देहरादून: देश के साथ ही प्रदेश में भी कोरोना लगातार पैर पसार रहा है. कोरोना के बढ़ते मामले लोगों को डरा रहे हैं. वहीं कोरोना की वैक्सीन जल्द उपलब्ध होने के दावों के बीच इस बात पर भी बहस छिड़ गई है कि क्या कोरोना संक्रमण से उबर चुके मरीजों को भी इस वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी. हालांकि चिकित्सकों के पास इसका कोई ठोस जवाब नहीं है, लेकिन चिकित्सक इतना जरूर मानते हैं कि प्राथमिकता के तौर पर अस्पतालों से छुट्टी ले चुके संक्रमित मरीजों को वैक्सीन की आवश्यकता नहीं होगी.
बताया जा रहा है कि साल के अंत या अगले साल की शुरुआत तक देश में वैक्सीन मरीजों तक पहुंचनी शुरू हो जाएगी. इस कड़ी में बाकी राज्यों की तरह उत्तराखंड भी वैक्सीन को लेकर अपनी तैयारी कर रहा है. वैक्सीन प्राथमिकता के तौर पर किन को दी जाएगी यह तय किया जा रहा है. लेकिन वरिष्ठ चिकित्सक मानते हैं कि कोरोना संक्रमण से उबर चुके मरीजों को इसकी प्राथमिकता के तौर पर जरूरत नहीं होगी. इसके पीछे चिकित्सकों का तर्क संक्रमित मरीजों के ठीक होने के बाद उनके शरीर में विकसित हुए एंटीबॉडी का होना है.
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दून अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक अनुराग अग्रवाल कहते हैं कि कोविड-19 को लेकर यूं तो दुनिया भर में बहुत ज्यादा जानकारियां अभी नहीं हैं. लेकिन इतना तय है कि वैक्सीन आने के बाद संक्रमण से बाहर आ चुके मरीजों को इसे प्राथमिकता के तौर पर नहीं दिया जाएगा. इसकी वजह यह है कि मरीजों के शरीर में एंटीबॉडी विकसित होने की बात चिकित्सक मान रहे हैं और यदि शरीर में एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है तो फिर इन मरीजों को प्राथमिकता के तौर पर वैक्सीन की जरूरत नहीं होगी.
बता दें कि शुक्रवार को प्रदेश में 512 नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. इसके साथ ही उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 70,205 पहुंच गया है, जबकि 64,939 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. वहीं, अब तक 1,138 लोगों की जान जा चुकी है.