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Kumbh Fake Covid Test: चौतरफा घिरते लैब संचालक, ED की छापे से बढ़ीं मुश्किलें

हरिद्वार कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से केस की जांच शुरू कर दी है. हरिद्वार कुंभ कोरोना टेस्ट से जुड़ी कई लैब पर ईडी शुक्रवार से छापेमारी कर रही है. ऐसे में लैब संचालकों की मुश्किलें बढ़नी तय है.

Kumbh Fake Covid Test
हरिद्वार कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा
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Published : Aug 7, 2021, 8:01 PM IST

Updated : Aug 7, 2021, 9:19 PM IST

देहरादून: हरिद्वार कुंभ में कोरोना टेस्ट का फर्जीवाड़ा मामला तुल पकड़ता जा रहा है. कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े मामले में तमाम लैब संचालक चौतरफा घिरते हुए नजर आ रहे है. राज्य सरकार पहले से ही पुलिस और प्रशासन से इस मामले की जांच कर रही है. वहीं अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग की आशंकाओं को लेकर इस मामले में जांच शुरू कर दी है.

कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े मामले में पहले से ही मुश्किलों में घिरे लैब संचालकों की परेशानी इंफोर्समेंट डायरेक्टर (ED) ने और बढ़ा दी है. एसआईटी जहां इस मामले में लैब संचालकों को गिरफ्तार करने में जुटी है. वहीं लैब संचालक नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में जाकर गिरफ्तारी के बचने के प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की आशंकाओं के तहत उन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

चौतरफा घिरते लैब संचालक.

पढ़ें- कुंभ के दौरान फर्जी कोरोना टेस्टिंग में ईडी ने किए कई खुलासे, दिल्ली से देहरादून तक छापे

डीएनए लैब ने की पुष्टि: बता दें कि शुक्रवार से ही ईडी उन लैबों पर छापेमारी कर रही है, जिन्होंने हरिद्वार कुंभ में कोरोना टेस्ट किए थे. इसमें से एक डीएनए लैब थी. इसकी पुष्टि खुद डीएनए लैब के संचालक डॉ. नरोत्तम शर्मा ने की. सरकार ने हरिद्वार कुंभ में 11 लैबों को कोरोना टेस्ट की जिम्मेदारी थी.

ईडी ने खंगाले दस्तावेज: डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि ईडी उनके यहां से कई दस्तावेज लेकर गई है. ईडी हरिद्वार कुंभ में जांच करने वाली सभी लैबों के यहां से कुछ दस्तावेज लेकर गई है. डीएनए लैब को सरकार ने हरिद्वार कुंभ में दो-तीन महीने ही कोरोन जांच करने की अनुमति दी थी.

लैब संचालक से की पूछताछ: डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि ईडी उनके यहां से हरिद्वार कुंभ में कोरोना जांच की अनुमति के कुछ दस्तावेज लेकर गई है. इसके अलावा उनके कुछ पूछताछ भी की है. डॉ. नरोत्तम शर्मा ने कहा कि वे इस मामले में ईडी का पूरा सहयोग करेंगे. बाकी आने वाले समय में पता चल जाएगा.

पढ़ें- Kumbh Covid Test Scam: हिसार नलवा लैब पर ED का छापा, 18 अधिकारी जांच में जुटे

दोषियों पर होगी कार्रवाई: वहीं इस मामले पर उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार कुंभ के दौरान जितने भी फर्जी टेस्ट हुए है, उनकी जांच कराई जा रही है और जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पंजाब के इस व्यक्ति ने किया था फर्जीवाड़े का खुलासा: बता दें कि हरिद्वार कुंभ में श्रद्धालुओं और साधु-संतों की जांच के लिए सरकार ने 11 लैबों को अधिकृत किया था. कुंभ के दौरान कुछ कोरोना जांच रिपोर्ट फर्जी पाई गई थी. इसका खुलासा भी पंजाब के एक व्यक्ति ने किया था.

दरअसल, पंजाब के एक व्यक्ति को फोन गया था कि उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जो उन्होंने हरिद्वार में कराई थी. लेकिन हैरानी की बात ये थी कि उक्त व्यक्ति कुंभ के दौरान हरिद्वार ही नहीं आया था और न ही उसने कोई टेस्ट कराया था. ऐसे में उसने मामले की पूरी जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया.

