ETV Bharat / state

प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा मंत्री की हिदायत, कहा- NCRT ही पढ़ाएं शिक्षक, नहीं तो होगी कार्रवाई - शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे

उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने प्राइवेट स्कूलों के मालिकों को कड़े शब्दों में हिदायत दी. उन्होंने कहा कि अगले शैक्षिक सत्र से स्कूलों में एनसीईआरटी के अलावा कोई दूसरी किताब ना लगाई जाए. ऐसा करने वाले स्कूलों पर उन्होंने कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे
author img

By

Published : Oct 16, 2019, 4:39 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में शिक्षा के नाम पर हो रही लूट को रोकने के लिए किये गए सरकार के दावे खोखले साबित हुए हैं. आज भी किताबों के नाम पर एनसीआरटी की बजाए बच्चों को महंगी-महंगी किताबे खरीदने के लिए विवश होना पढ़ता है. जिस पर लगाम लगाने के लिए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने एक बार फिर प्राइवेट स्कूलों को चेताया है.

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे

शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे ने प्राइवेट स्कूलों के मालिकों को एनसीईआरटी के अलावा दूसरी किताबों को स्कूलों में ना पढ़ाए जाने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई रेफरेंस बुक लगाता भी तो वो हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार एनसीईआरटी सिलेबस के समकक्ष मूल्य वाली ही किताब होनी चाहिए.

पढ़ें- VIRAL वीडियो: पंचायत चुनाव में मतदाताओं को शराब और साड़ियों से लुभा रहे प्रत्याशी

शिक्षा मंत्री का कहना है कि यह देवभूमि है, यहां शिक्षा को निशुल्क देने की संस्कृति है. सोसाइटी एक्ट में इसका प्रावधान भी है. लेकिन आज के समय की मांग को देखते हुए निःशुल्क शिक्षा संभव नहीं है. लेकिन देवभूमि में शिक्षा का बाजारीकरण भी नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा एनसीईआरटी कम दाम का सबसे बेहतर पाठ्यक्रम है. साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी स्कूल ऐसा नहीं करेगा उसके खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी.

अरविंद पांडे का कहना है कि 12वीं कक्षा के बाद जब भी कोई छात्र सरकारी नौकरी की तैयारी करता है तो उसे एनसीईआरटी पाठ्यक्रम ही पढ़ना होता है. वहीं देश की नई शिक्षा नीति में भी एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को अनिवार्य करने को लेकर पूरे देश भर से सुझाव आये हैं. उन्होंने कहा कि जिस किताब को गरीब का बेटा पढ़ रहा है, उसी को अमीर का बेटा भी पड़ेगा.

देहरादून: उत्तराखंड में शिक्षा के नाम पर हो रही लूट को रोकने के लिए किये गए सरकार के दावे खोखले साबित हुए हैं. आज भी किताबों के नाम पर एनसीआरटी की बजाए बच्चों को महंगी-महंगी किताबे खरीदने के लिए विवश होना पढ़ता है. जिस पर लगाम लगाने के लिए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने एक बार फिर प्राइवेट स्कूलों को चेताया है.

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे

शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे ने प्राइवेट स्कूलों के मालिकों को एनसीईआरटी के अलावा दूसरी किताबों को स्कूलों में ना पढ़ाए जाने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई रेफरेंस बुक लगाता भी तो वो हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार एनसीईआरटी सिलेबस के समकक्ष मूल्य वाली ही किताब होनी चाहिए.

पढ़ें- VIRAL वीडियो: पंचायत चुनाव में मतदाताओं को शराब और साड़ियों से लुभा रहे प्रत्याशी

शिक्षा मंत्री का कहना है कि यह देवभूमि है, यहां शिक्षा को निशुल्क देने की संस्कृति है. सोसाइटी एक्ट में इसका प्रावधान भी है. लेकिन आज के समय की मांग को देखते हुए निःशुल्क शिक्षा संभव नहीं है. लेकिन देवभूमि में शिक्षा का बाजारीकरण भी नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा एनसीईआरटी कम दाम का सबसे बेहतर पाठ्यक्रम है. साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी स्कूल ऐसा नहीं करेगा उसके खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी.

