमोशन के बावजूद भी स्थानांतरण ना होने की भी बात सामने आती रही है. कई अभियंता तो ऐसे हैं जो अपनी नौकरी का अधिकतर हिस्सा एक ही स्थान पर बिता चुके हैं. बड़ी बात यह है कि ना तो मुख्यालय से ऐसी तैनातियों को लेकर कभी सख्ती दिखाई दी है और ना ही शासन स्तर पर कभी इसके आकलन के लिए दिशा निर्देश जारी हुए हैं.
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जानकार बताते हैं मुख्यालय में कुछ ऐसे अभियंता भी हैं जो पिछले लंबे समय से यहां पर एक ही जिम्मेदारी संभाले हुए हैं. इसी तरह बेहद महत्वपूर्ण हरिद्वार जैसे मैदानी जिले में भी कई अभियंताओं का लगातार बने रहना सवाल खड़े कर रहा है. अभियंताओं का इस तरह एक ही जिम्मेदारी पर लंबे समय तक बने रहने की क्या वजह है इसको आसानी से समझना मुश्किल है. वैसे माना ही जाता है कि चहेते अभियंताओं को एवं महत्वपूर्ण जगहों की जिम्मेदारी दी जाती रही है, बल्कि ऐसे अभियंताओं का लंबे समय तक स्थानांतरण भी नहीं किया जाता. हालांकि, अब इस मामले में सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम कहते हैं वह प्रबंध निदेशक से इसके मद्देनजर बातचीत करेंगे. इसके बाद उचित दिशा निर्देश भी जारी करेंगे.