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उत्तराखंड में भू-माफिया के हौसले बुलंद, IMA के प्रतिबंधित क्षेत्र में हो रही प्लॉटिंग

IMA के प्रतिबंधित क्षेत्र में जिस तरह से प्लॉटिंग की जा रही है, उससे तो यही लगता है कि ये सब कुछ अधिकारियों की सांठगांठ से किया जा रहा है. क्योंकि इतने संवेदनशील क्षेत्र में बिना अधिकारियों की जानकारी से इस काम को अंजाम देना मुश्किल है.

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Published : Nov 20, 2019, 10:45 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 11:38 PM IST

encroachment in dehradun

देहरादून: उत्तराखंड भू-माफिया के हौसले कितने बुलंद है इसकी एक बानगी राजधानी देहरादून में देखने को मिल सकती है. जहां बेखौफ होकर भू-माफिया भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के आसपास के प्रतिबंधित क्षेत्र में अतिक्रमण कर सैन्य अकादमी की सुरक्षा में सेंधमारी करने में लगे हैं.

बता दें कि कैंट क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रेमनगर इलाके के केहरी गांव में भू-माफिया ने पहले तो प्रतिबंधित ग्रीन बेल्ट इलाके में अवैध तरीके से फलदार पेड़ों का कटान किया. उसके बाद प्लॉटिंग यहां पर प्लॉटिंग कर कॉलोनी बनाई जा रही है. ताज्जुब तो इस बात का है कि शासन-प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है.

उत्तराखंड में भू-माफिया के हौसले बुलंद.

पढ़ें- नौ साल बाद घर लौटा ITBP का जवान, दिल्ली के कनाट प्लेस के पास मंदिर में मिला, अब खुलेंगे कई राज

ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर जाकर इसकी पड़ताल की है. जब इस बारे में ईटीवी भारत ने जमीन के मालिक यशपाल मेहंदीरत्ता से बात कि तो उन्होंने कहा कि आईएमए से लगती हुई उनकी भूमि दशकों पहले से ही ग्रीन बेल्ट कृषि भूमि के अंतर्गत आती है. ऐसे में उन्होंने कृषि करने के लिए अपनी पुश्तैनी भूमि को प्रॉपर्टी डीलर को बेचा था, लेकिन आज अगर उस कृषि वाली भूमि में फलदार पेड़ों को कैंट बोर्ड परमिशन के बगैर काटकर प्लॉटिंग की जा रही है, वो गैरकानूनी है.

वहीं, इसके बाद प्रतिबंधित क्षेत्र में प्लॉटिंग कर रहे है राजेन्द्र अग्रवाल से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने भी इस मामले में अपनी सफाई पेश की. अग्रवाल का कहना है कि वे कई बार कैंट बोर्ड से इस क्षेत्र को आवासीय क्षेत्र घोषित करने की अपील कर चुके हैं. अभीतक कैंट बोर्ड से कोई परमिशन नहीं मिली है. हालांकि, पेड़ काटने के बारे में जब उन से पूछ गया तो उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात कहकर इस मामले से पल्ला झाड़ दिया.

पढ़ें- प्रतिबंध के बाद भी नहीं थम रहा प्लास्टिक का इस्तेमाल, 65 कट्टे पॉलीथिन बरामद

इस मामले में कैंट बोर्ड की सीईओ तनु जैन का कहना है कि आईएमए से सटे प्रतिबंधित क्षेत्र (ग्रीन बेल्ट) में किसी भी तरह की आवासीय प्लॉटिंग प्रतिबंधित है. यदि ऐसा हो रहा है तो ये आईएमए की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है. जैन के मुताबिक, वो खुद वहां जाकर निरीक्षण करेंगी और इसके बाद पुलिस-प्रशासन की मदद से अवैध प्लॉटिंग को रोका जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड भू-माफिया के हौसले कितने बुलंद है इसकी एक बानगी राजधानी देहरादून में देखने को मिल सकती है. जहां बेखौफ होकर भू-माफिया भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के आसपास के प्रतिबंधित क्षेत्र में अतिक्रमण कर सैन्य अकादमी की सुरक्षा में सेंधमारी करने में लगे हैं.

बता दें कि कैंट क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रेमनगर इलाके के केहरी गांव में भू-माफिया ने पहले तो प्रतिबंधित ग्रीन बेल्ट इलाके में अवैध तरीके से फलदार पेड़ों का कटान किया. उसके बाद प्लॉटिंग यहां पर प्लॉटिंग कर कॉलोनी बनाई जा रही है. ताज्जुब तो इस बात का है कि शासन-प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है.

उत्तराखंड में भू-माफिया के हौसले बुलंद.

