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सरकार और ऊर्जा निगम कर्मचारियों के बीच सकारात्मक रही बैठक, आज निकल सकता है कोई हल

मुख्य सचिव एसएस संधू और ऊर्जा कर्मचारियों को बातचीत सकारात्मक रही है. ऐसे में कर्मचारियों की 14 सूत्रीय मांगों को लेकर जल्द ही कोई हल निकल सकता है. आज एक बार फिर मुख्य सचिव ऊर्जा कर्मचारियों के साथ बैठक करेंगे.

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देहरादून
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Published : Oct 4, 2021, 6:40 PM IST

Updated : Oct 5, 2021, 8:10 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में ऊर्जा कर्मचारियों ने अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर 6 अक्टूबर से हड़ताल की घोषणा की है, तो वहीं, निगम प्रबंधन ने दूसरे राज्यों समेत बाकी विभागों से मदद लेने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. इसी बीच मुख्य सचिव एसएस संधू ने सोमवार शाम ऊर्जा कर्मचारियों से बातचीत की और बताया जा रहा है कि यह बातचीत सकारात्मक रही है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही ऊर्जा कर्मचारियों की मांगों को लेकर कोई हल निकल सकता है. वहीं, आज भी मुख्यसचिव ऊर्जा निगम के कर्मचारियों से बातचीत करेंगे. इस बैठक में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी शामिल हो सकते हैं.

गौर हो कि राज्य में ऊर्जा कर्मचारियों की मांगों पर लंबे समय से कोई विचार न होने के चलते कर्मचारियों ने अब हड़ताल ऐलान किया है. वहीं, बीती जुलाई में हड़ताल के कुछ घंटों में ही सरकार को करीब 400 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा था. ऐसे में इन परिस्थितियों को देखते हुए ऊर्जा निगम प्रबंधन ने हड़ताल से पहले ही बिजली व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए विभिन्न वैकल्पिक व्यवस्थाएं बनानी शुरू कर दी हैं. वहीं, सोमवार को मुख्यसचिव एसएस संधू ने ऊर्जा कर्मचारियों को बातचीत के लिए बुलाया था. बताया जा रहा है कि यह बैठक सकारात्मक रही और जल्द ही ऊर्जा कर्मचारियों की मांगों को लेकर हल निकल सकता है.

हड़ताल, बुलावा और झटका

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में 3 महीने के लिए रासुका लागू, हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए उठाया कदम

अन्य राज्यों से बुलाए कर्मचारीः केंद्र की विद्युत से जुड़ी एजेंसियों समेत हिमाचल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी कर्मचारियों को बुलाया गया है. बताया जा रहा है कि कुछ कर्मचारी उत्तराखंड में सब स्टेशन चलाने के लिए पहुंच गए हैं और उन्हें जरूरी जानकारियां भी दे दी गई हैं.

UPCL ने की तैयारीः उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक दीपक रावत कहते हैं कि प्रबंधन की तरफ से हड़ताल के दौरान कोई दिक्कत राज्य में न हो इसके लिए सभी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है. इसके अलावा स्वास्थ्य समेत जरूरी सेवाओं से जुड़े विभागों को भी अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने संबंधी पत्र भेजे गए हैं ताकि हड़ताल के दौरान किसी को कोई परेशानी न हो.

एश्योर करियर प्रोग्रेस पर फंसा पेंचः ऊर्जा निगम कर्मचारियों की 14 सूत्रीय मांगे हैं, जिसमें से कई मांगों पर शासन ने बातचीत हो चुकी है और आश्वासन भी मिला है. लेकिन कर्मचारियों की एसीपी (एश्योर करियर प्रोग्रेस) की मांग पर अब भी पेंच फंसा हुआ है. ये मांग पूरा न होता देख कर्मचारी हड़ताल का रुख कर रहे हैं. बड़ी बात ये है कि ऊर्जा निगम में वॉक इन इंटरव्यू के जरिए जेई और एई की भर्ती की जा रही है, हालांकि यह भर्ती फिलहाल 11 महीने के लिए ही होगी.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा की समीक्षा: CM बोले- एक भी यात्री को होगी परेशानी तो 'मुख्य सेवक' को होगा दुख

एक तरफ ऊर्जा निगम प्रबंधन की तरफ से हड़ताल की स्थितियों को देखते हुए तैयारियां की जा रही हैं, दूसरी तरफ कर्मचारी भी हड़ताल के लिए अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं. खास बात ये है कि कुछ मांगों के पूरा होने की दशा में भी कर्मचारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.

अन्य संगठनों का मिला समर्थनः ऊर्जा निगम कर्मचारियों को अधिकारी-कर्मचारी शिक्षक महासंघ के साथ ही बिजली यूनियन से जुड़े राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है. खबर है कि हड़ताल से पहले ऊर्जा निगम कर्मचारियों के नेताओं की गिरफ्तारी भी की जा सकती है. आपको बता दें कि राज्य में एस्मा लागू है. लिहाजा, हड़ताल करने की दिशा में कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा सकता है.

