ETV Bharat / state

उत्तराखंडः कम बारिश के चलते यहां सूखे जैसे हालात, लेकिन किसानों को नहीं डरने की जरुरत

मानसून सीजन में कम बारिश के चलते प्रदेश के छह जिलों में सूखे जैसे हालात पैदा होने का खतरा बढ़ गया है. इन जिलों में अब तक सामान्य से 40 फीसदी कम बारिश हुई है.

कॉन्सेप्ट इमेज
author img

By

Published : Aug 5, 2019, 11:54 PM IST

Updated : Aug 6, 2019, 12:08 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में मानसून के शुरुआती महीने कम बारिश के चलते सूखे की ओर इशारा कर रहे हैं, बावजूद इसके उत्तराखंड के किसानों को सूखे से खेती में कोई नुकसान नहीं होगा. जानिए कैसे उत्तराखंड के किसानों को इस साल सूखे से नहीं पड़ेगा फर्क.

कम बारिश के चलते सूखे जैसे हालात.

मानसून सीजन के दौरान उत्तराखंड में इस बार कम बारिश होने के आसार नजर आ रहे हैं. शुरुआती 2 महीनों के आंकड़े तो कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं. प्रदेश में जून और जुलाई के महीने सामान्य से भी कम हुई. बारिश की ये कमी भविष्य में सूखे की ओर इशारा कर रही है, लेकिन कृषि मंत्री का दावा है कि इस सूखे का उत्तराखंड की खेती पर कोई असर नहीं होने वाला है.

दरअसल, जून महीने में जहां 52 फीसदी बारिश कम हुई है तो वहीं जुलाई माह में कुल 29 प्रतिशत बारिश कम आंकी गई है. अब तक का कुल आंकड़ा निकाला जाए तो प्रदेश में 26 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जो कि सामान्य से भी बेहद ज्यादा कम है. हालांकि सितंबर तक इसमें कुछ राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

पढ़ें- नशा तस्करों के खिलाफ अब होगी गैंगस्टर की कार्रवाई, डीआईजी ने दिखाई सख्ती

राज्य में बारिश कम होने से सूखे जैसे हालात होने की आशंका है, सबसे ज्यादा बूरे हालत पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी और बागेश्वर जिले के है. यहां इस सबसे कम बारिश हुई है, लेकिन इसका खेती पर कोई असर नहीं पडे़गा. ये हम नहीं बल्कि सूबे के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल कह रहे है. इसके पीछे उनके तर्क भी है.

कृषि मंत्री की माने तो पिछले साल उत्तराखंड में बारिश काफी ज्यादा हुई थी. जिससे खेतों में नमी पर्याप्त मात्रा में हैं. जल स्त्रोत भी पूरी तरह से भरे हुए हैं. ऐसे में यदि कुछ हद तक बारिश कम भी होती है तो इसका किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा.

पढ़ें- अनुच्छेद 370 पर बोलीं इंदिरा हृदयेश, आने वाले समय बताएगा कश्मीर की परिस्थिति

कृषि विभाग ने मानसून में बारिश को लेकर जिला प्रशासन और मौसम विभाग से तमाम आंकड़े जुटाए हैं. साथ ही किसानों की जमीनों में मौजूदा नमी की स्थिति का भी विभाग ने आकलन किया है. शायद यही कारण है कि बेहद ज्यादा कम बारिश होने के बावजूद कृषि विभाग इसको लेकर कुछ ज्यादा चिंतित नहीं दिखाई दे रहा.

देहरादून: उत्तराखंड में मानसून के शुरुआती महीने कम बारिश के चलते सूखे की ओर इशारा कर रहे हैं, बावजूद इसके उत्तराखंड के किसानों को सूखे से खेती में कोई नुकसान नहीं होगा. जानिए कैसे उत्तराखंड के किसानों को इस साल सूखे से नहीं पड़ेगा फर्क.

कम बारिश के चलते सूखे जैसे हालात.

मानसून सीजन के दौरान उत्तराखंड में इस बार कम बारिश होने के आसार नजर आ रहे हैं. शुरुआती 2 महीनों के आंकड़े तो कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं. प्रदेश में जून और जुलाई के महीने सामान्य से भी कम हुई. बारिश की ये कमी भविष्य में सूखे की ओर इशारा कर रही है, लेकिन कृषि मंत्री का दावा है कि इस सूखे का उत्तराखंड की खेती पर कोई असर नहीं होने वाला है.

