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ऋषिकेश: शिवपुरी के जंगल में फ्री में दी जा रही बिजली और विभाग को नहीं जानकारी

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Published : Sep 30, 2019, 5:09 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 5:33 PM IST

ऋषिकेश के मुनी की रेती में बिजली विभाग की लापरवाही कहें या साठगांठ, पिछले एक साल से बिजली चोरी हो रही है. जिसके चलते विभाग को लाखों का नुकसान हो चुका है. वहीं विभाग के एसडीओ इस बात से इनकार करते हुए सिर्फ यही कह रहे हैं कि उनके संज्ञान में मामला नहीं है.

जंगल में स्थित गुर्जर समुदाय.

ऋषिकेश: तीर्थनगरी में बिजली विभाग को लाखों की चपत लग रही है. लेकिन विभाग इस मामले में अनजान बना हुआ है. पिछले एक साल से जंगल में रह रहे गुर्जर समुदाय पर बिजली विभाग मेहरबान है. जिसका परिणाम है कि यहां रह रहे परिवार गुमराह करने के लिए नकली मीटर लगाए बैठे हैं.

जंगल में स्थित गुर्जर समुदाय.

शिवपुरी के जंगल में गुर्जरों का डेरा है, जहां पिछले एक साल से लगातार बिजली की चोरी की जा रही है. जानकारी के अनुसार गुर्जरों के डेरे में विद्युत विभाग के खंभे से 200 मीटर की दूरी पर अंडर ग्राउंड कनेक्शन दिया गया है. जबकि किसी भी स्थान पर बिजली कनेक्शन देने के लिए तय दूरी 40 मीटर होती है. वहीं जंगल के भीतर बिजली कनेक्शन देने से पहले वन विभाग की तरफ से भी एनओसी जारी होने के बाद ही वहां कनेक्शन दिया जा सकता है. लेकिन पिछले एक साल से हो रही विद्युत विभाग की चोरी से लाखों रुपए का नुकसान हो गया है.

पढे़ं- BJP विधायक रामलीला में बने रावण, साधु के भेष में किया सीता माता का हरण

मामले पर मुनी की रेती के एसडीओ सौरभ चमोली का कहना है कि जंगल के भीतर गुर्जरों को कोई भी कनेक्शन नहीं दिया गया है. वहां पर हो रही बिजली चोरी का मामला उनके संज्ञान में नहीं है. उन्होंने कहा कि वे इसकी जांच करवाएंगे. अगर, बिजली चोरी की बात सामने आती है तो दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

ऋषिकेश: तीर्थनगरी में बिजली विभाग को लाखों की चपत लग रही है. लेकिन विभाग इस मामले में अनजान बना हुआ है. पिछले एक साल से जंगल में रह रहे गुर्जर समुदाय पर बिजली विभाग मेहरबान है. जिसका परिणाम है कि यहां रह रहे परिवार गुमराह करने के लिए नकली मीटर लगाए बैठे हैं.

जंगल में स्थित गुर्जर समुदाय.

शिवपुरी के जंगल में गुर्जरों का डेरा है, जहां पिछले एक साल से लगातार बिजली की चोरी की जा रही है. जानकारी के अनुसार गुर्जरों के डेरे में विद्युत विभाग के खंभे से 200 मीटर की दूरी पर अंडर ग्राउंड कनेक्शन दिया गया है. जबकि किसी भी स्थान पर बिजली कनेक्शन देने के लिए तय दूरी 40 मीटर होती है. वहीं जंगल के भीतर बिजली कनेक्शन देने से पहले वन विभाग की तरफ से भी एनओसी जारी होने के बाद ही वहां कनेक्शन दिया जा सकता है. लेकिन पिछले एक साल से हो रही विद्युत विभाग की चोरी से लाखों रुपए का नुकसान हो गया है.

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मामले पर मुनी की रेती के एसडीओ सौरभ चमोली का कहना है कि जंगल के भीतर गुर्जरों को कोई भी कनेक्शन नहीं दिया गया है. वहां पर हो रही बिजली चोरी का मामला उनके संज्ञान में नहीं है. उन्होंने कहा कि वे इसकी जांच करवाएंगे. अगर, बिजली चोरी की बात सामने आती है तो दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

Intro:ऋषिकेश-- विद्युत विभाग उपखंड मुनी की रेती के कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत से 1 वर्ष से अधिक समय से हो रही है बिजली चोरी वही डिवीजन के एसडीओ इस बात से अनभिज्ञ बने बैठे हैं,मामला शिवपुरी के पास का है जहां जंगल के भीतर एक गुर्जर का डेरा है जहां पर गुर्जर विद्दुत विभाग का नकली मीटर लगा कर लगातार बिजली की चोरी कर रहे हैं।


Body:वी/ओ-- शिवपुरी के पास जंगल के लगभग 100 मीटर अंदर गुर्जरों का डेरा है इस डेरे में गुर्जरों के द्वारा पिछले 1 वर्ष से अधिक समय से लगातार बिजली की चोरी की जा रही है ऐसा नहीं है कि इस बात की भनक विद्युत विभाग के कर्मचारियों को ना हो विद्युत विभाग उपखंड मुनी की रेती के कर्मचारियों के संज्ञान में यह पूरा मामला है लेकिन कर्मचारियों ने विद्युत चोरी करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए उस से सांठगांठ कर ली, वही सबसे बड़ी ताज्जुब की बात यह है कि गुर्जर के डेरे में विद्युत विभाग के खंभे से लगभग 200 मीटर की दूरी से अंडर ग्राउंड कनेक्शन दिया गया है जबकि किसी भी स्थान पर विद्युत कनेक्शन देने के लिए तय दूरी 40 मीटर होती है वही जंगल के भीतर विद्युत कनेक्शन देने से पहले वन विभाग की तरफ से भी एनओसी जारी होने के बाद ही वहां कनेक्शन दिया जा सकता है पिछले 1 वर्षों से विद्युत विभाग को चोरी की वजह से लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। ऐसे में लाखों कि बिजली चोरी की भरपाई कौन करेगा और मिलीभगत करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई कैसे होगी।


Conclusion:वी/ओ-- वही इस मामले को लेकर मुनी की रेती के एसडीओ सौरभ चमोली से जानकारी ली गई तो उनका साफ तौर पर यह कहना था कि जंगल के भीतर गुर्जरों को कोई भी कनेक्शन नहीं दिया गया है और उनके संज्ञान में यह मामला नहीं है एसडीओ हर बात से सरासर इंकार करते हुए सिर्फ यही कहते रहे कि उनके संज्ञान में मामला नहीं है अब मामला संज्ञान में आया है तो जांच की जाएगी अब ऐसे में जब 1 वर्ष से अधिक समय से कोई विद्युत चोरी कर रहा हो और विद्युत विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में मामला ही ना हो तो साफ तौर पर अधिकारियों की लापरवाही देखी जा सकती है या फिर यूं कहें कि अधिकारियों की मिलीभगत भी हो सकती है।

बाईट--सौरभ चमोली(SDO, मुनि की रेती)
Last Updated : Sep 30, 2019, 5:33 PM IST
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