ETV Bharat / state

मसूरी में पानी की समस्या होगी दूर, यमुना पेयजल योजना पर हो रहा काम

यमुना पेयजल योजना के धरातल पर उतरने के बाद मसूरी को आने वाले 40 सालों तक पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा.

पहाड़ों की रानी की प्यास
पहाड़ों की रानी की प्यास
author img

By

Published : Feb 19, 2021, 9:44 PM IST

Updated : Feb 19, 2021, 10:06 PM IST

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी की प्यास बुझाने के लिए केंद्र सरकार ने 144 करोड़ रुपए की यमुना पेयजल योजना को जो स्वीकृति दी थी, उसका काम बड़ी तेजी से किया जा रहा है. एक मार्च 2020 को मसूरी विधायक गणेश जोशी ने योजना का शिलान्यास किया था. पेयजल योजना पूरी होने के बाद मसूरी में आगामी 40 सालों तक भी पानी की कोई समस्या नहीं होगी.

यमुना पेयजल योजना पर हो रहा काम.

इस योजना के तहत यमुना नदी से चार स्टेज में पंपिंग की जाएगी. यह योजना साल 2022 तक धरातल पर उतराने की तैयारी है. कोरोना काल में लगे लॉकडाउन की वजह से पेयजल योजना का काम शुरू नहीं हो पाया था, हालांकि जनवरी से इसका काम फिर से शुरू हो गया है.

पढ़ें- चमोली आपदा के बाद प्रदेश में पर्यटन के बदलेंगे हालात, आपदा पर भारी पड़ेगी 'आस्था'?

बता दें कि हर साल गर्मियों में मसूरी के लोगों को पेयजल संकट का सामान करना पड़ता है. मसूरी की जनसंख्या और पर्यटकों के आवाजाही के हिसाब से शहर को 14 एमएलडी पेयजल की जरूरत पड़ती है, लेकिन उसक सापेक्ष अभी मसूरी को गढ़वाल जल संस्थान की तरफ से सिर्फ सात एमएलडी पानी ही मिल पा रहा है. मसूरी में होटल समेत अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान टैंकरों से जरिए अपनी पानी की आपूर्ति पूरा करते हैं.

मसूरी में न बने शिमला जैसे हालात

शिमला में भी एक बार गर्मियों में पानी की किल्लत हो गई थी. जिसके चलते वहां कुछ समय के लिए पर्यटक की एंट्री भी बैन कर दी गई थी. इसी तरह की समस्या को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की मांग पर केन्द्र ने 144 करोड़ रुपये की मसूरी यमुना पेयजल योजना को स्वीकृति दी थी.

पढ़ें- सरकार की बेरुखीः अस्थायी पुलिया पर झूलती 40 परिवारों की जिंदगियां

17 किमी लंबी पेयजल लाइन डाली जाएगी

योजना के तहत यमुना ब्रिज और खियोगार्ड गदेरा से शहर तक 17 किमी लंबी पेयजल लाइन डाली जाएगा. राधा भवन में 400 लीटर का ओवरहेड टैंक बनाया जाएगा, जहां से शहर में पानी की सप्लाई की जाएगी. उम्मीद है कि योजना के बनने से शहर में पानी की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी.

पेयजल अधिशासी अभियंता सुभाष चंद्रा ने बताया कि 135 एलपीसीडी के तहत योजना को डिजाइन किया गया है, जो यमुना नदी से होते हुए मसूरी के राधा भवन तक आएगी और इसकी कुल दूरी 17 किलोमीटर लंबी होगी. योजना को पूरा करने में 2 साल का समय लगेगा.

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी की प्यास बुझाने के लिए केंद्र सरकार ने 144 करोड़ रुपए की यमुना पेयजल योजना को जो स्वीकृति दी थी, उसका काम बड़ी तेजी से किया जा रहा है. एक मार्च 2020 को मसूरी विधायक गणेश जोशी ने योजना का शिलान्यास किया था. पेयजल योजना पूरी होने के बाद मसूरी में आगामी 40 सालों तक भी पानी की कोई समस्या नहीं होगी.

यमुना पेयजल योजना पर हो रहा काम.

इस योजना के तहत यमुना नदी से चार स्टेज में पंपिंग की जाएगी. यह योजना साल 2022 तक धरातल पर उतराने की तैयारी है. कोरोना काल में लगे लॉकडाउन की वजह से पेयजल योजना का काम शुरू नहीं हो पाया था, हालांकि जनवरी से इसका काम फिर से शुरू हो गया है.

पढ़ें- चमोली आपदा के बाद प्रदेश में पर्यटन के बदलेंगे हालात, आपदा पर भारी पड़ेगी 'आस्था'?

बता दें कि हर साल गर्मियों में मसूरी के लोगों को पेयजल संकट का सामान करना पड़ता है. मसूरी की जनसंख्या और पर्यटकों के आवाजाही के हिसाब से शहर को 14 एमएलडी पेयजल की जरूरत पड़ती है, लेकिन उसक सापेक्ष अभी मसूरी को गढ़वाल जल संस्थान की तरफ से सिर्फ सात एमएलडी पानी ही मिल पा रहा है. मसूरी में होटल समेत अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान टैंकरों से जरिए अपनी पानी की आपूर्ति पूरा करते हैं.

मसूरी में न बने शिमला जैसे हालात

शिमला में भी एक बार गर्मियों में पानी की किल्लत हो गई थी. जिसके चलते वहां कुछ समय के लिए पर्यटक की एंट्री भी बैन कर दी गई थी. इसी तरह की समस्या को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की मांग पर केन्द्र ने 144 करोड़ रुपये की मसूरी यमुना पेयजल योजना को स्वीकृति दी थी.

पढ़ें- सरकार की बेरुखीः अस्थायी पुलिया पर झूलती 40 परिवारों की जिंदगियां

17 किमी लंबी पेयजल लाइन डाली जाएगी

योजना के तहत यमुना ब्रिज और खियोगार्ड गदेरा से शहर तक 17 किमी लंबी पेयजल लाइन डाली जाएगा. राधा भवन में 400 लीटर का ओवरहेड टैंक बनाया जाएगा, जहां से शहर में पानी की सप्लाई की जाएगी. उम्मीद है कि योजना के बनने से शहर में पानी की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी.

पेयजल अधिशासी अभियंता सुभाष चंद्रा ने बताया कि 135 एलपीसीडी के तहत योजना को डिजाइन किया गया है, जो यमुना नदी से होते हुए मसूरी के राधा भवन तक आएगी और इसकी कुल दूरी 17 किलोमीटर लंबी होगी. योजना को पूरा करने में 2 साल का समय लगेगा.

Last Updated : Feb 19, 2021, 10:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.