दरअसल, जून महीने में जहां 52 फीसदी बारिश कम हुई है तो वहीं जुलाई माह में कुल 29 प्रतिशत बारिश कम आंकी गई है. अब तक का कुल आंकड़ा निकाला जाए तो प्रदेश में 26 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जो कि सामान्य से भी बेहद ज्यादा कम है. हालांकि सितंबर तक इसमें कुछ राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

पढ़ें- नशा तस्करों के खिलाफ अब होगी गैंगस्टर की कार्रवाई, डीआईजी ने दिखाई सख्ती

राज्य में बारिश कम होने से सूखे जैसे हालात होने की आशंका है, सबसे ज्यादा बूरे हालत पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी और बागेश्वर जिले के है. यहां इस सबसे कम बारिश हुई है, लेकिन इसका खेती पर कोई असर नहीं पडे़गा. ये हम नहीं बल्कि सूबे के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल कह रहे है. इसके पीछे उनके तर्क भी है.

कृषि मंत्री की माने तो पिछले साल उत्तराखंड में बारिश काफी ज्यादा हुई थी. जिससे खेतों में नमी पर्याप्त मात्रा में हैं. जल स्त्रोत भी पूरी तरह से भरे हुए हैं. ऐसे में यदि कुछ हद तक बारिश कम भी होती है तो इसका किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा.

पढ़ें- अनुच्छेद 370 पर बोलीं इंदिरा हृदयेश, आने वाले समय बताएगा कश्मीर की परिस्थिति

कृषि विभाग ने मानसून में बारिश को लेकर जिला प्रशासन और मौसम विभाग से तमाम आंकड़े जुटाए हैं. साथ ही किसानों की जमीनों में मौजूदा नमी की स्थिति का भी विभाग ने आकलन किया है. शायद यही कारण है कि बेहद ज्यादा कम बारिश होने के बावजूद कृषि विभाग इसको लेकर कुछ ज्यादा चिंतित नहीं दिखाई दे रहा.

Intro:Summary- उत्तराखंड में मानसून के शुरुआती महीने कम बारिश के चलते सूखे की ओर इशारा कर रहे हैं.. लेकिन इसके बावजूद उत्तराखंड के किसानों को सूखे से खेती में कोई नुकसान नहीं होगा... जानिए कैसे उत्तराखंड के किसानों को इस साल सूखे से नहीं पड़ेगा फर्क....


प्रदेश में जून और जुलाई के महीने सामान्य से भी कम हुई बारिश भविष्य में सूखे की ओर इशारा कर रही है..लेकिन कृषि मंत्री का दावा है की इस सूखे का भी उत्तराखंड की खेती पर कोई असर नहीं होने वाला है।




Body:मानसून सीजन के दौरान उत्तराखंड में इस बार कम बारिश होने के आसार नजर आ रहे हैं... शुरुआती 2 महीनों के आंकड़े तो कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं... दरअसल जून महीने में जहां 52 परसेंट बारिश कम हुई है तो वहीं जुलाई माह में कुल 29% बारिश कम आंकी गई है... अब तक का कुल आंकड़ा निकाला जाए तो प्रदेश में 36% बारिश कम हुई है... जो कि सामान्य से भी बेहद ज्यादा कम है... हालांकि सितंबर तक इसमें कुछ राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। 


बाइट विक्रम सिंह निदेशक मौसम विभाग


राज्य में बारिश कम होने से सूखे जैसे हालात होने की आशंका है लेकिन बावजूद इसके इसका खेती पर कोई असर नहीं होने की बात कही जा रही है। वैसे राज्य में पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी और बागेश्वर में सबसे कम बारिश रिकॉर्ड की गई है लेकिन कृषि मंत्री सुबोध उनियाल राज्य में कम हुई बारिश से इस बार खेती में कोई असर नहीं पड़ने की बात कही गई। कृषि मंत्री का इसके पीछे तर्क है कि पिछले साल उत्तराखंड में बारिश काफी ज्यादा हुई थी जिससे खेतों में नमी पर्याप्त मात्रा में हैं जबकि जल स्त्रोत भी पूरी तरह से भरे हुए हैं।  ऐसे में यदि कुछ हद तक बारिश कम भी होती है तो इसका किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा। 


बाइट सुबोध उनियाल कृषि मंत्री उत्तराखंड






Conclusion:कृषि विभाग ने मानसून में बारिश को लेकर जिला प्रशासन और मौसम विभाग से तमाम आंकड़े जुटाए हैं साथ ही किसानों की जमीनों में मौजूदा नबी की स्थिति का भी विभाग ने आकलन किया है.. शायद यही कारण है कि बेहद ज्यादा कम बारिश होने के बावजूद कृषि विभाग इसको लेकर कुछ ज्यादा चिंतित नहीं दिखाई दे रहा। हालांकि इसके बावजूद भी किसानों को राहत देने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं।
Last Updated : Aug 6, 2019, 12:08 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.