ETV Bharat / state

ऋषिकेश: एक ही स्थान पर हो रही कोरोना और सामान्य मरीजों की जांच - Rishikesh Government Hospital

ऋषिकेश में सरकारी अस्पताल में कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया है. जबकि, यहां ओपीडी में सामान्य मरीजों का इलाज भी चल रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग लोगोंं की जान से खिलवाड़ कर रहा है.

Rishikesh Government Hospital
Rishikesh Government Hospital
author img

By

Published : Apr 23, 2021, 7:42 PM IST

ऋषिकेश: कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से फैलते संक्रमण के बीच ऋषिकेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की अजीबो गरीब स्थिति सामने आ रही है. सरकारी अस्पताल में कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया है. जबकि, यहां ओपीडी में सामान्य मरीजों का इलाज भी चल रहा है.

हैरानी की बात यह है कि अस्पताल में ओपीडी के साथ गर्भवती महिलाओं का प्रसव भी कराया जा रहा है. हालांकि, आवश्यक परामर्श और दवा देकर भर्ती 12 अन्य मरीजों की छुट्टी कर दी गई है. सवाल है कि कोरोना मरीजों के भर्ती होने से अस्पताल में आखिर सामान्य मरीजों को कैसे संक्रमण से बचाया जा सकेगा?

एक ही स्थान पर हो रही कोरोना और सामान्य मरीजों की जांच.

दिलचस्प यह भी है कि कोरोना के कारण विश्वस्तरीय संस्थान एम्स ऋषिकेश तक की ओपीडी को बंद कर दिया गया है. हालांकि किसी को दिक्कत न हो, इसके लिए इमरजेंसी को 24 घंटे खुला रखा गया है. वहीं इस बारे में ऋषिकेश स्वास्थ्य केंद्र के सीएमएस डा. विजयेश भारद्वाज ने बताया कि अभी उन्हें कोविड सेंटर से संबंधित कोई आदेश नहीं मिला है.

पढ़ें- शनिवार को देहरादून शहर के 50 वार्डों को सैनिटाइज करेगा नगर निगम

जीएमवीएन के भरत भूमि गेस्ट हाउस को सरकारी अस्पताल का कोविड केयर सेंटर बनाया गया था, जिसे एम्स ने अधिग्रहित कर लिया है. ऐसे में अब कोविड मरीजों का इलाज अस्पताल में ही किया जा रहा है. अभी कुल 6 कोविड मरीज यहां भर्ती हैं. ओपीडी बंदी का आदेश नहीं मिला है. संक्रमण को सामान्य मरीज तक फैलने से रोकना चुनौती है, जिससे निपटने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. उधर, भरत भूमि कोविड केयर सेंटर के अधिग्रहण की पुष्टि एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने की है.

ऋषिकेश: कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से फैलते संक्रमण के बीच ऋषिकेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की अजीबो गरीब स्थिति सामने आ रही है. सरकारी अस्पताल में कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया है. जबकि, यहां ओपीडी में सामान्य मरीजों का इलाज भी चल रहा है.

हैरानी की बात यह है कि अस्पताल में ओपीडी के साथ गर्भवती महिलाओं का प्रसव भी कराया जा रहा है. हालांकि, आवश्यक परामर्श और दवा देकर भर्ती 12 अन्य मरीजों की छुट्टी कर दी गई है. सवाल है कि कोरोना मरीजों के भर्ती होने से अस्पताल में आखिर सामान्य मरीजों को कैसे संक्रमण से बचाया जा सकेगा?

एक ही स्थान पर हो रही कोरोना और सामान्य मरीजों की जांच.

दिलचस्प यह भी है कि कोरोना के कारण विश्वस्तरीय संस्थान एम्स ऋषिकेश तक की ओपीडी को बंद कर दिया गया है. हालांकि किसी को दिक्कत न हो, इसके लिए इमरजेंसी को 24 घंटे खुला रखा गया है. वहीं इस बारे में ऋषिकेश स्वास्थ्य केंद्र के सीएमएस डा. विजयेश भारद्वाज ने बताया कि अभी उन्हें कोविड सेंटर से संबंधित कोई आदेश नहीं मिला है.

पढ़ें- शनिवार को देहरादून शहर के 50 वार्डों को सैनिटाइज करेगा नगर निगम

जीएमवीएन के भरत भूमि गेस्ट हाउस को सरकारी अस्पताल का कोविड केयर सेंटर बनाया गया था, जिसे एम्स ने अधिग्रहित कर लिया है. ऐसे में अब कोविड मरीजों का इलाज अस्पताल में ही किया जा रहा है. अभी कुल 6 कोविड मरीज यहां भर्ती हैं. ओपीडी बंदी का आदेश नहीं मिला है. संक्रमण को सामान्य मरीज तक फैलने से रोकना चुनौती है, जिससे निपटने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. उधर, भरत भूमि कोविड केयर सेंटर के अधिग्रहण की पुष्टि एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.