ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में आठ दिवसीय इंटर्नशिप ओरिएंटेशन कार्यक्रम तीसरे दिन एमबीबीएस छात्रों ने मरीजों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए, इसकी जानकारी ली.
प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि एक चिकित्सक की सफलता के लिए चिकित्सा विज्ञान के ज्ञान के साथ ही उसका व्यवहार कुशल होना भी जरुरी है. उन्होंने भावी चिकित्सकों को पढ़ाई के बाद चिकित्सकीय अभ्यास और पेशेंट के साथ व्यवहार के गुर सिखाए. उन्होंने कहा कि इंटर्नशिप के दौरान विद्यार्थियों का ध्यान पूरी तरह से अपनी प्रैक्टिस पर होना चाहिए. तभी वह मरीज की तकलीफ को समझ सकेंगे. इंटर्नशिप के तहत विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ अस्पताल से जुड़े कार्यों पर भी अनिवार्य रूप से ध्यान देना होगा. जिसमें पेपरवर्क और पेशेंट हिस्ट्री समेत कई कार्य शामिल हैं.
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डीन प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि एक अच्छे चिकित्सक का व्यवहार कुशल होना जरुरी है. उन्होंने बताया कि चिकित्सक का रिसर्च की ओर फोकस होना जरुरी है. साथ ही चिकित्सकीय करियर की बेहतरी के अहम बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने को कहा. इंटर्नशिप ओरिएंटेशन ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत विशेषज्ञ चिकित्सक एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को पेशेंट सेफ्टी, पेशेंट रजिस्ट्रेशन डाक्यूमेंटेशन, एडवर्स ड्रग रिएक्शन मॉनिटनिंग, कम्यूनिकेशन स्किल्स, आयुष्मान भारत योजना, इन्वेस्टिगेशन और स्ट्रैस मैनेजमेंट का प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाएंगे. प्रशिक्षण के बाद उनकी स्किल ट्रेनिंग और मूल्यांकन किया जाएगा.