आईसीएमआर ने लिया था मामले का संज्ञान: इसके बाद उस व्यक्ति ने आईसीएमआर को एक मेल किया. आईसीएमआर ने मामले का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव से जवाब मांगा. स्वास्थ्य सचिव ने मामले की जांच कराई तो पता चला कि कुंभ में की गई करीब एक लाख जांच संदेह के घेरे में आई. तभी से इस मामले की जांच चल रही है.

पढ़ें- कुंभ फर्जी कोविड रिपोर्ट: हरिद्वार सहित तीन राज्यों में ED का छापा, 30 लाख नकद, फर्जी बिल बरामद

तीन लैब पर हुआ था मुकदमा दर्ज: वहीं हरिद्वार के तत्कालीन जिलाधिकारी सी. रविशकर ने इस मामले की जांच के लिए मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया है. इसके अलावा हरिद्वार सीएमओ ने जिलाधिकारी के निर्देश पर मैक्स कॉरपोरेट सर्विस और उसकी दो लैब डॉ. लालचंदानी और नलवा के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया. मुकदमा दर्ज होने के बाद हरिद्वार एसएसपी ने जांच के लिए एक एसआईटी का गठन भी किया है. वहीं मैक्स कॉरपोरेट सर्विस, डॉ लालचंदानी और नलवा लैब गिरफ्तार से बचने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट भी गए थे. नैनीताल हाईकोर्ट ने तीनों कंपनियों के संचालकों की गिरफ्तार पर रोक लगा रखी है.

पढ़ें- Kumbh Fake Covid Test: राज्य सरकार को झटका, प्रार्थना पत्र निरस्त

डाटा पर भी खड़े हुए थे सवाल: हरिद्वार कुंभ के दौरान की गई कोरोना जांच पर सवाल खड़े करने का एक बड़ा कारण यह भी था कि उस दौरान पूर प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी दर 5.3 प्रतिशत थी और हरिद्वार में .18 प्रतिशत. जबकि हरिद्वार में उस दौरान सबसे ज्यादा भीड़ भी थी और जांच भी सबसे ज्यादा की गई है, लेकिन पॉजिटिविटी दर मात्र .18 प्रतिशत थी.

ये भी एक कारण है कि ईडी उन तमाब लैब पर छापेमारी कर रही है, जिन लैब को कुंभ में कोरोना जांच की जिम्मेदारी दी गई थी. ईडी को आशंका है कि अवैध वित्तीय लाभ अर्जित करने के लिए फर्जी बिल बनाए गए है. हालांकि इसकी तस्वीर तो ईडी समेत अन्य एजेंसियों की जांच के बाद ही पूरी हो पाएगी.

देहरादून: हरिद्वार कुंभ में कोरोना टेस्ट का फर्जीवाड़ा मामला तुल पकड़ता जा रहा है. कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े मामले में तमाम लैब संचालक चौतरफा घिरते हुए नजर आ रहे है. राज्य सरकार पहले से ही पुलिस और प्रशासन से इस मामले की जांच कर रही है. वहीं अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग की आशंकाओं को लेकर इस मामले में जांच शुरू कर दी है.

कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े मामले में पहले से ही मुश्किलों में घिरे लैब संचालकों की परेशानी इंफोर्समेंट डायरेक्टर (ED) ने और बढ़ा दी है. एसआईटी जहां इस मामले में लैब संचालकों को गिरफ्तार करने में जुटी है. वहीं लैब संचालक नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में जाकर गिरफ्तारी के बचने के प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की आशंकाओं के तहत उन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

चौतरफा घिरते लैब संचालक.

पढ़ें- कुंभ के दौरान फर्जी कोरोना टेस्टिंग में ईडी ने किए कई खुलासे, दिल्ली से देहरादून तक छापे

डीएनए लैब ने की पुष्टि: बता दें कि शुक्रवार से ही ईडी उन लैबों पर छापेमारी कर रही है, जिन्होंने हरिद्वार कुंभ में कोरोना टेस्ट किए थे. इसमें से एक डीएनए लैब थी. इसकी पुष्टि खुद डीएनए लैब के संचालक डॉ. नरोत्तम शर्मा ने की. सरकार ने हरिद्वार कुंभ में 11 लैबों को कोरोना टेस्ट की जिम्मेदारी थी.

