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मसूरी राजकीय संयुक्त अस्पताल में बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं, डॉक्टर न मिलने से मरीज परेशान

पहाड़ों की रानी मसूरी में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है. 10 सालों के लंब इंतजार के बाद मसूरी के एक मात्र सिविल अस्पताल को अस्पताल राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में तब्दील किया गया था. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अस्पताल का लोकार्पण तो किया लेकिन यहां स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना भूल गए.

समय से नही पहुँच रहे डाक्टर,दर-दर भटक रहे मरीज
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Published : Nov 22, 2019, 11:22 PM IST

मसूरी : प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के हालत किसी से छुपी नहीं है. ऐसे में पहाड़ों की रानी मसूरी का राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में भी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. 10 सालों के लंबे इंतजार के बाद नगर में स्थित एक मात्र सिविल अस्पताल को अस्पताल राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में तब्दील किया गया था. वहीं, 6 मार्च 2019 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसका लोकार्पण किया. लेकिन इस अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी के चलते यहां पहुंचने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि मसूरी में वीकेंड पर हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. ऐसे में अस्पताल की अव्यवस्थाओं से वे भी अछूते नहीं है. आलम ये है कि दोपहर 2 बजे के बाद अस्पताल मात्र आपातकालीन सेवा के लिए ही खुला रहता है. वहीं, आपातकालीन स्थिति में यहां इलाज की समुचित व्यवस्था न होने के चलते मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है.नई बिल्डिंग तो बन गई लेकिन अस्पताल की पैथोलॉजी लैब पुरानी मशीनों के सहारे संचालित की जा रही है. जिसमें कुछ मशीनों में जंग लगा चुका है. वहीं, अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर (ओटी) में ऑपरेशन करने के लिए कोई भी मशीन या उपकरण उपलब्ध ही नहीं है. ऐसे में स्थानीय लोग भी इससे खासे परेशान है.

मसूरी राजकीय संयुक्त अस्पताल में बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि मसूरी विधायक गणेश जोशी ने नगर की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की थी. लेकिन धरातल पर उनके किये बाद नहीं दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में लोगों ने की मांग है कि जल्द ही अस्पताल में समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. ताकि स्थानीय लोगों के अलावा मसूरी आने वाले पर्यटकों को भी इसका लाभ मिल सके. उधर, मसूरी विधायक गणेश जोशी का कहना है कि सरकार प्रदेश के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत काम कर रही हैं. मसूरी का राजकीय संयुक्त अस्पताल का निर्माण हो चुका है. जल्द अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं के साथ डॉक्टर स्टाफ की कमी को दूर किया जाएगा.

ये भी पढे़ंः इस गांव में करोड़पति भी मांगता है भीख, आज भी है एक श्राप का प्रकोप

वहीं. कांग्रेस के नगर अध्यक्ष गौरव अग्रवाल का अस्पताल की बदहाल सेवाओं को लेकर कहना है कि प्रदेश सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के पास है. लेकिन प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा रखी है. मसूरी के विश्व स्तरीय पर्यटक स्थल है, जहां हर रोज हजारों की तादात में देश और विदेश से पर्यटक आते हैं. परंतु उनको भी यहां मसूरी में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं कराई जा रही हैं उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही सरकार ने अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई तो कांग्रेस जनता के साथ सड़क पर उतकर प्रदर्शन करेगी. जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी.

मसूरी : प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के हालत किसी से छुपी नहीं है. ऐसे में पहाड़ों की रानी मसूरी का राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में भी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. 10 सालों के लंबे इंतजार के बाद नगर में स्थित एक मात्र सिविल अस्पताल को अस्पताल राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में तब्दील किया गया था. वहीं, 6 मार्च 2019 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसका लोकार्पण किया. लेकिन इस अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी के चलते यहां पहुंचने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि मसूरी में वीकेंड पर हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. ऐसे में अस्पताल की अव्यवस्थाओं से वे भी अछूते नहीं है. आलम ये है कि दोपहर 2 बजे के बाद अस्पताल मात्र आपातकालीन सेवा के लिए ही खुला रहता है. वहीं, आपातकालीन स्थिति में यहां इलाज की समुचित व्यवस्था न होने के चलते मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है.नई बिल्डिंग तो बन गई लेकिन अस्पताल की पैथोलॉजी लैब पुरानी मशीनों के सहारे संचालित की जा रही है. जिसमें कुछ मशीनों में जंग लगा चुका है. वहीं, अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर (ओटी) में ऑपरेशन करने के लिए कोई भी मशीन या उपकरण उपलब्ध ही नहीं है. ऐसे में स्थानीय लोग भी इससे खासे परेशान है.

