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अस्पतालों में बढ़ रहा मरीजों का दबाव, जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रही ऑक्सीजन

दून मेडिकल कॉलेज में 350 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. जिन लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत ही नहीं है, वे भी ऑक्सीजन की डिमांड कर रहे हैं. ऐसे में लोड बढ़ने और ऑक्सीजन का मिस यूज होने से उत्तराखंड भविष्य में ऑक्सीजन की कमी से जूझ सकता है.

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जरूरत मंदों को नहीं मिल पा रही ऑक्सीजन
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Published : Apr 21, 2021, 8:09 PM IST

Updated : Apr 21, 2021, 9:27 PM IST

देहरादून: देश में ऑक्सीजन की जरूरत को लेकर केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारों की भी चिंता बढ़ने लगी है. अस्पतालों पर दिनों-दिन बढ़ रहे मरीजों के दबाव के बाद भविष्य में ऑक्सीजन की कमी एक बड़ी चिंता के रूप में सामने आ सकती है. जिससे आने वाले दिनों में सरकार और स्वास्थ्य विभाग की परेशानियां बढ़ सकती हैं.

अस्पतालों में बढ़ रहा मरीजों का दबाव.

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों में भारी उछाल आया है. अब नए संक्रमण के मामले 24 घंटे में 5000 के करीब पहुंच गए हैं. उधर मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. उत्तराखंड में बढ़ती मरीजों की संख्या राज्य में भी ऑक्सीजन की कमी की संभावना को लेकर चिंताएं बढ़ा रही है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए फिलहाल औद्योगिक इकाइयों को ऑक्सीजन की सप्लाई बंद करने के आदेश दिए गए हैं.

पढ़ें- रात भर धधकता रहा जंगल, वन विभाग और फायर ब्रिगेड के छूटे पसीने

उधर ऑक्सीजन को मेडिकल उपयोग में ही लाए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं. फिलहाल राज्य में ऑक्सीजन के तीन प्लांट स्थापित हैं, इसमें देहरादून, रुड़की और काशीपुर के तीनों प्लांट्स में ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है. उधर राज्य सरकार ने यह तय किया है कि प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित किए जाएंगे.

पढ़ें- त्रिवेणी घाट के पास एक कैफे में लगी आग, फायर ब्रिगेड की टीम ने बमुश्किल पाया काबू

राज्य में मरीजों को ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत राजधानी देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जैसे जनपदों में हो रही है. ऑक्सीजन को लेकर अस्पतालों में बढ़ रहे दबाव को इस रूप में समझिए की देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में सामान्य दिनों में 1200 किलोग्राम ऑक्सीजन की आवश्यकता होती थी, जो कि अब 2500 किलोग्राम प्रतिदिन होने लगी है.

पढ़ें- इम्यूनिटी बढ़ाने को हो रहा नींबू का सेवन, आवक हुई कम, तीन गुनी हुई कीमत

लगातार ऑक्सीजन की खपत बढ़ने के बाद अस्पताल के सीएमएस ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर 3000 किलोग्राम तक खपत बढ़ने की स्थिति में ऑक्सीजन की कमी होने की जानकारी दी है. इस मामले में दून मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉक्टर केसी पंत कहते हैं कि फिलहाल ऑक्सीजन पर्याप्त है, लेकिन लगातार लोड बढ़ रहा है. फिलहाल 350 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. जिन लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत ही नहीं है, वे भी ऑक्सीजन की डिमांड कर रहे हैं.

पढ़ें- कॉर्बेट नेशनल पार्क आने वाले पर्यटकों को लानी होगी निगेटिव रिपोर्ट

सरकारी अस्पताल में लगाए गए प्लांट के अलावा प्राइवेट ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म भी लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही हैं. जानकारी के अनुसार काशीपुर की आईजीएल कंपनी उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र और यूपी को करीब 15 से 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है.

एक आकलन के अनुसार 70 या उससे कम लेवल वाले मरीज को 1 दिन में 12 से 15 लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, घर 80 से 90 लेवल पर 5 से 7 लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. इसी तरह 7 क्यूबिक मीटर का सिलेंडर जिसमें करीब 40 लीटर ऑक्सीजन होती है, 300 से ₹325 में मिल जाता है. लेकिन अब इस मारामारी के समय में इसके दाम भी बढ़ने की जानकारी आ रही है.

देहरादून: देश में ऑक्सीजन की जरूरत को लेकर केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारों की भी चिंता बढ़ने लगी है. अस्पतालों पर दिनों-दिन बढ़ रहे मरीजों के दबाव के बाद भविष्य में ऑक्सीजन की कमी एक बड़ी चिंता के रूप में सामने आ सकती है. जिससे आने वाले दिनों में सरकार और स्वास्थ्य विभाग की परेशानियां बढ़ सकती हैं.

अस्पतालों में बढ़ रहा मरीजों का दबाव.

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों में भारी उछाल आया है. अब नए संक्रमण के मामले 24 घंटे में 5000 के करीब पहुंच गए हैं. उधर मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. उत्तराखंड में बढ़ती मरीजों की संख्या राज्य में भी ऑक्सीजन की कमी की संभावना को लेकर चिंताएं बढ़ा रही है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए फिलहाल औद्योगिक इकाइयों को ऑक्सीजन की सप्लाई बंद करने के आदेश दिए गए हैं.

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उधर ऑक्सीजन को मेडिकल उपयोग में ही लाए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं. फिलहाल राज्य में ऑक्सीजन के तीन प्लांट स्थापित हैं, इसमें देहरादून, रुड़की और काशीपुर के तीनों प्लांट्स में ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है. उधर राज्य सरकार ने यह तय किया है कि प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित किए जाएंगे.

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राज्य में मरीजों को ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत राजधानी देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जैसे जनपदों में हो रही है. ऑक्सीजन को लेकर अस्पतालों में बढ़ रहे दबाव को इस रूप में समझिए की देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में सामान्य दिनों में 1200 किलोग्राम ऑक्सीजन की आवश्यकता होती थी, जो कि अब 2500 किलोग्राम प्रतिदिन होने लगी है.

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लगातार ऑक्सीजन की खपत बढ़ने के बाद अस्पताल के सीएमएस ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर 3000 किलोग्राम तक खपत बढ़ने की स्थिति में ऑक्सीजन की कमी होने की जानकारी दी है. इस मामले में दून मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉक्टर केसी पंत कहते हैं कि फिलहाल ऑक्सीजन पर्याप्त है, लेकिन लगातार लोड बढ़ रहा है. फिलहाल 350 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. जिन लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत ही नहीं है, वे भी ऑक्सीजन की डिमांड कर रहे हैं.

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सरकारी अस्पताल में लगाए गए प्लांट के अलावा प्राइवेट ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म भी लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही हैं. जानकारी के अनुसार काशीपुर की आईजीएल कंपनी उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र और यूपी को करीब 15 से 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है.

एक आकलन के अनुसार 70 या उससे कम लेवल वाले मरीज को 1 दिन में 12 से 15 लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, घर 80 से 90 लेवल पर 5 से 7 लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. इसी तरह 7 क्यूबिक मीटर का सिलेंडर जिसमें करीब 40 लीटर ऑक्सीजन होती है, 300 से ₹325 में मिल जाता है. लेकिन अब इस मारामारी के समय में इसके दाम भी बढ़ने की जानकारी आ रही है.

Last Updated : Apr 21, 2021, 9:27 PM IST
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