देहरादून: उत्तराखंड में ऊर्जा कर्मचारियों (Uttarakhand Energy Employees) ने एक बार फिर अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का मन बना लिया है. इसके लिए कर्मचारियों ने 31 दिसंबर से हड़ताल का दिन भी तय कर लिया है लिहाजा चुनाव आचार संहिता लगने से पहले अब सरकार पर ऊर्जा कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का जबर्दस्त दबाव है.
प्रदेश में ऊर्जा कर्मचारी एक बार फिर आंदोलित दिखाई दे रहे हैं. इस बार कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए 31 दिसंबर से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. इसके लिए सरकार को कर्मचारियों की तरफ से नोटिस भी दिया जा चुका है. बता दें कि पूर्व में राज्य सरकार से कई दौर की बातचीत इन कर्मचारियों ने की थी और हड़ताल भी स्थगित करते हुए सरकार के वायदों को मानते हुए जल्द फैसला किए जाने की उम्मीद जताई थी. लेकिन अब तक इस मामले पर कोई फैसला नहीं होने के कारण कर्मचारियों ने एक बार फिर सरकार को नोटिस दे दिया है.
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कर्मचारियों की 14 सूत्रीय मांगे हैं जिसमें तीन महत्वपूर्ण मांगों में एसीपी का पूर्व की तरह लाभ दिए जाने, उपनल कर्मचारियों की स्थाई नियुक्ति और समान कार्य समान वेतन की मांग साथ ही पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल किए जाने की मांग शामिल है. इस मामले पर अब सरकार पर भी जबरदस्त दबाव है कि आचार संहिता लगने से पहले इन कर्मचारियों की मांगों को पूरा किया जाए वैसे ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत कह चुके हैं कि आने वाली कैबिनेट या उसकी अगली कैबिनेट में इन कर्मचारियों का मुद्दा लाया जाएगा और इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जल्द से जल्द इन कर्मचारियों की मांगों को लेकर किसी निश्चित निर्णय को लिया जाए, ताकि इन कर्मचारियों की मांगों पर फाइनल निर्णय हो सकें.