देहरादून: कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए देश में 17 मई तक लॉकडाउन है. जिसकी वजह से प्रदेश की इकोनॉमी बुरे दौर से गुजर रही है. उत्तराखंड के पास राजस्व के सीमित स्रोत हैं. जिनसे प्रदेश को राजस्व मिलता है.
उत्तराखंड के लिए पर्यटन, आबकारी, एमएसएमई उद्योग और परिवहन राजस्व का मुख्य जरिया है. लॉकडाउन के चलते सभी काम पूरी तरह से ठप हैं. जिसका सीधा असर खजाने पर देखा जा रहा है. लॉकडाउन के दौरान अभी तक करीब 1500 करोड़ रुपए सरकारी राजस्व का नुकसान हुआ है. यहीं नहीं उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को करीब 10 हज़ार करोड़ का नुकसान हुआ है.
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उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक के मुताबिक लॉकडाउन का इकोनॉमी पर बड़ा असर पड़ा है. क्योंकि राज्य को हर महीने मिलने वाले राजस्व में अकेले आबकारी विभाग 300 करोड़ रुपए देता था. अन्य विभागों में भी लॉकडाउन के कारण राजस्व मिला बंद हो गया है. लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद सरकार इस नुकसान को कवर भी कर लेगी.