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ऋषिकेशः चाइनीज मांझे में फंसा बाज, वनकर्मियों ने रेस्क्यू कर बचाई जान - चाइनीज मांझे में फंसा बाज

चाइनीज मांझा इंसानों के साथ-साथ बेजुबान पक्षियों के लिए भी घातक साबित होता जा रहा है. हरिद्वार दून मार्ग पर रायवाला के समीप एक बाज चायनीज मांझे में फंस गया.  बाद में वन कर्मियों की टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद सकुशल रेस्क्यू किया.

चाइनीज मांझे की चपेट में आया बाज,
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Published : Feb 1, 2020, 2:45 PM IST

ऋषिकेशः चाइनीज मांझा इंसानों के साथ-साथ बेजुबान पक्षियों के लिए भी घातक साबित होता जा रहा है. बेजुबान पक्षी इस मांझे में फंसकर घायल हो जाते हैं या फिर मर जाते हैं. हरिद्वार दून मार्ग पर रायवाला के समीप एक बाज चायनीज मांझे में फंस गया. बाद में वन कर्मियों की टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद सकुशल रेस्क्यू किया.

चाइनीज मांझे की चपेट में आया बाज,

बाज चाइनीज मांझे की चपेट में आने से घंटों यूकेलिप्टिस के पेड़ पर लटका रहा. पेड़ पर फड़फड़ा रहे इस पक्षी को देखकर कई लोग वहां एकत्र हो गए. स्थानीय होटल वालों ने इसकी सूचना वन कर्मियों को दी, जिसके बाद वन दरोगा मनोज चौहान अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर पक्षी को पेड़ से उतारने का प्रयास करने लगे.

यह भी पढ़ेंः चीन सीमा से जुड़ा भारतीय सेना का संपर्क, 10 दिन में तैयार हुआ बैली ब्रिज

पेड़ काफी ऊंचा था जिस कारण वनकर्मी बाज तक नहीं पहुंच पाए. बाद में वनकर्मियों ने हाईवे पर कार्य कर रही गेल इंडिया लिमिटेड कंपनी की हाइड्रा मशीन की मदद से वनकर्मी को पेड़ पर चढ़ाया.

सफी नाम के इस वन कर्मी ने पेड़ की टहनी को काटा जिसके बाद बाज नीचे उतारा जा सका. वनकर्मियों ने बाज के पंजों में फंसा चाइनीज मांझे को काटकर निकाला जिसके बाद बाज ने फिर से उड़ान भरी.

वन दरोगा मनोज चौहान ने बताया कि यह चाइनीज मांझा बेहद खतरनाक हैं. इंसानों के साथ साथ यह चिड़िया, कबूतर, तोता, मैना, बाज, गिद्ध आदि आजाद पक्षियों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. चायनीज मांझा प्रतिबंधित होने के बाबजूद भी बाजार में आसानी से बिक रहा है.

ऋषिकेशः चाइनीज मांझा इंसानों के साथ-साथ बेजुबान पक्षियों के लिए भी घातक साबित होता जा रहा है. बेजुबान पक्षी इस मांझे में फंसकर घायल हो जाते हैं या फिर मर जाते हैं. हरिद्वार दून मार्ग पर रायवाला के समीप एक बाज चायनीज मांझे में फंस गया. बाद में वन कर्मियों की टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद सकुशल रेस्क्यू किया.

चाइनीज मांझे की चपेट में आया बाज,

बाज चाइनीज मांझे की चपेट में आने से घंटों यूकेलिप्टिस के पेड़ पर लटका रहा. पेड़ पर फड़फड़ा रहे इस पक्षी को देखकर कई लोग वहां एकत्र हो गए. स्थानीय होटल वालों ने इसकी सूचना वन कर्मियों को दी, जिसके बाद वन दरोगा मनोज चौहान अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर पक्षी को पेड़ से उतारने का प्रयास करने लगे.

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पेड़ काफी ऊंचा था जिस कारण वनकर्मी बाज तक नहीं पहुंच पाए. बाद में वनकर्मियों ने हाईवे पर कार्य कर रही गेल इंडिया लिमिटेड कंपनी की हाइड्रा मशीन की मदद से वनकर्मी को पेड़ पर चढ़ाया.

सफी नाम के इस वन कर्मी ने पेड़ की टहनी को काटा जिसके बाद बाज नीचे उतारा जा सका. वनकर्मियों ने बाज के पंजों में फंसा चाइनीज मांझे को काटकर निकाला जिसके बाद बाज ने फिर से उड़ान भरी.

वन दरोगा मनोज चौहान ने बताया कि यह चाइनीज मांझा बेहद खतरनाक हैं. इंसानों के साथ साथ यह चिड़िया, कबूतर, तोता, मैना, बाज, गिद्ध आदि आजाद पक्षियों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. चायनीज मांझा प्रतिबंधित होने के बाबजूद भी बाजार में आसानी से बिक रहा है.

Intro:Ready to air
ऋषिकेश--चाइनीज मांझा इंसानों के साथ साथ बेजुबान पक्षियों के लिए भी घातक साबित होता जा रहा है। बेजुबान पक्षी इस मांझे में फंसकर घायल हो जाते हैं यहा फिर मर जाते हैं। हरिद्वार दून मार्ग पर रायवाला के समीप एक बाज चायनीज मांझे में फंस गया। वन कर्मियों की टीम घंटो मशक्कत के बाद उसे पेड़ से नीचे उतारा।


Body:वी/ओ--शुक्रवार को एक बेजुबान पक्षी चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया और घंटो यूकेलिप्टिस के पेड़ पर लटका रहा। पेड़ पर फड़फड़ा रहे इस पक्षी को देखकर कई लोग वहां एकत्र हो गए। स्थानीय होटल वालों ने इसकी सूचना वन कर्मियों को दी। जिसके बाद वन दरोगा मनोज चैहान अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर पक्षी को पेड़ से उतारने का प्रयास करने लगे। पेड़ काफी उंचा था जिस कारण वन कर्मी बाज तक नहीं पहुंच पाए। जिसके बाद वनकर्मियों ने हाइवे पर कार्य कर रही गेल इंडिया लिमिटेड कंपनी की हाइड्रा मशीन की मदद से वन गुर्जर को पेड़ पर चढ़ाया। सफी नाम के इस वन गुर्जर ने पेड़ की टहनी को काटा जिसके बाद बाज नीचे उतारा जा सका। वनकर्मियों ने बाज के पंजों में फंसे चाइनीज मांझे को काटकर निकाला जिसके बाद पक्षी ने फिर से उडान भरी।


Conclusion:वी/ओ-- वन दरोगा मनोज चौहान ने बताया कि यह चाइनीज मांझा बेहद खतरनाक हैं। इंसानों के साथ साथ यह चिड़िया, कबूतर, तोता, मैना, बाज, गिद्ध आदि आजाद पक्षियों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। चायनीज मांझा प्रतिबंधित होने के बाबजूद भी बाजार में आसानी से बिक रहा है।

बाईट--मनोज चौहान(वन दरोगा)
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