देहरादून: उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में आखिरकार कर्मचारियों की महंगाई भत्ते की मांग पर मुहर लगा दी गई है. सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा बैठक में 11% डीए बढ़ाए जाने की बात कही गई है. लेकिन गोल्डन कार्ड के विषय पर कैबिनेट में चर्चा नहीं होने से कर्मचारी बेहद नाराज हैं. अब कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है.
कैबिनेट बैठक में आज विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई, लेकिन कर्मचारियों की नजर बैठक में कर्मियों के महंगाई भत्ते पर ही रही. बैठक में महंगाई भत्ता को पर मुहर लगने के बाद कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कैबिनेट बैठक में महंगाई भत्ता में 11% की बढ़ोत्तरी पर मुहर लग गई है. इसके लिए कर्मचारी आभार जताते हैं कि सरकार ने कर्मचारियों की इस मांग को गंभीरता से लेते हुए अंतिम निर्णय ले लिया है.
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वहीं, गोल्डन कार्ड पर कैबिनेट में चर्चा नहीं होने पर राज्य कर्मचारियों में भारी नाराजगी है. दरअसल राज्य कर्मचारी गोल्डन कार्ड में सुधारीकरण किए जाने की मांग कर रहे थे. कर्मचारियों का कहना है कि गोल्डन कार्ड के लिए उनके वेतन से पैसा काटा जा रहा है, लेकिन कर्मचारियों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. ऐसे में कैबिनेट में इसके सुधारीकरण को लेकर फैसला किया जाना चाहिए था. ताकि कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड का बेहतर लाभ मिल सके.
कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले: महंगाई भत्ते का लाभ राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा. उत्तराखंड में कुल सवा तीन लाख कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा. पहले 17% महंगाई भत्ता मिलता था अब 11 पर्सेंट मिलाकर 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता हो गया है.
1 जुलाई से मिलेगा महंगाई भत्ते का लाभ: कैबिनेट ने आज महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी की है उसका लाभ राज्य के सरकारी कर्मचारियों को 1 जुलाई 2021 से मिलेगा. आंकड़ों की बात की जाए तो कर्मचारियों को औसतन 7000 रुपए का लाभ मिलेगा.
नजूल भूमि होगी फ्री होल्ड: धामी कैबिनेट में लिये गये फैसलों में भू-कानून से जुड़े विषय सरकारी परियोजना में निवेशकों, पट्टेधारकों से संबंधित संविदा के विवाद को सुलझाने के लिए कमेटी बनाये जाने के लिये सीएम को अधिकृत किया गया है. जमीन और नजूल भूमि से जुड़े अन्य फैसलों की बात करें तो उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन/व्यवस्थापन एवं निस्तारण अध्यादेश-2021 को मंजूरी दी गई है. अध्यादेश के तहत पूर्व में बनी नजूल नीति को निरस्त करने का प्रावधान किया गया है. यानि सालों से नजूल पट्टों पर काबिज पट्टाधारक अब अपने पट्टों को फ्री होल्ड करा सकेंगे.
गौर हो कि देहरादून, उधमसिंह नगर और नैनीताल जिले के नगरीय क्षेत्रों में काफी नजूल भूमि है. नजूल भूमि पर आम लोग काबिज हैं. कोई वैध रूप से तो कोई अवैध रूप से इस पर कब्जा किए हुए है. इस भूमि का उपयोग राज्य व केंद्र सरकार के प्रतिष्ठानों और नगर निकायों व प्राधिकरणों द्वारा भी किया जा रहा है. उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन/व्यवस्थापन एवं निस्तारण अध्यादेश-2021 लाकर सरकार नजूल भूमि के बेहतर प्रबंधन और व्यवस्थापन करना चाहती है ताकि इस भूमि का उपयोग से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को किफायती आवास, स्वरोजगार के अवसर को सुरक्षित करने व पट्टाधारकों के हितों की सुरक्षा की जा सके.
- राज्य के 07 इंजीनियरिंग संस्थानों में भारत सरकार द्वारा सहायता प्राप्त तकनीकि शिक्षा गुणवत्ता सुधार परियोजना के तहत संविदा पर कार्यरत शिक्षकों को अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी गई. इसके फलस्वरूप पारिश्रमिक के रूप में अनुमानित कुल धनराशि 3.83 करोड़ का व्यय भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा.
- उत्तराखंड की चतुर्थ विधानसभा 2021 के द्वितीय सत्र का सत्रावसान करने की अनुमति दी गयी.
- राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को दिनांक 01 जुलाई 2021 से पुनरीक्षित मंहगाई भत्ते को दिये जाने की अनुमति प्रदान की गई.
- उत्तराखंड भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत जनहित में फिलींग स्टेशन की स्थापना हेतु भवन निर्माण और विकास की उपविधि में संशोधन कर मानकों में छूट दी गई.
- ग्राम पंचायत नगला जनपद उधम सिंह नगर को नगरपालिका परिषद बनाने की मंजूरी दी.