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ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर जाकर इसकी पड़ताल की है. जब इस बारे में ईटीवी भारत ने जमीन के मालिक यशपाल मेहंदीरत्ता से बात कि तो उन्होंने कहा कि आईएमए से लगती हुई उनकी भूमि दशकों पहले से ही ग्रीन बेल्ट कृषि भूमि के अंतर्गत आती है. ऐसे में उन्होंने कृषि करने के लिए अपनी पुश्तैनी भूमि को प्रॉपर्टी डीलर को बेचा था, लेकिन आज अगर उस कृषि वाली भूमि में फलदार पेड़ों को कैंट बोर्ड परमिशन के बगैर काटकर प्लॉटिंग की जा रही है, वो गैरकानूनी है.

वहीं, इसके बाद प्रतिबंधित क्षेत्र में प्लॉटिंग कर रहे है राजेन्द्र अग्रवाल से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने भी इस मामले में अपनी सफाई पेश की. अग्रवाल का कहना है कि वे कई बार कैंट बोर्ड से इस क्षेत्र को आवासीय क्षेत्र घोषित करने की अपील कर चुके हैं. अभीतक कैंट बोर्ड से कोई परमिशन नहीं मिली है. हालांकि, पेड़ काटने के बारे में जब उन से पूछ गया तो उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात कहकर इस मामले से पल्ला झाड़ दिया.

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इस मामले में कैंट बोर्ड की सीईओ तनु जैन का कहना है कि आईएमए से सटे प्रतिबंधित क्षेत्र (ग्रीन बेल्ट) में किसी भी तरह की आवासीय प्लॉटिंग प्रतिबंधित है. यदि ऐसा हो रहा है तो ये आईएमए की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है. जैन के मुताबिक, वो खुद वहां जाकर निरीक्षण करेंगी और इसके बाद पुलिस-प्रशासन की मदद से अवैध प्लॉटिंग को रोका जाएगा.

Intro:summary- IMA सुरक्षा को लेकर भूमाफियाओं बढ़ाई आईएमए की चिंता,ईटीवी भारत का बड़ा खुलासा, देश के महत्वपूर्ण रक्षा संस्थान IMA के आसपास अवैध प्लाटिंग के जरिये सुरक्षा को ताक पर रख खुलेआम सेंधमारी का प्रयास, मामले की गंभीरता को लेकर कैंट छावनी परिषद CEO भी चिंतित।


देहरादून- उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भू माफियाओं के हौसले कितने बुलंद है इसकी सबसे बड़ी बानगी देश के महत्वपूर्ण रक्षा संस्थान "भारतीय सैन्य अकादमी" (IMA) के आसपास प्रतिबंधित क्षेत्र की सुरक्षा सेंधमारी को लेकर सामने आयी हैं।
कैंट क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रेमनगर के केहरी गांव में IMA जैसे रक्षा अकादमी सरहद की सुरक्षा को ताक पर रखकर अवैध तरीके से सैकड़ो फलदार के हरे-भरे पेड़ काटकर प्रतिबंधित ग्रीन बेल्ट इलाकें में बड़े पैमाने में अवैध रूप से प्लॉटिंग कर आवासीय योजना तैयार की जा रही है। ईटीवी भारत की विशेष पड़ताल ख़बर के मुताबिक इस संवेदनशील इलाके में बाकायदा भू माफियाओं द्वारा पहाड़ से लेकर मैदानी इलाकों के लोगों को गुमराह कर प्रॉपर्टी आ बेची जा रही है। जबकि कैंट प्रशासन के मुताबिक है पूरा क्षेत्र आईएमए जैसे रक्षा अकादमी और ग्रीन बेल्ट होने की वजह से आवासीय व व्यवसायिक दृष्टिगत पूर्ण रूप से प्रतिबंधित इलाका है।

पेश हैं ईटीवी भारत की विशेष एक्सक्लूसिव पड़ताल रिपोर्ट



Body:जहां एक तरफ देश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठित रक्षा संस्थान "भारतीय सैन्य अकादमी" (IMA) से सटे प्रेमनगर के मिट्ठीबेरी आवासीय इलाकें को सुरक्षा की संवेदनशीलता के मद्देनजर कोल्हू पानी गांव की तरफ शिफ्ट करने की राज्य सरकार द्वारा कवायद चल रही है, वहीं दूसरी तरफ आईएमए से सटे केहरी गाँव जो पूर्ण रूप प्रतिबंधित क्षेत्र है वहां ग्रीन बेल्ट (हरियाली क्षेत्र) के सैकड़ों फलदार वृक्षों को रात के अंधेरे में काटकर भू माफियाओं रक्षा कानून को ताक पर रखकर अवैध रूप से प्लाटिंग काटकर आवासीय कॉलोनी बसाने की फिराक में लगे हुए हैं।

