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उत्तराखंड में 11 हजार हेक्टेयर से ज्यादा वन क्षेत्र पर धार्मिक स्थल के नाम पर अतिक्रमण, 200 हेक्टेयर भूमि मुक्त कराई - Religious encroachment in forest areas News

उत्तराखंड में वन क्षेत्रों में किये गये धार्मिक स्थल अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई जारी है. इसी कड़ी में वन क्षेत्रों में ऐसी जगहों का चिन्हीकरण किया जा रहा है, जहां धार्मिक स्थल अतिक्रमण के नाम पर कब्जा किया गया है. उत्तराखंड के अब तक 200 हेक्टेयर जंगल में अवैध कब्जे की कोशिश को नाकाम किया गया है.

Religious encroachment in forest areas
उत्तराखंड के वन क्षेत्रों में धार्मिक अतिक्रमण
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Published : May 4, 2023, 1:44 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के जंगलों में अवैध धार्मिक स्थल निर्माण की बड़ी कोशिश को नाकाम किया गया है. राज्य में 200 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिक्रमण की कोशिश नाकाम हुई है. चिंता की बात यह है कि राज्य में अभी 11,861 हेक्टेयर वन क्षेत्र में अतिक्रमण बरकरार है. उधर राज्य भर के कई वन अधिकारी अभी जंगलों में हो रहे अतिक्रमण की जानकारी को छुपाने में लगे हुए हैं.

उत्तराखंड में अवैध धार्मिक स्थल निर्माण की जांच को लेकर वन विभाग में एक आईएफएस अधिकारी को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है. उसके बाद से ही लगातार राज्य भर में अवैध धार्मिक स्थल निर्माणों का चिन्हीकरण हो रहा है. हैरत की बात यह है कि तमाम क्षेत्रों में वन विभाग के अधिकारी अवैध अतिक्रमण की जानकारी को छुपाते हुए भी दिखाई दे रहे हैं. शायद यही कारण है कि अब ऐसे अधिकारियों को चिन्हित करने का काम भी तेज हो गया है. इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद आईएफएस अफसर डॉ पराग मधुकर धकाते को ऐसे निर्माणों के चिन्हीकरण की जिम्मेदारी दी गई है.
पढ़ें- उत्तराखंड BJP ने अवैध मस्जिद-मजारों पर छेड़ा घमासान, कांग्रेस बोली- ये है चुनावी राजनीति की पहचान

राज्य में आंकड़ों के लिहाज से देखें तो प्रदेश के जंगलों में कुल 11,861 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 200 हेक्टेयर वन क्षेत्र में अवैध कब्जे की कोशिश को भी रोका गया है. प्रदेश में वन क्षेत्रों में अवैध धार्मिक स्थल निर्माण और कब्जों को देखें तो 80% अतिक्रमण कुमाऊं क्षेत्र में हैं, जबकि 20% अतिक्रमण उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के वन क्षेत्रों में हैं. राज्य में कुल 11,861 हेक्टेयर अतिक्रमण में से कुमाऊं क्षेत्र में 9,490 हेक्टेयर में अतिक्रमण हुआ है. गढ़वाल मंडल के जंगलों में कुल 2,294 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा हुआ है.
पढ़ें- हरिद्वार में लैंड जिहाद पर एक्शन, सरकारी जमीन से हटाई गई मजार

चौंकाने वाली बात यह है कि वाइल्ड लाइफ यानी वन्यजीव संरक्षक क्षेत्रों में 75 हेक्टेयर जमीन अवैध रूप से कब्जा की गई है. इसमें कब्जे से मतलब उस अवैध निर्माण से है जिसे इन जंगलों में किया जाना अवैध माना गया है. राज्य में सबसे ज्यादा अतिक्रमण वेस्टर्न सर्कल में हुआ है. यहां 9,317 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण हुआ है. गढ़वाल मंडल में गढ़वाल सर्कल में सबसे ज्यादा अतिक्रमण हुआ है. यहां 1472 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड के जंगलों में अवैध धार्मिक स्थल निर्माण की बड़ी कोशिश को नाकाम किया गया है. राज्य में 200 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिक्रमण की कोशिश नाकाम हुई है. चिंता की बात यह है कि राज्य में अभी 11,861 हेक्टेयर वन क्षेत्र में अतिक्रमण बरकरार है. उधर राज्य भर के कई वन अधिकारी अभी जंगलों में हो रहे अतिक्रमण की जानकारी को छुपाने में लगे हुए हैं.

उत्तराखंड में अवैध धार्मिक स्थल निर्माण की जांच को लेकर वन विभाग में एक आईएफएस अधिकारी को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है. उसके बाद से ही लगातार राज्य भर में अवैध धार्मिक स्थल निर्माणों का चिन्हीकरण हो रहा है. हैरत की बात यह है कि तमाम क्षेत्रों में वन विभाग के अधिकारी अवैध अतिक्रमण की जानकारी को छुपाते हुए भी दिखाई दे रहे हैं. शायद यही कारण है कि अब ऐसे अधिकारियों को चिन्हित करने का काम भी तेज हो गया है. इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद आईएफएस अफसर डॉ पराग मधुकर धकाते को ऐसे निर्माणों के चिन्हीकरण की जिम्मेदारी दी गई है.
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राज्य में आंकड़ों के लिहाज से देखें तो प्रदेश के जंगलों में कुल 11,861 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 200 हेक्टेयर वन क्षेत्र में अवैध कब्जे की कोशिश को भी रोका गया है. प्रदेश में वन क्षेत्रों में अवैध धार्मिक स्थल निर्माण और कब्जों को देखें तो 80% अतिक्रमण कुमाऊं क्षेत्र में हैं, जबकि 20% अतिक्रमण उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के वन क्षेत्रों में हैं. राज्य में कुल 11,861 हेक्टेयर अतिक्रमण में से कुमाऊं क्षेत्र में 9,490 हेक्टेयर में अतिक्रमण हुआ है. गढ़वाल मंडल के जंगलों में कुल 2,294 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा हुआ है.
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चौंकाने वाली बात यह है कि वाइल्ड लाइफ यानी वन्यजीव संरक्षक क्षेत्रों में 75 हेक्टेयर जमीन अवैध रूप से कब्जा की गई है. इसमें कब्जे से मतलब उस अवैध निर्माण से है जिसे इन जंगलों में किया जाना अवैध माना गया है. राज्य में सबसे ज्यादा अतिक्रमण वेस्टर्न सर्कल में हुआ है. यहां 9,317 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण हुआ है. गढ़वाल मंडल में गढ़वाल सर्कल में सबसे ज्यादा अतिक्रमण हुआ है. यहां 1472 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है.

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