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AIIMS में MBBS छात्रों ने ली पेशेंट सेफ्टी की जानकारी - एम्स ऋषिकेश न्यूज

ऋषिकेश एम्स में आठ दिवसीय इंटर्नशिप ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन चल रहा है. इसमें एमबीबीएस छात्र-छात्राओं ने पेशेंट सेफ्टी और पेशेंट रजिस्ट्रेशन डाक्यूमेंटेशन की जानकारी ली.

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Published : Jan 3, 2020, 5:03 PM IST

Updated : Jan 3, 2020, 5:12 PM IST

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में आठ दिवसीय इंटर्नशिप ओरिएंटेशन कार्यक्रम तीसरे दिन एमबीबीएस छात्रों ने मरीजों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए, इसकी जानकारी ली.

प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि एक चिकित्सक की सफलता के लिए चिकित्सा विज्ञान के ज्ञान के साथ ही उसका व्यवहार कुशल होना भी जरुरी है. उन्होंने भावी चिकित्सकों को पढ़ाई के बाद चिकित्सकीय अभ्यास और पेशेंट के साथ व्यवहार के गुर सिखाए. उन्होंने कहा कि इंटर्नशिप के दौरान विद्यार्थियों का ध्यान पूरी तरह से अपनी प्रैक्टिस पर होना चाहिए. तभी वह मरीज की तकलीफ को समझ सकेंगे. इंटर्नशिप के तहत विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ अस्पताल से जुड़े कार्यों पर भी अनिवार्य रूप से ध्यान देना होगा. जिसमें पेपरवर्क और पेशेंट हिस्ट्री समेत कई कार्य शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: पेट्रोल-डीजल के दाम में मामूली बढ़त, ये हैं आज प्रदेश में दाम

डीन प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि एक अच्छे चिकित्सक का व्यवहार कुशल होना जरुरी है. उन्होंने बताया कि चिकित्सक का रिसर्च की ओर फोकस होना जरुरी है. साथ ही चिकित्सकीय करियर की बेहतरी के अहम बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने को कहा. इंटर्नशिप ओरिएंटेशन ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत विशेषज्ञ चिकित्सक एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को पेशेंट सेफ्टी, पेशेंट रजिस्ट्रेशन डाक्यूमेंटेशन, एडवर्स ड्रग रिएक्शन मॉनिटनिंग, कम्यूनिकेशन स्किल्स, आयुष्मान भारत योजना, इन्वेस्टिगेशन और स्ट्रैस मैनेजमेंट का प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाएंगे. प्रशिक्षण के बाद उनकी स्किल ट्रेनिंग और मूल्यांकन किया जाएगा.

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में आठ दिवसीय इंटर्नशिप ओरिएंटेशन कार्यक्रम तीसरे दिन एमबीबीएस छात्रों ने मरीजों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए, इसकी जानकारी ली.

प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि एक चिकित्सक की सफलता के लिए चिकित्सा विज्ञान के ज्ञान के साथ ही उसका व्यवहार कुशल होना भी जरुरी है. उन्होंने भावी चिकित्सकों को पढ़ाई के बाद चिकित्सकीय अभ्यास और पेशेंट के साथ व्यवहार के गुर सिखाए. उन्होंने कहा कि इंटर्नशिप के दौरान विद्यार्थियों का ध्यान पूरी तरह से अपनी प्रैक्टिस पर होना चाहिए. तभी वह मरीज की तकलीफ को समझ सकेंगे. इंटर्नशिप के तहत विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ अस्पताल से जुड़े कार्यों पर भी अनिवार्य रूप से ध्यान देना होगा. जिसमें पेपरवर्क और पेशेंट हिस्ट्री समेत कई कार्य शामिल हैं.

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डीन प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि एक अच्छे चिकित्सक का व्यवहार कुशल होना जरुरी है. उन्होंने बताया कि चिकित्सक का रिसर्च की ओर फोकस होना जरुरी है. साथ ही चिकित्सकीय करियर की बेहतरी के अहम बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने को कहा. इंटर्नशिप ओरिएंटेशन ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत विशेषज्ञ चिकित्सक एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को पेशेंट सेफ्टी, पेशेंट रजिस्ट्रेशन डाक्यूमेंटेशन, एडवर्स ड्रग रिएक्शन मॉनिटनिंग, कम्यूनिकेशन स्किल्स, आयुष्मान भारत योजना, इन्वेस्टिगेशन और स्ट्रैस मैनेजमेंट का प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाएंगे. प्रशिक्षण के बाद उनकी स्किल ट्रेनिंग और मूल्यांकन किया जाएगा.

Intro:ऋषिकेश-- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में इंटर्नशिप ओरिएंटेशन प्रोग्राम शुरू हो गया। इस ​अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने एमबीबीएस विद्यार्थियों को अपने विषय के ज्ञान के साथ साथ मरीजों के साथ अच्छे व्यवहार के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि एक चिकित्सक की सफलता के लिए चिकित्सा विज्ञान के ज्ञान के साथ ही उसका व्यवहार कुशल होना भी जरुरी है।  


Body:वी/ओ--एम्स संस्थान में एमबीबीएस इंटर्नस छात्र-छात्राओं का आठ दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम का निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने भावी चिकित्सकों को पढ़ाई के बाद चिकित्सकीय अभ्यास व पेसेंट के साथ व्यवहार के गुर सिखाए। निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया ​कि इंटर्नशिप के दौरान विद्यार्थियों का ध्यान पूरी तरह से अपनी प्रेक्टिस पर होना चाहिए। तभी वह मरीज की तकलीफ को समझ सकते हैं और उसका बेहतर उपचार कर सकते हैं। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने कहा कि इंटर्नशिप के तहत विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ साथ अस्पताल से जुड़े अन्य कार्यों पर भी अनिवार्यरूप से ध्यान देना होगा। जिसमें पेपरवर्क, पेसेंट हिस्ट्री संबंधी दस्तावेजों को तैयार करना आदि कार्य शामिल होते हैं।                                                                                                                                                                                               डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि एक अच्छे चिकित्सक का व्यवहार कुशल होना जरुरी है,इसी से उसे लोग याद रखते हैं और वह जीवन में ख्याति अर्जित कर सकता है। उन्होंने बताया कि चिकित्सक का रिसर्च की ओर फोकस होना जरुरी है, उन्होंने चिकित्सकीय कॅरियर की बेहतरी के इन अहम बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।      


Conclusion:वी/ओ--इंटर्नशिप ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत विशेषज्ञ चिकित्सक एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को पेसेंट सेफ्टी, पेसेंट रजिस्ट्रेशन डाक्यूमेंटेशन, एडवर्स ड्रग रिएक्शन माॅनिटनिंग, कम्यूनिकेशन स्किल्स, आयुष्मान भारत योजना, इन्वेस्टिगेशन, स्ट्रैस मैनेजमेंट, बेसिक लाइफ सपोर्ट कोर्स बीएलएस आदि का प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाएंगे। प्रशिक्षण के उपरांत उनकी स्किल ट्रेनिंग व मूल्यांकन किया जाएगा।    
Last Updated : Jan 3, 2020, 5:12 PM IST
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