इस मामले में ईटीवी भारत की विशेष पड़ताल में जब आईएमए से सटे इस स्थान पर पहुंचा गया तो देखा गया की सस्थान के सरहद से जुड़ते हुए छावनी परिषद के प्रतिबंधित क्षेत्र में भू माफियाओं द्वारा बाकायदा बगीचों में ऑफिस बनाकर धड़ल्ले से जमीनों को खुर्दबुर्द कर खरीद-फरोख्त का धंधा चल रहा है।

walk through
,by paramjeet singh

हमारी कृषि भूमि हैं,अगर उसको अवैध रूप आवासीय प्रोजेक्ट में बेचा रहा हैं तो,सरासर गलत: भूमि मालिक


उधर इस मामले में जब ईटीवी भारत ने लगभग 60 से 65 बीघा इस कृषि भूमि के मालिक यशपाल मेहंदीरत्ता से बातचीत की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि IMA से लगती हुई उनकी भूमि दशकों पहले से ही ग्रीन बेल्ट कृषि भूमि के अंतर्गत आती है, ऐसे उन्होंने कृषि करने के ही एवज़ में अपनी पुश्तेनी भूमि को प्रॉपर्टी डीलर को बेचा हैं,लेकिन आज अगर उस कृषि वाली भूमि में फलदार पेड़ों को कैंट बोर्ड परमिशन के बगैर प्लाटिंग कर आवासीय रूप बेची जा रही हैं तो, वह कानून का सरासर उल्लंघन है।

बाईट- यशपाल मेहंदीरत्ता,भूमि मालिक


आईएमए सटे प्रतिबंधित भूमि को ठिकाने लगाने वाले प्रॉपर्टी डीलर ने दी अपनी सफाई!

उधर आईएमए जैसे संवेदनशील रक्षा संस्थान से लगती हुई प्रतिबंधित भूमि को प्लॉटिंग के जरिए ठिकाने लगाने वाले प्रॉपर्टी डीलर राजेन्द्र अग्रवाल ने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा कि,वह खुद कैंट बोर्ड से इस क्षेत्र को आवासीय क्षेत्र घोषित करने की अपील में लगे हुए हैं। हालांकि अभी तक इस विषय में कैंट बोर्ड से कोई परमिशन नहीं मिली है। लेकिन भविष्य में इस तरह की परमिशन मिल जाती है, तो वह इस भूमि पर आवासीय कॉलोनी बसाने की विचार में जुटे हुए हैं। हरे पेड़ों की कटाई के संबंध में विक्रेता अग्रवाल ने कहा यह जानकारी उनके पास सही रूप में नहीं हैं।

बाइट- राजेंद्र अग्रवाल, प्रतिबंधित भूमि को बचने वाले प्रॉपर्टी डीलर


IMA सरहद के आसपास प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग रक्षा के लिहाज़ से चिंता का विषय- कैंट CEO

उधर इस मामले में केंट बोर्ड सीईओ तनु जैन का मानना है कि आईएमए से सटे प्रतिबंधित कृषि योग्य वाली (ग्रीन बेल्ट) भूमि में किसी भी तरह की आवासीय प्लॉटिंग IMA रक्षा संस्थान की वहज से बेहद संवेदनशील और कानूनी रूप से प्रतिबंधित हैं... इस विषय गंभीरता को देखते हुए कई बार इस प्रतिबंधित क्षेत्र में कैंट प्रशासन द्वारा आवश्यक सूचना बोर्ड लगा चुके हैं,लेकिन रातों-रात बोर्ड को तोड़ कर क्षतिग्रस्त किया जाता है. पूरे इलाके में इस तरह की संवेदनशील गतिविधियों को खुद निरीक्षण कर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से अवैध प्लॉटिंग कार्य को बंद कराने में जुटी है।

बाईट-तनु जैन, CEO, कैंट बोर्ड


Conclusion:बहरहाल भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) जैसे संवेदनशील रक्षा संस्थान के आसपास ग्रीन बेल्ट वाली भूमियों में जिस तरह से अवैध प्लॉटिंग व आवासीय निर्माण कार्य को शासन-प्रशासन और कैंट बोर्ड के नाक के नीचे खुलेआम धड़ल्ले से चल रहा रहा है,वह कहीं ना कहीं आईएमए रक्षा संस्थान की सुरक्षा में भारी चूक को बढ़ावा देता है।
Last Updated : Nov 20, 2019, 11:38 PM IST
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