देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल पर भले ही रोक लगा दी हो, लेकिन डॉक्टर इस आदेश को मानने को तैयार नहीं है. डॉक्टरों का यह बयान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के उस विरोध को लेकर आया है, जिसके तहत एसोसिएशन ने उत्तराखंड में शुक्रवार से प्रदेश भर को ओपीडी बंद करने का ऐलान किया है.
त्रिवेंद्र सरकार का डॉक्टरों की हड़ताल रोकने के लिए किया गया आदेश शायद काम नहीं आएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने साफ कर दिया है कि सरकार के हड़ताल पर रोक के आदेश का उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. डॉक्टर अपनी हड़ताल के ऐलान के लिहाज से शुक्रवार को ओपीडी बंद करने के बयान पर अड़े हुए हैं और ओपीडी बंद करके ही रहेंगे.
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दरअसल, त्रिवेंद्र सरकार ने राज्य में डॉक्टरों की हड़ताल पर रोक लगाई थी और आनन-फानन में किए गए इस आदेश के जरिए सरकार डॉक्टरों के आंदोलन में काम बंदी को रोकने में जुटी हुई थी. प्रदेश में कोविड-19 के इस दौर में सरकार नहीं चाहती कि डॉक्टर हड़ताल या काम बंदी जैसा कोई फैसला लें. ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के ओपीडी बंद करने के ऐलान के बाद राज्य सरकार ने हड़ताल पर रोक के आदेश किए हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के उत्तराखंड में अध्यक्ष डीडी चौधरी से जब ईटीवी भारत ने बात की और सरकार के इस आदेश को लेकर डॉक्टरों की राय जानने की कोशिश की तो डॉक्टर डीडी चौधरी ने कहा कि चिकित्सक शुक्रवार से ओपीडी बंद करने जा रहे हैं. इस आदेश के कारण वे इस फैसले को वापस नहीं लेंगे. यदि सरकार, डॉक्टरों के बीच टकराव की स्थिति बनती है तो इससे डॉक्टरों को कोई फर्क नहीं पड़ता.