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उत्तराखंड में बिजली उत्पादन के लिए इन परियोजनाओं पर होगा काम, पढ़ें सरकार की योजना

उत्तराखंड अपनी डिमांड की बिजली भी उत्पादन (Uttarakhand power generation) नहीं कर पा रहा था. बड़ी बात यह है कि राज्य में कई परियोजनाओं पर काम करने के प्रयास तो किए जा रहे हैं, लेकिन किसी न किसी औपचारिकता के चलते यह परियोजनाएं शुरू नहीं हो पा रही है.

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Published : Aug 9, 2022, 9:11 AM IST

Updated : Aug 9, 2022, 12:20 PM IST

Uttarakhand Energy Corporation
उत्तराखंड ऊर्जा निगम

देहरादून: उत्तराखंड में ऊर्जा उत्पादन को लेकर एक खास प्लान पर काम किया जा रहा है, इसके तहत 3 तरह से जिसमें केंद्र में फंसी योजनाओं को अनुमति दिलवाने, नई परियोजनाओं को शुरू करने और महंगी परियोजना को ज्वॉइंट वेंचर में शुरू करने पर काम किया जा रहा है. ऊर्जा निगम (Uttarakhand Energy Corporation) की यह रणनीति सफल होती है तो आने वाले सालों में उत्पादन को लेकर राज्य को बड़ा फायदा हो सकता है.

प्रदेश में ऊर्जा संकट किसी से छिपा नहीं है, स्थिति यह है कि राज्य अपनी डिमांड की बिजली भी उत्पादन (Uttarakhand power generation) नहीं कर पा रहा था. बड़ी बात यह है कि राज्य में कई परियोजनाओं पर काम करने के प्रयास तो किए जा रहे हैं, लेकिन किसी न किसी औपचारिकता के चलते यह परियोजनाएं शुरू नहीं हो पा रही है. इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से भी अनुरोध किया जा रहा है. परियोजना में हर योजना पर अलग-अलग काम करने का फैसला लिया गया है.

विद्युत उत्पादन के लिए इन परियोजनाओं पर होगा काम.
पढ़ें-ऊर्जा निगम में महीनों से मुख्यालय डटे कर्मियों को मिली पोस्टिंग, ट्रेनिंग के नाम पर लटकी थी तैनाती

राज्य में कुछ परियोजनाएं ऐसी है जिनको केंद्र सरकार से क्लीयरेंस नहीं मिल पा रही है. इन परियोजनाओं में बोवाला-नंदप्रयाग परियोजना (BowalaNandprayag Power Project) जो 300 मेगावाट की है वह शामिल है. इस परियोजना को पेमेंट नहीं मिला हुआ है जनशक्ति मंत्रालय से उसके लिए अनुरोध किया जा रहा है. दूसरा प्रयास उन परियोजनाओं को शुरू करने का है जिन पर किसी भी तरह की कोई रोक नहीं है इसमें खासतौर पर यमुना वैली और पिथौरागढ़ से जुड़ी योजनाएं हैं. उधर दूसरी तरफ जिन परियोजनाओं पर राज्य सरकार भारी बजट लगने की संभावनाओं के चलते कदम पीछे खींच रहा है. ऐसी परियोजनाओं पर ज्वाइंट वेंचर में काम शुरू करने की कोशिश की जा रही है. इन परियोजनाओं को टीएचडीसी के साथ शुरू करने की कोशिश की जाएगी.

देहरादून: उत्तराखंड में ऊर्जा उत्पादन को लेकर एक खास प्लान पर काम किया जा रहा है, इसके तहत 3 तरह से जिसमें केंद्र में फंसी योजनाओं को अनुमति दिलवाने, नई परियोजनाओं को शुरू करने और महंगी परियोजना को ज्वॉइंट वेंचर में शुरू करने पर काम किया जा रहा है. ऊर्जा निगम (Uttarakhand Energy Corporation) की यह रणनीति सफल होती है तो आने वाले सालों में उत्पादन को लेकर राज्य को बड़ा फायदा हो सकता है.

प्रदेश में ऊर्जा संकट किसी से छिपा नहीं है, स्थिति यह है कि राज्य अपनी डिमांड की बिजली भी उत्पादन (Uttarakhand power generation) नहीं कर पा रहा था. बड़ी बात यह है कि राज्य में कई परियोजनाओं पर काम करने के प्रयास तो किए जा रहे हैं, लेकिन किसी न किसी औपचारिकता के चलते यह परियोजनाएं शुरू नहीं हो पा रही है. इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से भी अनुरोध किया जा रहा है. परियोजना में हर योजना पर अलग-अलग काम करने का फैसला लिया गया है.

विद्युत उत्पादन के लिए इन परियोजनाओं पर होगा काम.
पढ़ें-ऊर्जा निगम में महीनों से मुख्यालय डटे कर्मियों को मिली पोस्टिंग, ट्रेनिंग के नाम पर लटकी थी तैनाती

राज्य में कुछ परियोजनाएं ऐसी है जिनको केंद्र सरकार से क्लीयरेंस नहीं मिल पा रही है. इन परियोजनाओं में बोवाला-नंदप्रयाग परियोजना (BowalaNandprayag Power Project) जो 300 मेगावाट की है वह शामिल है. इस परियोजना को पेमेंट नहीं मिला हुआ है जनशक्ति मंत्रालय से उसके लिए अनुरोध किया जा रहा है. दूसरा प्रयास उन परियोजनाओं को शुरू करने का है जिन पर किसी भी तरह की कोई रोक नहीं है इसमें खासतौर पर यमुना वैली और पिथौरागढ़ से जुड़ी योजनाएं हैं. उधर दूसरी तरफ जिन परियोजनाओं पर राज्य सरकार भारी बजट लगने की संभावनाओं के चलते कदम पीछे खींच रहा है. ऐसी परियोजनाओं पर ज्वाइंट वेंचर में काम शुरू करने की कोशिश की जा रही है. इन परियोजनाओं को टीएचडीसी के साथ शुरू करने की कोशिश की जाएगी.

Last Updated : Aug 9, 2022, 12:20 PM IST
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