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विद्युत कर्मचारियों को भी अब चुकाने होंगे इस दर से बिजली के बिल, लगेगा झटका - विद्युत कर्मचारियों को चुकाने होंगे मंहगी बिजली दर

ऊर्जा निगम के निदेशक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक के लिए अलग-अलग यूनिट के हिसाब से शुल्क में बढ़ोतरी की गई है. क्लास वन अधिकारी को सालाना 15000 यूनिट जबकि, क्लास दो के अधिकारी को 11000, क्लास 3 के कर्मचारी को 12000 और फोर्थ क्लास कर्मचारी को 11000 यूनिट प्रतिवर्ष बिजली देने का प्रस्ताव रखा गया है.

बिजली
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Published : Nov 20, 2019, 5:49 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड के विद्युत कर्मचारियों को अब बिजली के दाम पहले से 50 फीसदी ज्यादा चुकाने होंगे. हाईकोर्ट में दायर याचिका के बाद ऊर्जा विभाग तीनों निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाली बिजली का मासिक शुल्क 50 फीसदी बढ़ाने की कवायद में जुट गया है. हालांकि, मामले में विद्युत कर्मचारियों की ओर से विरोध हो रहा है.

बता दें कि, उत्तराखंड विद्युत के तीनों निगमों में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों को अभी तक मुफ्त में बिजली मिलती थी. ऐसे में इस मामले के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार और विभाग से जवाब मांगा है. जिसके बाद देहरादून के कांवली रोड स्थित यूपीसीएल मुख्यालय में कर्मचारियों को मिलने वाली बिजली शुल्क को बढ़ाने की कवायद चल रही है.

ये भी पढ़ेंः ज्यादा बिजली बिल और खराब मीटर से लोग परेशान, कार्यायल से अधिकारी नदारद

जानकारी के मुताबिक, ऊर्जा निगम के निदेशक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक के लिए अलग-अलग यूनिट के हिसाब से शुल्क में बढ़ोतरी की गई है. क्लास वन अधिकारी को सालाना 15000 यूनिट जबकि, क्लास दो अधिकारी को 11000, क्लास 3 के कर्मचारी को 12000 और फोर्थ क्लास कर्मचारी को 11000 यूनिट प्रतिवर्ष बिजली देने का प्रस्ताव रखा गया है.

वहीं, तय सीमा से ज्यादा बिजली इस्तेमाल करने पर सभी अधिकारी और कर्मचारियों को प्रति यूनिट ₹3 के हिसाब से विद्युत भुगतान देना होगा. उधर, यूपीसीएल स्थित मुख्यालय में आला अधिकारियों ने कर्मचारी संगठन के साथ बैठक कर मंथन किया.

देहरादूनः उत्तराखंड के विद्युत कर्मचारियों को अब बिजली के दाम पहले से 50 फीसदी ज्यादा चुकाने होंगे. हाईकोर्ट में दायर याचिका के बाद ऊर्जा विभाग तीनों निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाली बिजली का मासिक शुल्क 50 फीसदी बढ़ाने की कवायद में जुट गया है. हालांकि, मामले में विद्युत कर्मचारियों की ओर से विरोध हो रहा है.

बता दें कि, उत्तराखंड विद्युत के तीनों निगमों में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों को अभी तक मुफ्त में बिजली मिलती थी. ऐसे में इस मामले के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार और विभाग से जवाब मांगा है. जिसके बाद देहरादून के कांवली रोड स्थित यूपीसीएल मुख्यालय में कर्मचारियों को मिलने वाली बिजली शुल्क को बढ़ाने की कवायद चल रही है.

ये भी पढ़ेंः ज्यादा बिजली बिल और खराब मीटर से लोग परेशान, कार्यायल से अधिकारी नदारद

जानकारी के मुताबिक, ऊर्जा निगम के निदेशक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक के लिए अलग-अलग यूनिट के हिसाब से शुल्क में बढ़ोतरी की गई है. क्लास वन अधिकारी को सालाना 15000 यूनिट जबकि, क्लास दो अधिकारी को 11000, क्लास 3 के कर्मचारी को 12000 और फोर्थ क्लास कर्मचारी को 11000 यूनिट प्रतिवर्ष बिजली देने का प्रस्ताव रखा गया है.

वहीं, तय सीमा से ज्यादा बिजली इस्तेमाल करने पर सभी अधिकारी और कर्मचारियों को प्रति यूनिट ₹3 के हिसाब से विद्युत भुगतान देना होगा. उधर, यूपीसीएल स्थित मुख्यालय में आला अधिकारियों ने कर्मचारी संगठन के साथ बैठक कर मंथन किया.

Intro:summary-विद्युत कर्मचारियों को मिलेगी अब महंगे दर पर बिजली, 50 फ़ीसदी तक मासिक बढ़ोतरी, हाईकोर्ट में जनहित याचिका के मध्य नजर उत्तराखंड के सभी विद्युत निगम कर्मचारियों को मिलेगी अब महंगी बिजली।

उत्तराखंड के विद्युत कर्मचारियों को अब बिजली के दाम पहले से 50 फ़ीसदी अधिक चुकाने होंगे। इस मामले में हाईकोर्ट में दायर याचिका के बाद ऊर्जा विभाग ने तीनों निगम के अधिकारी व कर्मचारियों को मुफ्त के बराबर मिलने वाली बिजली का मासिक शुल्क 50 फ़ीसदी बढ़ाने की कवायद चल रही है। हालांकि इस मामले में विद्युत कर्मचारियों द्वारा कई तरह के विरोध अब भी बरकरार चल रहे हैं।


Body:वही यूपीसीएल स्थित मुख्यालय में आला अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों संगठन से बैठक कर कर्मचारियों को सस्ते दर में मिलने वाली बिजली को महंगा करने पर विचार मंथन हुआ।
जानकारी के मुताबिक अब ऊर्जा निगम के निदेशक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक अलग अलग यूनिट के हिसाब से प्रति माह में बढ़ोतरी की गई है। क्लास वन अधिकारी को प्रतिवर्ष 15000 यूनिट जबकि क्लास दो अधिकारी को 11000 क्लास 3 कर्मचारी को प्रतिवर्ष 12000 और क्लास फोर्थ कर्मचारी को 11000 प्रतिवर्ष बिजली देने का प्रस्ताव रखा गया। तय सीमा से अधिक बिजली प्रयोग करने पर सभी अधिकारी कर्मचारियों को प्रति यूनिट ₹3 के हिसाब से विद्युत भुगतान अब देना होगा।

बता दें कि उत्तराखंड विद्युत के तीनों निगमों में कार्यरत कर्मचारी अधिकारी को अभी तक मुफ्त में बिजली मिलती है। ऐसे में इस मामले के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने के बाद कोर्ट द्वारा राज्य सरकार व विभाग से जवाब मांगा गया है। इसी क्रम में देहरादून के कावली रोड स्थित यूपीसीएल मुख्यालय में कर्मचारियों को मिलने वाली बिजली शुल्क को बढ़ाने की कवायद चल रही है। हालांकि अभी कई तरह के कर्मचारियों द्वारा गतिरोध बरकरार है।


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