अरविंद पांडे का कहना है कि 12वीं कक्षा के बाद जब भी कोई छात्र सरकारी नौकरी की तैयारी करता है तो उसे एनसीईआरटी पाठ्यक्रम ही पढ़ना होता है. वहीं देश की नई शिक्षा नीति में भी एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को अनिवार्य करने को लेकर पूरे देश भर से सुझाव आये हैं. उन्होंने कहा कि जिस किताब को गरीब का बेटा पढ़ रहा है, उसी को अमीर का बेटा भी पड़ेगा.

Intro:
एंकर- उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने प्राइवेट स्कूलों के मालिकों को कड़ें शब्दों में हिदायत दी है कि वो अगले शैक्षिक सत्र से स्कूलों में एनसीईआरटी के अलावा कोई स्लेबस बिल्कुल भी ना लगाएं। उन्होंने कहा कि देवभूमि में सोसाइटी एक्ट के तहत शिक्षा निशुल्क देने का प्रवधान है लेकिन वक्त की मांग को देखते हुए भले यह सौ फीसदी व्यवहारिक नही लेकिन देवभूमि में शिक्षा का बाजारीकरण बिल्कुल भी नही चलेगा।


Body:वीओ- उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूलों में पिछले दो सालों से एनसीईआरटी सलेब्स को लेकर प्रयासरत उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे अब काफी खिन्न नजर आ रहे हैं। दरअलस लाख कोशिशों के बावजूद भी सरकार प्राइवेट स्कूलों के मनमरजी की मंहगी किताबों से पूरी तरह से पीछा छुड़ाने में कारगर नही हो पायी है जिसके पीछे कई सियासी मुद्दे भी छुपे हुए हैं लेकिन अब शिक्षा मंत्री किसी भी तरह की रियायत के मूड में नही है।

शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे ने प्राइवेट स्कूलों के मालिकों को अभी से कड़ें शब्दों में कह दिया है कि वो एनसीईआरटी के अलावा और किसी भी किताबों को स्कूलों में ना पढ़ाएं। उन्होंने कहा कि अगर कोई रेफरेंस बुक लगाता भी तो वो हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार एनसीईआरटी सलेब्स के समकक्ष मूल्य वाली ही किताब होनी चाहिए। शिक्षा मंत्री का कहना है कि यह देवभूमि है यंहा शिक्षा को निशुल्क देने की संस्कृति है और सोसाइटी एक्ट में इसका प्रावधान भी है लेकिन आज के समय की मांग को देकगते हुए अगर निःशुल्क सम्भव भी नही है तो फिर भी देवभूमि में शिक्षा का धंधा ना करें। उन्होंने कहा एनसीईआरटी कम दाम की सबसे बेहतर और अधिकृत पाठ्यक्रम है और गरीब से लेकर अमीर तक को समान शिक्षा का अधिकार है तो उत्तराखंड में शिक्षा के बाजारीकरण को लेकर शिक्षा मंत्री ने सख्त चेतावनी दी है।

दरअलस मंन्त्री अरविंद पांडे का कहना है कि 12 कक्षा के बाद जब भी कोई छात्र किसी नोकरी के लिये परीक्षा देता है तो वह परीक्षा एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर ही आधारित होती है। वही दूसरी तरफ देश की नई शिक्षा नीति में भी एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को अनिवार्य करने को लेकर पूरे देश भर से सुझाव आये हैं। पांडे का कहना है कि जिस किताब को गरीब का बेटा पढ़ रहा है उसी को अमीर का बेटा भी पड़ेगा तो शिक्षा के बाजारीकरण पर लगाम लगेगी।

बाइट- अरविंद पांडे, शिक्षा मंत्री उत्तराखंड


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.