ऋषिकेश: वर्ल्ड बैंक की योजना(Rishikesh World Bank Scheme) से शिवाजी नगर में बिछाई जा पेयजल लाइन पर सवाल खड़े हो गए है. आरोप लगा है कि जल संस्थान मानक के अनुसार पाइपलइन नहीं बिछा रहा है. सड़क खोदने के लिए भी नगर निगम से मिली परमिशन के नियमों का उल्लंघन हो रहा है. खुदाई के दौरान निकलने वाली मिट्टी और पत्थरों को भी ठेकेदार मनमर्जी से बेच रहा है. शिकायत मिलने पर स्थानीय लोगों ने पार्षद के साथ मिलकर अपना विरोध जताया है.
शिवाजी नगर के पार्षद जयेश राणा ने बताया कि नगर निगम की ओर से वर्ल्ड बैंक की योजना के तहत बिछाई जाने वाली पानी की पाइप लाइन के लिए 2 फीट सड़क खोदने की परमिशन दी गई है. जबकि जल संस्थान ने छह 6 फीट तक सड़क खोद दी है. यही नहीं सड़क खोदने के दौरान निकलने वाली मिट्टी और पत्थरों को भी मनमर्जी से बेचा जा रहा है. आरोप लगाया कि वर्ल्ड बैंक के रुपयों का जल संस्थान दुरुपयोग कर रहा है. मौके पर सवाल जवाब के लिए कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं है.
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फोन पर बातचीत करने के दौरान भी वर्क आर्डर और अन्य कागज मौके पर भेजने के लिए अधिकारी सही तरीके से जवाब नहीं दे रहे हैं. आरोप है कि छोटी-छोटी गलियों में जेसीबी से रास्ते खोद कर रास्ते बंद कर दिए गए हैं. जिसकी वजह से लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. समाजसेवी सुरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि अधिकारियों के मौके पर नहीं होने से लापरवाही का आलम देखने को मिल रहा है. ऐसे में स्थानीय लोगों के पास विरोध के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है.
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कार्यदायी कंपनी कश्मीरी लाल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर वीरभद्र सिंह चंदेल ने बताया कि प्रतिदिन जूनियर इंजीनियर मौके पर उपस्थित रहते हैं. मीटिंग होने की वजह से फिलहाल अधिकारी मौके पर नहीं हैं. नियमों की अनदेखी नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं.वहीं इस मामले में जल संस्थान के अवर सहायक अभियंता मनोज डबराल से फोन पर वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि मौके पर हर समय जेई का उपस्थित रहना संभव नहीं है. उन्होंने कार्य क्षेत्र अधिक होने का हवाला दिया. इसके साथ ही दफ्तर के काम को निपटाने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में जो कार्य किया जा रहा है वह मानकों के अनुरूप ही किया जा रहा है. अधिकारियों के द्वारा समय-समय पर कार्य की मॉनिटरिंग की जाती है.