देहरादूनः हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा देहरादून में ऑक्सीजन सप्लायरों के 10 नंबर जारी किए गए थे. हालांकि सभी नंबर गलत थे, जिस पर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका के तहत हाईकोर्ट ने देहरादून डीएम से स्पष्टीकरण मांगा था.
गुरुवार को डीएम ने सफाई देते हुए कहा कि हमारे द्वारा कोई गलत नंबर जारी नहीं किए गए. सप्लायरों के पास काफी फोन आ रहे हैं, जिस कारण वह मैनेज नहीं कर पा रहे हैं.
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के सामने मामले की सुनवाई हुई. देहरादून निवासी अनु पंत ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देहरादून में ऑक्सीजन सप्लायरों के जो 10 नंबर राज्य सरकार ने जारी किए हैं, दरअसल वे नंबर ऑक्सीजन सप्लायरों के नहीं हैं. इस कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि सप्लायरों के नंबरों की सूची गलत नहीं है. सप्लायरों से ही नंबर लेकर जारी किए गए हैं. उनके पास बहुत अधिक फोन आ रहे हैं, इसलिए मैनेज नहीं कर पा रहे हैं. सप्लायरों को कहा गया है कि सभी अपने नंबरों को बढ़ाएं, जिससे सभी के फोन कॉल लिए जा सके.
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तीमारदारों को नहीं मिल रहा ऑक्सीजन सिलेंडर
देहरादून में कोरोना के लगातार मामले बढ़ने के बाद ऑक्सीजन की खपत भी अधिक बढ़ गई. जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए एजेंसी और सप्लायर के नाम और पता देने के बाद भी लोग ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भटक रहे हैं. तीमारदार जब एजेंसी के पास ऑक्सीजन सिलेंडर लेने जा रहे हैं, तो उनको सिलेंडर नहीं मिल रहे हैं. इस कारण तीमारदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
तीमारदारों का कहना है कि कई चक्कर लगाने के बाद भी ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहे हैं. दाम ज्यादा देने पर तुरंत सिलेंडर मिल रहे हैं.
चक्कर कटा रहे हैं एजेंसी मालिक
देहरादून के तीमारदार नितिन का कहना है कि मेरे पिताजी कोरोना पॉजिटिव हैं. उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम है. हम सुबह से खड़े हैं, लेकिन हम लोगों को छोटा सिलेंडर नहीं दिया जा रहा है. इस एजेंसी में कल भी लेने आए थे, लेकिन कल भी सिलेंडर के लिए मना कर दिया था. जो लोग सिलेंडर के ज्यादा दाम दे रहे हैं, उन्हें आसानी से सिलेंडर मिल रहे हैं.
एक अन्य तीमारदार मोहम्मद आरिफ का कहना है कि हमारे परिवार के सदस्य की तबीयत खराब है. हम लोग पहले भंडारीबाग एजेंसी पर गए, लेकिन वहां सिलेंडर नहीं मिल रहा है.
जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई एजेंसी और सप्लायरों के नाम और नंबर की सूची से लोगों को मदद मिल रही है. लेकिन एजेंसी मालिक ऑक्सीजन सिलेंडर देने में अपनी मनमानी कर रहे हैं. अधिकतर एजेंसी मालिक फोन तक उठा नहीं रहे हैं.