देहरादून: उत्तराखंड में अधिकारियों की लापरवाही के कारण तमाम विकास कार्यों में सुस्ती देखी जा रही है. वहीं, पेयजल विभाग से जुड़े कार्यों में तेजी लाने के लिए कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए. दरअसल पेयजल विभाग की समीक्षा बैठक में विभागीय मंत्री ने पाया कि कार्यदायी संस्था एडीबी के अधिकारी अपने काम को निर्धारित समय पर पूरा नहीं कर पाए हैं, जिसको लेकर मंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाई.
कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने पेयजल विभाग की विधानसभा कार्यालय में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया. उन्होंने कहा विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए जाने वाले कार्य में समन्वय स्थापित किया जाए.
मंत्री ने पेयजल योजना से संबंधित कार्य जल निगम, एडीबी, अमृत योजना की एजेंसी द्वारा कार्य चलाने पर आपसी दोषारोपण से बचने के लिए लिए कहा. साथ ही बैठक बुलाकर एक कार्यदायी एजेंसी बनाने का निर्देश दिया. विभिन्न कार्यादायी एजेंसी द्वारा कार्य करने के कारण योजना के क्रियान्वयन में समस्या आ रही थी.
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2008 में जिंदल कंपनी द्वारा पेयजल के लिए 3,000 करोड़ की परियोजना पूर्ण की जानी थी, लेकिन केवल 1,000 हजार करोड़ रुपये का 33 प्रतिशत कार्य पूरा करने के बाद 2017 में यह कंपनी कार्य छोड़ कर चली गई.
उत्तराखंड के 31 शहरों का चयन करने के बाद केवल 5 शहरों में कार्य किया गया. रुड़की, देहरादून, नैनीताल, रामनगर, हल्द्वानी में इस परियोजना की प्रगति असंतोषजनक रही. अपूर्ण कार्य को एडीबी द्वारा पूर्ण किया जाएगा.
देहरादून जनपद में 217 किलोमीटर पाइप लाइन बिछानी थी, लेकिन अभी तक 15 करोड़ की लागत से 47 किलोमीटर पाइप लाइन का कार्य अपूर्ण है. इस संबंध में निर्देश दिया गया कि अगले माह तक एडीबी द्वारा अपूर्ण कार्य का टेंडर कराकर अगले वर्ष तक कार्य पूर्ण कर लिया जाए. नैनीताल और रामनगर में पाइप लाइन का कार्य लगभग 90 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुका है, लेकिन हल्द्वानी में कार्य असंतोषजनक है.