देहरादूनः उत्तराखंड में ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. ईटीवी भारत ने देहरादून के उस स्कूल की हकीकत को दिखाया था, जो सचिवालय और मुख्यमंत्री आवास के तो करीब है, लेकिन इसके बावजूद इसका सुविधाओं से कोसों दूर है. करीब 4 साल से बिजली कटे होने के बावजूद इस पर किसी की नजर इनायत नहीं हुई. ऐसे में ईटीवी भारत ने जब खबर को प्रमुखता से दिखाया तो संबंधित विभाग हरकत में आया और आखिरकार औपचारिकताएं पूरी करते हुए इस स्कूल की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी.
गौर हो कि बीते साल 15 नवंबर 2022 को ईटीवी भारत ने एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट 'EXCLUSIVE: दुर्गम छोड़िए, राजधानी का हाल देखिए, यहां बिना बिजली के DIGITAL होंगे स्कूल!' हेडलाइन से खबर को प्रमुखता से दिखाया था. जिसका अब बड़ा असर हुआ है. मामला सुर्खियों में आने के बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों ने देहरादून सचिवालय से महज आधा किलोमीटर दूर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय मानसिंह वाला को बिजली की रोशनी से चमका दिया है.
इतना ही नहीं, बिजली बहाल होने से बंद पड़े पंखे भी अब ठंडी हवा देने लगे हैं और डिब्बे में बंद कंप्यूटर का भी सेटअप लगा दिया गया है. यह सब भले ही किसी स्कूल में मामूली व्यवस्था महसूस हो रही हो, लेकिन करनपुर स्थित मानसिंह वाला के लिए यह किसी बड़ी सौगात से काम नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस स्कूल में साल 2017 से बिजली की आपूर्ति ठप हो गई थी.
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ऐसा स्कूल पर करीब 4 लाख के उस बिजली के बिल के कारण हुआ, जिसे शिक्षा विभाग ने समय पर नहीं भरा और आखिरकार बिजली विभाग ने भी स्कूल की बिजली काट दी. कई साल बीत गए ना तो बिजली का बिल भर गया और ना ही यहां पर बिजली आपूर्ति बहाल हो पाई. इसकी जानकारी मिलने के बाद ईटीवी भारत की टीम ने विद्यालय में पहुंचकर इस पूरे हालात को दिखाया और सरकार के स्कूलों को डिजिटलाइज करने और डिजिटल माध्यम से बच्चों को पढ़ाने के दावों की हकीकत दिखाई.
खबर प्रकाशित होने के बाद शिक्षा विभाग में भी हड़कंप मच गया. इसके बाद सरकारी सिस्टम में औपचारिकताएं पूरी करने में फाइल आगे बढ़ाई जाने लगी. इसमें इस तरह सरकारी काम के लिहाज से फाइल आगे बढ़ाई गई और धीरे-धीरे औपचारिकताएं पूरी करते हुए आखिरकार विद्यालय में बिजली वापस लौट आई. इस मामले में ईटीवी भारत ने भी लगातार शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात की और विद्यालय के हालातों और देहरादून राजधानी में भी इस तरह के स्कूलों के होने की बात अफसर तक पहुंचाई जाती रही.
अच्छी बात ये है कि देर से ही सही, लेकिन ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ और आखिरकार राजकीय प्राथमिक विद्यालय मानसिंह वाला में बिजली का कनेक्शन जोड़ दिया गया. अब इस स्कूल में क्लास को जगमग करते बल्ब से लेकर हवा देते पंखे भी काम करने लगे हैं. इतना ही नहीं, शिक्षा विभाग की योजना के तहत विद्यालय को दिए गए कंप्यूटर जो अब तक डब्बे में पैक था, उसे भी बाहर निकाल लिया गया है. इसे लगाकर अब इस पर काम शुरू किया जा रहा है. यानी स्कूल के बच्चों को अब कंप्यूटर का भी लाभ मिलने लगा है.
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स्कूल की अध्यापिका ने जताई खुशीः ईटीवी भारत की टीम एक बार फिर स्कूल में पहुंची थी और स्कूल की अध्यापिका रेखा अग्रवाल से बात की. उन्होंने कहा कि वो बेहद खुश हैं कि साल 2017 के बाद स्कूल में विद्युत आपूर्ति बहाल हो गई है. इसके कारण जो दिक्कतें अब तक हो रही थी, वो दूर हो गई हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए वो विभाग को शुक्रिया अदा करती हैं, साथ ही वो ईटीवी भारत का भी धन्यवाद देती हैं. जिन्होंने उनके स्कूल की हालत को अफसरों के सामने रखा.
बता दें कि उत्तराखंड के 13 जिलों में 9 जिले पर्वतीय हैं और चार जिले ही ऐसे हैं, जो मैदानी क्षेत्र हैं. ऐसे में यदि राजधानी देहरादून में ही इस तरह के स्कूलों पर कई सालों बाद निर्णय लिए जाएंगे तो फिर पर्वतीय क्षेत्रों में स्कूलों की क्या हालत होती होगी? यह आसानी से समझा जा सकता है. बहरहाल, देर आए दुरुस्त आए वाली कहावत के साथ शिक्षा विभाग ने ईटीवी भारत की खबर प्रकाशित होने के बाद बिजली की आपूर्ति कर दी है.
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