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सरकारी आदेश की नाफरमानी पड़ी भारी, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की कुलसचिव पर गिरी गाज

डॉ. माधवी गोस्वामी की जगह डॉ. सुरेश चौबे को आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति की जिम्मेदारी दी गई है.

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय
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Published : Jun 26, 2020, 8:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. माधवी गोस्वामी को शासन के आदेश का पालन न कर पाना भारी पड़ गया. जानकारी के अनुसार, प्रशासनिक रूप से व्यवस्थाएं न संभाल पाने के कारण कुलसचिव डॉ. माधवी गोस्वामी को उनके पद से हटा दिया गया है.

हाल ही में आयुर्वेद विश्वविद्यालय की योग ब्रांड एंबेसडर दिलराज प्रीत कौर और स्टाफ नर्सेज के वेतन का भुगतान न करने को लेकर विवादों में चला रहा था. मामला इतना बढ़ा कि विपक्ष ने भी इस पर सरकार की जमकर घेराबंदी की. जिसके बाद शासन ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. माधवी गोस्वामी को उनके पद से हटा दिया है.

Uttarakhand
डॉ. माधवी गोस्वामी को उनके पद से हटा गया.

पढ़ें- पिथौरागढ़ः जुलाई से शुरू होगा बिजली उत्पादन, बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार

खबर है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही आयुष मंत्री हरक सिंह रावत के स्तर पर भी दिलराज और स्टाफ नर्सेज के वेतन भुगतान को लेकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव को कहा गया था, बावजूद इसके उनका वेतन जारी नहीं किया गया. ऐसे में आदेशों की नाफरमानी के चलते उन पर गाज गिराई गई.

डॉ. माधवी गोस्वामी को वापस ऋषिकुल में बतौर प्रोफेसर भेजा गया है. उनकी जगह डॉ सुरेश चौबे को आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति की जिम्मेदारी दी गई है. बता दें कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय पर अक्सर सवाल खड़े होते रहे हैं, ऐसे में इस नए मामले के सामने आने के बाद कुलसचिव को उनके पद से हटाया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. माधवी गोस्वामी को शासन के आदेश का पालन न कर पाना भारी पड़ गया. जानकारी के अनुसार, प्रशासनिक रूप से व्यवस्थाएं न संभाल पाने के कारण कुलसचिव डॉ. माधवी गोस्वामी को उनके पद से हटा दिया गया है.

हाल ही में आयुर्वेद विश्वविद्यालय की योग ब्रांड एंबेसडर दिलराज प्रीत कौर और स्टाफ नर्सेज के वेतन का भुगतान न करने को लेकर विवादों में चला रहा था. मामला इतना बढ़ा कि विपक्ष ने भी इस पर सरकार की जमकर घेराबंदी की. जिसके बाद शासन ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. माधवी गोस्वामी को उनके पद से हटा दिया है.

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डॉ. माधवी गोस्वामी को उनके पद से हटा गया.

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खबर है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही आयुष मंत्री हरक सिंह रावत के स्तर पर भी दिलराज और स्टाफ नर्सेज के वेतन भुगतान को लेकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव को कहा गया था, बावजूद इसके उनका वेतन जारी नहीं किया गया. ऐसे में आदेशों की नाफरमानी के चलते उन पर गाज गिराई गई.

डॉ. माधवी गोस्वामी को वापस ऋषिकुल में बतौर प्रोफेसर भेजा गया है. उनकी जगह डॉ सुरेश चौबे को आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति की जिम्मेदारी दी गई है. बता दें कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय पर अक्सर सवाल खड़े होते रहे हैं, ऐसे में इस नए मामले के सामने आने के बाद कुलसचिव को उनके पद से हटाया गया है.

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