मसूरी राजकीय संयुक्त अस्पताल में बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि मसूरी विधायक गणेश जोशी ने नगर की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की थी. लेकिन धरातल पर उनके किये बाद नहीं दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में लोगों ने की मांग है कि जल्द ही अस्पताल में समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. ताकि स्थानीय लोगों के अलावा मसूरी आने वाले पर्यटकों को भी इसका लाभ मिल सके. उधर, मसूरी विधायक गणेश जोशी का कहना है कि सरकार प्रदेश के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत काम कर रही हैं. मसूरी का राजकीय संयुक्त अस्पताल का निर्माण हो चुका है. जल्द अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं के साथ डॉक्टर स्टाफ की कमी को दूर किया जाएगा.

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वहीं. कांग्रेस के नगर अध्यक्ष गौरव अग्रवाल का अस्पताल की बदहाल सेवाओं को लेकर कहना है कि प्रदेश सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के पास है. लेकिन प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा रखी है. मसूरी के विश्व स्तरीय पर्यटक स्थल है, जहां हर रोज हजारों की तादात में देश और विदेश से पर्यटक आते हैं. परंतु उनको भी यहां मसूरी में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं कराई जा रही हैं उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही सरकार ने अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई तो कांग्रेस जनता के साथ सड़क पर उतकर प्रदर्शन करेगी. जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी.

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पहाड़ों की रानी मसूरी में स्वास्थ सेवाओं का हाल बेहाल है मसूरी का एक मात्र सरकारी अस्पताल राजकीय संयुक्त चिकित्सालय सिविल अस्पताल करीब 10 सालो के बाद बनकर मार्च 2019 में तैयार हो गया अस्पताल का 6 मार्च 2019 को प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा लोकार्पण भी कर दिया गया परंतु अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना भूल गए सिविल अस्पताल कुछ डॉक्टरों और स्टाफ के द्वारा संचालित किया जा रहा है जिससे मसूरी और आसपास के ग्रामीणों से आने वाले मरीज काफी परेशान हो रहे हैं वही पर्यटक भी इससे अछूते नहीं है बता दें कि अस्पताल में मात्र एक या दो डॉक्टर कुछ स्टाफ के साथ दिखाई देते हैं वह दोपहर 2:00 बजे के बाद अस्पताल मात्र आपातकालीन सेवा के लिए ही रह जाता है वह आपातकालीन के समय भी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की समुचित व्यवस्था ना होने के कारण मरीजों को हायर सेंटर देहरादून रेफर कर दिया जाता है


Body:लगभग 8 महीने अस्पताल के लोकार्पण होने के बाद भी अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी देखी जा रही है अस्पताल का पैथोलॉजी लैब पुरानी मशीनों के सहारे संचालित की जा रही है जिसमें कुछ मशीनों में जंक लगा हुआ है वह अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन करने के लिए कोई भी मशीन या उपकरण उपलब्ध ही नहीं है ऐसे में स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार और मसूरी विधायक गणेश जोशी द्वारा स्वास्थ सेवाओं को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की गई थी परंतु धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है ऐसे में सरकार की सभी वादे झूठे साबित हो रहे हैं उन्होंने सरकार से मांग करी है कि अस्पताल को संचालित करने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए साथ ही अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ की कमी को दूर किया जाए जिससे अस्पताल को सही तरीके से संचालित किया जा सके और स्थानीय लोगों के साथ देश-विदेश से मसूरी आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं दी जा सके

मसूरी विधायक गणेश जोशी ने कहा कि सरकार प्रदेश के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत काम कर रही है वह मसूरी का सिविल अस्पताल का निर्माण हो चुका है वह जल्द अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं के साथ डॉक्टर स्टाफ की कमी को दूर किया जाएगा उन्होंने कहा कि अस्पताल में विभिन्न प्रकार के उपकरण के लिए ओएनजीसी द्वारा बजट सूचित कर दिया गया है और जल्द अस्पताल को दे दिया जाएगा


Conclusion:मसूरी कांग्रेस शहर अध्यक्ष गौरव अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है उन्होंने कहा कि प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के पास है और प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा रखी है मसूरी के विश्व स्तरीय पर्यटक स्थल है जहां पर रोज हजारों की तादात में देश और विदेश से पर्यटक आते हैं परंतु उनको मसूरी में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं कराई जा रही है वहीं प्रदेश सरकार द्वारा अस्पताल का निर्माण तो करवा दिया गया परंतु अस्पताल में सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई है जिससे लोगों में सरकार के खिलाफ खासा आक्रोश व्याप्त है उन्होंने कहा कि अगर जल्द सरकार द्वारा मसूरी के सिविल अस्पताल में सभी स्वास्थ सेवाएं के साथ डॉक्टर और स्टाफ उपलब्ध नहीं कराया जाता तो कांग्रेस पार्टी शहर की जनता को साथ लेकर सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगी जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी
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