देहरादून: पूर्व शिक्षा मंत्री और गदरपुर से बीजेपी विधायक अरविंद पांडे को धामी सरकार 2.0 की कैबिनेट में जगह नहीं मिली है, जिससे उनके समर्थक काफी मायूस नजर आ रहे हैं. गुरुवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने जब अपना सरकारी आवास खाली किया तो वहां का पूरा माहौल गमगीन हो गया था. अरविंद पांडे ने जब सरकारी बंगला खाली किया तो वहां मौजूद सभी कर्मचारियों और उनके परिजनों की आंखों में आंसू छलकते हुए दिखाई दिए.
पूर्व मंत्री अरविंद पांडे को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने के बाद आज उन्होंने यमुना कॉलोनी स्थित मंत्री आवास को छोड़ दिया. इस दौरान उनकी पत्नी भी उनके साथ थी. खास बात ये रही कि अरविंद पांडे ने इससे पहले अपने कर्मचारियों के साथ भोजन किया और उन्हें अलविदा कहा. इस पूरे समय में यहां के कई कर्मचारी अपने दिल के भाव को नहीं रोक पाए और रो पड़े. इस पूरे माहौल को देखकर अरविंद पांडे की पत्नी भी अपने आंसू नहीं रो पाई और उनकी आंखों में भी आंसू आ गये.
मंत्री पद के लिए नहीं करूंगा किसी की परिक्रमा. पढ़ें- किस विभाग में कर सकते हैं बेहतर काम, सुबोध उनियाल ने ईटीवी भारत को बतायाइस दौरान बीजेपी के पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता बलराज पासी में वहां मौजूद थे. अरविंद पांडे ने बलराज पासी के पैर छूकर सरकारी बंगले से विदाई ली. इस दौरान अरविंद पांडे ने सिर्फ इतना ही कहा कि उन्हें इस सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया, इसका उन्हें कोई दु:ख नहीं है. पार्टी ने जो किया सोच सझकर ही किया होगा. पार्टी ने उन्हें यहां तक पहुंचाया है और उन्हें उम्मीद है कि पार्टी जो करेगी बेहतर करेगी. यमुना कॉलोनी स्थित मंत्री आवास पर पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के चाहने वाले उनके मिलने पहुंचे थे.बता दें कि अरविंद पांडे गदरपुर विधानसभा से पांचवीं बार विधायक चुने गए हैं. वह पिछली पूर्व की बीजेपी सरकार में वे शिक्षा मंत्री भी रहे हैं. इस बार उन्होंने प्रदेश के उस मिथक को भी तोड़ा, जो कि यह था कि प्रदेश में जो भी शिक्षा मंत्री रहा, वह कभी चुनाव नहीं जीता.