डोईवाला: इंडस्ट्रियल एरिया लालतप्पड़ स्थित बिरला पावर सॉल्यूशन में भारी भरकम मशीनों के चोरी होने का मामला सामने आया है. सील फैक्ट्री से 63 करोड़ की भारी भरकम मशीनें आखिर कैसे चोरी हो गई ये एक बड़ा सवाल पैदा कर रहा है. फैक्ट्री कर्मचारियों का कहना है कि फैक्ट्री को प्रशासन के हवाले कर दिया गया था. जिसके बाद पुलिस ने फैक्ट्री के गेट पर ताला लगा दिया था, उसके बाद भी 63 करोड़ की चोरी हो गई.
कर्मचारियों का कहना है कि इतनी बड़ी चोरी बिना मिलीभगत के ही नहीं सकती है. फैक्ट्री यूनियन के अध्यक्ष अजय गोस्वामी ने बताया कि फैक्ट्री में भारी भरकम मशीनें थी जो बिना ट्रक और जेसीबी के उठाई नहीं जा सकती थी. वे मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं.
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क्या है पूरा मामला
बिरला पावर सॉल्यूशन लि. कंपनी रेशम माजरी के लालतप्पड़ स्थित है. जिसकी स्थापना 1986 में हुई थी. कंपनी में 300 कर्मचारी कार्यरत थे. प्रबंधन तंत्र द्वारा अप्रैल 2013 से दिसंबर 2013 तक का कर्मचारियों का वेतन ना देने पर श्रम विभाग द्वारा वेतन भुगतान अधिनियम 1936 की धारा 13 (3) के अंतर्गत कार्यवाही कर 27 अक्टूबर 2014 को जिलाधिकारी के आदेश पर तहसीलदार डोईवाला द्वारा चल अचल संपत्ति जिसकी लागत 63 करोड़ को सील करने की कार्यवाही की गई थी.
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कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी की सारी मशीने ,कंपनी में बने जनरेटर, इंजन, पम्प,स्पेयर पार्ट्स, शेड ,टीने, चोरी हो गए हैं. अब कर्मचारी चोरी की जांच की मांग कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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यूनियन के अध्यक्ष अजय गोस्वामी ने बताया कि फैक्ट्री के कर्मचारियों का 8 महीने का 15 करोड़ वेतन बकाया है. ये वेतन फैक्ट्री की नीलामी के बाद कर्मचारियों को दिया जाना था. मगर अब फैक्ट्री में अब कुछ भी नहीं बचा है. सभी कर्मचारी उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं. वहीं, उत्तराखंड क्रांति दल ने भी कर्मचारियों का समर्थन किया है.