देहरादूनः उत्तराखंड में सेब उत्पादन पर जोर दिया है. इसके साथ सेबों को आसानी से बाजार तक पहुंचाने के लिए तमाम प्रयास किया जा रहे हैं. इस कड़ी में मुख्य सचिव एसएस संधू ने बुधवार को अधिकारियों की भंडारण और पारगमन उन्नयन के लिए योजना को लेकर बैठक ली. इस दौरान सेब के उत्पादन और उसके ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी पॉलिसी में नई तकनीक का भी इस्तेमाल किए जाने के निर्देश भी दिए गए.
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में सेब के उत्पादन को लेकर तो किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. साथ ही उनके उत्पाद बाजार तक कैसे पहुंचे, इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. खास बात ये है कि इस दौरान ट्रांसपोर्टेशन और सेब के भंडारण के लिए भी कोशिशें की जा रही हैं. इसी कड़ी में बुधवार को मुख्य सचिव एसएस संधू ने अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए सेब के भंडारण पर विशेष प्रयास किए जाने के निर्देश दिए. इस दौरान सेब की फसल के उत्पादन के बाद उसके भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज स्थापित किए जाने के भी निर्देश दिए गए.
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बैठक में कहा गया कि मैदानी क्षेत्रों में कोल्ड स्टोरेज के संचालन में बिजली के बिलों का काफी खर्च आता है. जिस कारण व्यावहारिक नहीं रहता है. लिहाजा, पर्वतीय क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज पर होने वाले कम बिजली के खर्च के कारण यहां पर निजी क्षेत्र के लोगों को इसके लिए आकर्षित करने की जरूरत है. पॉलिसी में इससे जुड़े नियमों को शामिल करने की भी आवश्यकता है.
इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन के दौरान ड्रोन तकनीक का प्रयोग किए जाने के लिए पॉलिसी में इसके लिए भी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए. इतना ही नहीं, रोपवे की व्यवस्था किए जाने को भी उचित बताया गया. खास बात ये है कि ऑफ सीजन में इस रोपवे का दूसरे कामों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में प्रसंस्करण इकाइयों को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए. साथ ही बड़े स्तर पर लगाए जाने वाले प्रसंस्करण इकाइयों को एमएसएमई पॉलिसी के अंतर्गत भी लाभ मिलना चाहिए.