हड़ताल में ऊर्जा निगम प्रबंधन ने लगाई सेंध: उधर, उत्तराखंड में ऊर्जा कर्मचारियों की 6 अक्टूबर से होने वाली हड़ताल को लेकर निगम प्रबंधन को पहली कामयाबी मिल गई है. दरअसल, ऊर्जा निगम में उपनल कर्मियों के एक खेमे ने हड़ताल पर नहीं जाने का फैसला लिया है. हालांकि, राज्य में ऐसे कर्मचारियों की संख्या बेहद कम है, लेकिन ये हड़ताल से पहले ऊर्जा कर्मचारियों का मनोबल तोड़ने वाली खबर है.

इन दिनों ऊर्जा निगम प्रबंधन कर्मचारियों की हड़ताल से पहले ही हड़ताल को रोकने की पुरजोर कोशिश कर रहा है. इस दिशा में निगम प्रबंधन को आज तब कामयाबी मिली जब ऊर्जा निगम में काम करने वाले उपनल कर्मियों के एक गुट ने हड़ताल पर नहीं जाने की सहमति दे दी. इन उपनल कर्मियों ने बताया कि प्रदेश में उनकी संख्या एक हजार से ज्यादा है और उनके हड़ताल में न जाने से कई सब स्टेशन पर इसका फर्क पड़ेगा, ऊर्जा कर्मचारियों ने बताया कि ऊर्जा निगम प्रबंधन की तरफ से उन्हें रात्रि भत्ता, रिस्क भत्ता समेत वेतन में बढ़ोत्तरी किए जाने का आश्वासन दे दिया गया है और जल्द ही इसका आदेश भी जारी हो जाएगा.

हड़ताल और जाने वाले ऊर्जा कर्मियों की तमाम तैयारियों के बीच इस तरह कुछ कर्मचारियों का हड़ताल पर नहीं जाने का फैसला कर्मचारियों का मनोबल तोड़ने वाला है और अब इसका असर हड़ताल पर भी कुछ जगह में पड़ सकता है. हालांकि, इस मामले में उपनल कर्मचारी संगठन के विद्युत निगम के अध्यक्ष विनोद कवि ने बताया कि उनके साथ उपनल कर्मचारियों की बड़ी संख्या है. हड़ताल पर कुछ उपलब्ध कर्मचारियों के ना आने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यदि मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो उपनलकर्मी ऊर्जा निगम के बाकी कर्मचारियों के साथ हड़ताल पर जुटे रहेंगे. हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि मुख्यसचिव से ऊर्जा कर्मचारियों की बैठक के बाद जल्द ही कोई हल निकल जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड में ऊर्जा कर्मचारियों ने अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर 6 अक्टूबर से हड़ताल की घोषणा की है, तो वहीं, निगम प्रबंधन ने दूसरे राज्यों समेत बाकी विभागों से मदद लेने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. इसी बीच मुख्य सचिव एसएस संधू ने सोमवार शाम ऊर्जा कर्मचारियों से बातचीत की और बताया जा रहा है कि यह बातचीत सकारात्मक रही है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही ऊर्जा कर्मचारियों की मांगों को लेकर कोई हल निकल सकता है. वहीं, आज भी मुख्यसचिव ऊर्जा निगम के कर्मचारियों से बातचीत करेंगे. इस बैठक में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी शामिल हो सकते हैं.

गौर हो कि राज्य में ऊर्जा कर्मचारियों की मांगों पर लंबे समय से कोई विचार न होने के चलते कर्मचारियों ने अब हड़ताल ऐलान किया है. वहीं, बीती जुलाई में हड़ताल के कुछ घंटों में ही सरकार को करीब 400 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा था. ऐसे में इन परिस्थितियों को देखते हुए ऊर्जा निगम प्रबंधन ने हड़ताल से पहले ही बिजली व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए विभिन्न वैकल्पिक व्यवस्थाएं बनानी शुरू कर दी हैं. वहीं, सोमवार को मुख्यसचिव एसएस संधू ने ऊर्जा कर्मचारियों को बातचीत के लिए बुलाया था. बताया जा रहा है कि यह बैठक सकारात्मक रही और जल्द ही ऊर्जा कर्मचारियों की मांगों को लेकर हल निकल सकता है.

हड़ताल, बुलावा और झटका

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अन्य राज्यों से बुलाए कर्मचारीः केंद्र की विद्युत से जुड़ी एजेंसियों समेत हिमाचल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी कर्मचारियों को बुलाया गया है. बताया जा रहा है कि कुछ कर्मचारी उत्तराखंड में सब स्टेशन चलाने के लिए पहुंच गए हैं और उन्हें जरूरी जानकारियां भी दे दी गई हैं.