- उत्तराखंड सम्मिलित राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ परीक्षा 2012 के अन्तर्गत सामान्य श्रेणी/पूर्व सैनिक श्रेणी का एक अतिरिक्त पद डिप्टी कलेक्टर पद के लिये आयोग को भेजने की मंजूरी.
- उत्तराखंड राज्य में स्थापित चिकित्सा ईकाइयों के आईपीएचएस मानकीकरण के क्रम में जनपदवार चिकित्सीय ईकाइयों को टाईप ए प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, टाइप बी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र, उपजिला चिकित्सा केन्द्र और जिला चिकित्सा केन्द्र के रूप में पांच वर्गो में बांटने का निर्णय.
- उत्तराखंड राजस्व चकबन्दी (उच्चतर) सेवा नियमावली-2021 को प्रख्यापित करने का निर्णय.
- एकल आवास एवं व्यवसायिक भवनों/आवासीय भू उपयोग में व्यवसायिक दुकान और आवासिय क्षेत्रों में नर्सिंग होम/क्लीनिक/ओपीडी/पैथोलॉजी लैब/नर्सरी स्कूल इत्यादि के विनियमतिकरण हेतु एकल समाधान योजना 24 सितम्बर, 2021 से बढ़ाकर मार्च 2022 तक करने का निर्णय.
- उत्तराखंड में स्थित उप्र आवास विकास परिषद की परिसम्पितयों को सील किया गया था. इस सम्बन्ध में इसके विक्रय, निर्माण और विकास कार्य पर रोक लगी थी, इस रोक को हटाने का निर्णय किया गया.
- श्रीनगर को नगर निगम बनाने की अनुमति.
- उत्तराखंड पशु चिकित्सा सेवा नियमावली-2021 का प्रख्यापन.
- उपनल के सम्बन्ध में अगली कैबिनेट में मंत्रिमंडलीय उपसमिति के निर्णय को रखने की मंजूरी.
- टिहरी नरेन्द्रनगर तपोवन को नगर पंचायत बनाने को अनुमति.
- उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबन्धन/व्यवस्थापन एवं निस्तारण अध्यादेश-2021 के प्रख्यापन का बाद पट्टेधारकों को फ्री होल्ड कराने की अनुमति.
- जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को अधिक सुढढ एवं उपयोगी बनाने के लिये मंत्रीमण्डल उपसमिति का गठन मंत्री बंशीधर भगत, अरविन्द पाण्डेय और सुबोध उनियाल के रूप में किया जायेगा.
- उत्तराखंड पुलिस आरक्षी और मुख्य आरक्षी (नागरिक पुलिस अधिसूचना व सशक्त पुलिस) सेवा नियमावली-2018 में संशोधन.
- उत्तराखंड पुलिस उपनिरीक्षक और निरीक्षक (नागरिक पुलिस) सेवा नियमावली-2018 के संदर्भ में मुख्यमंत्री को निर्णय लेने का अधिकार.
- उत्तराखंड स्टाम्प (सम्पति का मुल्यांकन) संशोधन नियमावली-2015 में प्रचलित सर्किल दरों में चमोली के बदरीनाथ और बामणी में पेनाल्टी पांच गुना से कम करके दो गुना वन टाइम सेटलमेंट द्वारा करने का निर्णय.
- एविएशन टरबाइन फ्यूल की वैट दर 20 प्रतिशत से घटा कर 02 प्रतिशत करने का निर्णय.
- उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति को दी जाने वाली टैलीफोन सुविधा स्वघोषणा के आधार वास्तविक व्यय का भुगतान किया जायेगा.
- कांस्टेबल से हैड कांस्टेबल बनाने में रैंकर्स परीक्षा को समाप्त कर सौ प्रतिशत पदोन्नति से करने का निर्णय.
- सरकारी परियोजना में निवेशकों, पटटेधारकों से सम्बन्धित संविदा के विवाद को सुलझाने के लिये कमेटी बनाये जाने के लिये सीएम को अधिकृत किया गया.
- स्टोन क्रेशर और अवैध खनिज भण्डारों के वन टाइम सैटलमेंट के लिये नियमावली में संशोधन किया जायेगाय स्टोन क्रेशर, प्लान्ट स्वामियों/स्क्रीनिंग प्लांट स्वामी/अवैध खनन कर्ताओं पर आरोपित दण्डारोपण के लिये नियमावली बनेगी. इस तरह के मामले दो माह में निस्तारित करने होंगे और नियमावली बनने के बाद दो माह के लिये प्रभावी होगी.
- केदारनाथ-बदरीनाथ में पुनर्निर्माण के तहत अधिप्राप्ति नियमावली में छूट दी गई. अब 75 लाख तक के कार्य सिंगल बिड से किये जा सकते हैं.
- लोहाघाट को नगर पालिका बनाने की मंजूरी.
- उच्च न्यायालय राज्य वित्त अधिकारी से सम्बन्धित सेवा नियमावली संशोधन को मंजूरी. .