देहरादून: शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे इन दिनों अपने ही विभाग में हो रही तमाम तरह की गतिविधियों से नाराज हैं या अधिकारी उनकी सुन नहीं रहे हैं. अरविंद पांडे ने एनसीईआरटी और फीस एक्ट सहित तमाम विषयों पर शासन स्तर के अधिकारियों से नाराजगी जताई है. शिक्षा मंत्री का कहना है कि शिक्षा माफिया को खिलाफ उन्होंने काम किया है और अब यही लोग मिलकर उनके खिलाफ काम कर रहे हैं.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह गरीब पिता के बेटे हैं और पार्टी ने उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी दी है, वह इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे. पांडे ने कहा कि वह प्रदेश में फीस एक्ट लागू करने को लेकर किसी भी हद तक जाएंगे. प्रदेश में किताबों को लेकर माफियाओं का वर्चस्व था, जिस पर उन्होंने फीस एक्ट के जरिए लगाम लगाने की कोशिश की है.
इसके साथ ही सचिव शिक्षा पर आरोप लगाते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि सचिव शिक्षा आर. मीनाक्षी सुंदरम ने इस फीस एक्ट पर तत्परता नहीं दिखाई, साथ ही ट्रांसफर एक्ट और एनसीईआरटी पर भी शासन स्तर से लापरवाही बरती गई है, जिसकी शिकायत वह मुख्यमंत्री से करेंगे.
गौर हो कि निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिये प्रदेश में लाये गए फीस एक्ट लागू करने में देरी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को नागवार गुजर रही है. बीती 17 जुलाई को मंत्री के निर्देश के बावजूद शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने फीस एक्ट के लिए जिलाधिकारियों को गाइडलाइन नहीं भेजे, जिसकी वजह ऊपरी दवाब माना जा रहा है. इस बार से अरविंद पांडे सचिव के बेहद नाराज हैं.
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मंत्री का कहना है कि पहले लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने की वजह से अप्रैल में नए शिक्षा सत्र के दौरान वो दिशा-निर्देश नहीं दे पाए. निजी स्कूलों ने इस कारण मनमाने तरीके से छात्रों को NCERT की किताबों के साथ अन्य किताबें भी लेने को छात्रों के परिजनों को विवश किया.