ईडी ने खंगाले दस्तावेज: डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि ईडी उनके यहां से कई दस्तावेज लेकर गई है. ईडी हरिद्वार कुंभ में जांच करने वाली सभी लैबों के यहां से कुछ दस्तावेज लेकर गई है. डीएनए लैब को सरकार ने हरिद्वार कुंभ में दो-तीन महीने ही कोरोन जांच करने की अनुमति दी थी.

लैब संचालक से की पूछताछ: डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि ईडी उनके यहां से हरिद्वार कुंभ में कोरोना जांच की अनुमति के कुछ दस्तावेज लेकर गई है. इसके अलावा उनके कुछ पूछताछ भी की है. डॉ. नरोत्तम शर्मा ने कहा कि वे इस मामले में ईडी का पूरा सहयोग करेंगे. बाकी आने वाले समय में पता चल जाएगा.

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दोषियों पर होगी कार्रवाई: वहीं इस मामले पर उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार कुंभ के दौरान जितने भी फर्जी टेस्ट हुए है, उनकी जांच कराई जा रही है और जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पंजाब के इस व्यक्ति ने किया था फर्जीवाड़े का खुलासा: बता दें कि हरिद्वार कुंभ में श्रद्धालुओं और साधु-संतों की जांच के लिए सरकार ने 11 लैबों को अधिकृत किया था. कुंभ के दौरान कुछ कोरोना जांच रिपोर्ट फर्जी पाई गई थी. इसका खुलासा भी पंजाब के एक व्यक्ति ने किया था.

दरअसल, पंजाब के एक व्यक्ति को फोन गया था कि उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जो उन्होंने हरिद्वार में कराई थी. लेकिन हैरानी की बात ये थी कि उक्त व्यक्ति कुंभ के दौरान हरिद्वार ही नहीं आया था और न ही उसने कोई टेस्ट कराया था. ऐसे में उसने मामले की पूरी जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया.

आईसीएमआर ने लिया था मामले का संज्ञान: इसके बाद उस व्यक्ति ने आईसीएमआर को एक मेल किया. आईसीएमआर ने मामले का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव से जवाब मांगा. स्वास्थ्य सचिव ने मामले की जांच कराई तो पता चला कि कुंभ में की गई करीब एक लाख जांच संदेह के घेरे में आई. तभी से इस मामले की जांच चल रही है.

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तीन लैब पर हुआ था मुकदमा दर्ज: वहीं हरिद्वार के तत्कालीन जिलाधिकारी सी. रविशकर ने इस मामले की जांच के लिए मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया है. इसके अलावा हरिद्वार सीएमओ ने जिलाधिकारी के निर्देश पर मैक्स कॉरपोरेट सर्विस और उसकी दो लैब डॉ. लालचंदानी और नलवा के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया. मुकदमा दर्ज होने के बाद हरिद्वार एसएसपी ने जांच के लिए एक एसआईटी का गठन भी किया है. वहीं मैक्स कॉरपोरेट सर्विस, डॉ लालचंदानी और नलवा लैब गिरफ्तार से बचने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट भी गए थे. नैनीताल हाईकोर्ट ने तीनों कंपनियों के संचालकों की गिरफ्तार पर रोक लगा रखी है.

पढ़ें- Kumbh Fake Covid Test: राज्य सरकार को झटका, प्रार्थना पत्र निरस्त

डाटा पर भी खड़े हुए थे सवाल: हरिद्वार कुंभ के दौरान की गई कोरोना जांच पर सवाल खड़े करने का एक बड़ा कारण यह भी था कि उस दौरान पूर प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी दर 5.3 प्रतिशत थी और हरिद्वार में .18 प्रतिशत. जबकि हरिद्वार में उस दौरान सबसे ज्यादा भीड़ भी थी और जांच भी सबसे ज्यादा की गई है, लेकिन पॉजिटिविटी दर मात्र .18 प्रतिशत थी.

ये भी एक कारण है कि ईडी उन तमाब लैब पर छापेमारी कर रही है, जिन लैब को कुंभ में कोरोना जांच की जिम्मेदारी दी गई थी. ईडी को आशंका है कि अवैध वित्तीय लाभ अर्जित करने के लिए फर्जी बिल बनाए गए है. हालांकि इसकी तस्वीर तो ईडी समेत अन्य एजेंसियों की जांच के बाद ही पूरी हो पाएगी.

Last Updated : Aug 7, 2021, 9:19 PM IST
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