UPCL ने की तैयारीः उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक दीपक रावत कहते हैं कि प्रबंधन की तरफ से हड़ताल के दौरान कोई दिक्कत राज्य में न हो इसके लिए सभी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है. इसके अलावा स्वास्थ्य समेत जरूरी सेवाओं से जुड़े विभागों को भी अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने संबंधी पत्र भेजे गए हैं ताकि हड़ताल के दौरान किसी को कोई परेशानी न हो.

एश्योर करियर प्रोग्रेस पर फंसा पेंचः ऊर्जा निगम कर्मचारियों की 14 सूत्रीय मांगे हैं, जिसमें से कई मांगों पर शासन ने बातचीत हो चुकी है और आश्वासन भी मिला है. लेकिन कर्मचारियों की एसीपी (एश्योर करियर प्रोग्रेस) की मांग पर अब भी पेंच फंसा हुआ है. ये मांग पूरा न होता देख कर्मचारी हड़ताल का रुख कर रहे हैं. बड़ी बात ये है कि ऊर्जा निगम में वॉक इन इंटरव्यू के जरिए जेई और एई की भर्ती की जा रही है, हालांकि यह भर्ती फिलहाल 11 महीने के लिए ही होगी.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा की समीक्षा: CM बोले- एक भी यात्री को होगी परेशानी तो 'मुख्य सेवक' को होगा दुख

एक तरफ ऊर्जा निगम प्रबंधन की तरफ से हड़ताल की स्थितियों को देखते हुए तैयारियां की जा रही हैं, दूसरी तरफ कर्मचारी भी हड़ताल के लिए अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं. खास बात ये है कि कुछ मांगों के पूरा होने की दशा में भी कर्मचारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.

अन्य संगठनों का मिला समर्थनः ऊर्जा निगम कर्मचारियों को अधिकारी-कर्मचारी शिक्षक महासंघ के साथ ही बिजली यूनियन से जुड़े राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है. खबर है कि हड़ताल से पहले ऊर्जा निगम कर्मचारियों के नेताओं की गिरफ्तारी भी की जा सकती है. आपको बता दें कि राज्य में एस्मा लागू है. लिहाजा, हड़ताल करने की दिशा में कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा सकता है.

हड़ताल में ऊर्जा निगम प्रबंधन ने लगाई सेंध: उधर, उत्तराखंड में ऊर्जा कर्मचारियों की 6 अक्टूबर से होने वाली हड़ताल को लेकर निगम प्रबंधन को पहली कामयाबी मिल गई है. दरअसल, ऊर्जा निगम में उपनल कर्मियों के एक खेमे ने हड़ताल पर नहीं जाने का फैसला लिया है. हालांकि, राज्य में ऐसे कर्मचारियों की संख्या बेहद कम है, लेकिन ये हड़ताल से पहले ऊर्जा कर्मचारियों का मनोबल तोड़ने वाली खबर है.

इन दिनों ऊर्जा निगम प्रबंधन कर्मचारियों की हड़ताल से पहले ही हड़ताल को रोकने की पुरजोर कोशिश कर रहा है. इस दिशा में निगम प्रबंधन को आज तब कामयाबी मिली जब ऊर्जा निगम में काम करने वाले उपनल कर्मियों के एक गुट ने हड़ताल पर नहीं जाने की सहमति दे दी. इन उपनल कर्मियों ने बताया कि प्रदेश में उनकी संख्या एक हजार से ज्यादा है और उनके हड़ताल में न जाने से कई सब स्टेशन पर इसका फर्क पड़ेगा, ऊर्जा कर्मचारियों ने बताया कि ऊर्जा निगम प्रबंधन की तरफ से उन्हें रात्रि भत्ता, रिस्क भत्ता समेत वेतन में बढ़ोत्तरी किए जाने का आश्वासन दे दिया गया है और जल्द ही इसका आदेश भी जारी हो जाएगा.

हड़ताल और जाने वाले ऊर्जा कर्मियों की तमाम तैयारियों के बीच इस तरह कुछ कर्मचारियों का हड़ताल पर नहीं जाने का फैसला कर्मचारियों का मनोबल तोड़ने वाला है और अब इसका असर हड़ताल पर भी कुछ जगह में पड़ सकता है. हालांकि, इस मामले में उपनल कर्मचारी संगठन के विद्युत निगम के अध्यक्ष विनोद कवि ने बताया कि उनके साथ उपनल कर्मचारियों की बड़ी संख्या है. हड़ताल पर कुछ उपलब्ध कर्मचारियों के ना आने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यदि मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो उपनलकर्मी ऊर्जा निगम के बाकी कर्मचारियों के साथ हड़ताल पर जुटे रहेंगे. हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि मुख्यसचिव से ऊर्जा कर्मचारियों की बैठक के बाद जल्द ही कोई हल निकल जाएगा.

Last Updated : Oct 5, 2021, 8:10 AM IST
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