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चुनाव से पहले दिव्यांगों ने लगाई गुहार, कहा- 5 हजार दी जाए पेंशन - उत्तराखंड में दिव्यांग

वर्तमान में प्रदेश के दिव्यांगजनों को 1000 रुपए दिव्यांग पेंशन के तौर पर समाज कल्याण विभाग द्वारा दी जाती है. जिस पर दिव्यांगों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में उन्हें दी जाने वाली ये पेंशन पूरे परिवार का भरण पोषण करने के लिए बेहद ही कम है.

दिव्यांगों को नई सरकार से है उम्मीद.
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Published : Apr 9, 2019, 8:45 PM IST

Updated : Apr 9, 2019, 10:21 PM IST

देहरादून: इस बार लोकसभा चुनाव से पहले दिव्यांगों ने नई सरकार से काफी उम्मीद होने की बात कही है. नंदादेवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन साल 2005 से अपनी कई मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए एसोसिएशन से जुड़े दिव्यांगजनों ने अपनी पेंशन बढ़ाने की गुहार लगाई. वर्तमान लोकसभा चुनाव में प्रदेश के लगभग 65,000 दिव्यांगजन अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

दिव्यांगों को नई सरकार से है उम्मीद.

बता दें कि वर्तमान में प्रदेश के दिव्यांगजनों को 1000 रुपए दिव्यांग पेंशन के तौर पर समाज कल्याण विभाग द्वारा दी जाती है. जिस पर दिव्यांगों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में उन्हें दी जाने वाली ये पेंशन पूरे परिवार का भरण पोषण करने के लिए बेहद ही कम है. उन्होंने उम्मीद जताई कि दिव्यांगजनों की पेंशन को 1000 से बढ़ाकर 5000 रुपए किया जाए.

वहीं कुछ दिव्यांगजनों ने पेंशन पर बोलते हुए कहा कि उन्हें बीते 4 महीनों से पेंशन नहीं मिल पाई है. जिसकी वजह से उनके और उनके परिवार के सामने जीविका का संकट खड़ा हो गया है.

इसके साथ ही हर चुनाव में शासन-प्रशासन की ओर से यह दावा किया जाता है कि मतदान केंद्रों में दिव्यांगजनों के लिए दिव्यांगजनों के लिए विशेष व्यवस्था करते हुए व्हील चेयर मुहैया करवाई जाएगी. लेकिन मतदान केंद्रों में अबतक ऐसी कोई व्यवस्था देखने को नहीं मिली है.

देहरादून: इस बार लोकसभा चुनाव से पहले दिव्यांगों ने नई सरकार से काफी उम्मीद होने की बात कही है. नंदादेवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन साल 2005 से अपनी कई मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए एसोसिएशन से जुड़े दिव्यांगजनों ने अपनी पेंशन बढ़ाने की गुहार लगाई. वर्तमान लोकसभा चुनाव में प्रदेश के लगभग 65,000 दिव्यांगजन अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

दिव्यांगों को नई सरकार से है उम्मीद.

बता दें कि वर्तमान में प्रदेश के दिव्यांगजनों को 1000 रुपए दिव्यांग पेंशन के तौर पर समाज कल्याण विभाग द्वारा दी जाती है. जिस पर दिव्यांगों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में उन्हें दी जाने वाली ये पेंशन पूरे परिवार का भरण पोषण करने के लिए बेहद ही कम है. उन्होंने उम्मीद जताई कि दिव्यांगजनों की पेंशन को 1000 से बढ़ाकर 5000 रुपए किया जाए.

वहीं कुछ दिव्यांगजनों ने पेंशन पर बोलते हुए कहा कि उन्हें बीते 4 महीनों से पेंशन नहीं मिल पाई है. जिसकी वजह से उनके और उनके परिवार के सामने जीविका का संकट खड़ा हो गया है.

इसके साथ ही हर चुनाव में शासन-प्रशासन की ओर से यह दावा किया जाता है कि मतदान केंद्रों में दिव्यांगजनों के लिए दिव्यांगजनों के लिए विशेष व्यवस्था करते हुए व्हील चेयर मुहैया करवाई जाएगी. लेकिन मतदान केंद्रों में अबतक ऐसी कोई व्यवस्था देखने को नहीं मिली है.

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प्रदेश की जनता केंद्र में किसे सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाती है यह तो 23 मई को मतगणना के बाद ही साफ हो पाएगा । लेकिन इतना जरूर है कि केंद्र में चुने जाने वाली नई सरकार से जनता की कई उम्मीदें जुड़ी हुई है ।

आम जनता की इन्हीं उम्मीदों को बेहतर तरह से समझने के लिए जब ईटीवी भारत ने कुछ दिव्यांगजनों से बात की तो दिव्यांगजनों ने नई सरकार से जुड़ी अपनी उम्मीदों को बड़ी बेबाकी के साथ हमारे सामने रखा ।



Body:
बता दे कि प्रदेश का नंदादेवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन साल 2005 से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं । ईटीवी भारत से बात करते हुए एसोसिएशन से जुड़े दिव्यांगजनों और प्रदेश अध्यक्ष बसंत थपलियाल ने बताया कि उन्हें केंद्र और राज्य सरकार दोनों से ही कई उम्मीदें हैं। वर्तमान लोकसभा चुनाव में प्रदेश के लगभग 65000 दिव्यांगजन अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। लेकिन नहीं चुने जाने वाली सरकार को चाहिए कि वह दिव्यांगजनों के लिए एक बेहतर रोजगार नीति लेकर आए । इसके साथ ही वर्तमान में प्रदेश के दिव्यांगजनों को महज 1000 रुपए दिव्यांग पेंशन समाजकल्याण विभाग की तरफ से दी जाती है । जो महंगाई के इस दौर में पूरे परिवार का भरण पोषण करने के लिए बेहद की कम है । इसलिए केंद्र में चुनी जाने वाली नई सरकार से वह ये उम्मीद रखते हैं कि दिव्यांगजनों की पेंशन को बढ़ाकर 1000 की जगह 5000 रुपए किया जाए।


बाइट- बसंत थपलियाल प्रदेश अध्यक्ष


Conclusion:
इस दौरान एसोसिएशन से जुड़े कुछ अन्य दिव्यांगजनों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि एक तो पहले ही उन्हें महज 1000 रूपए दिव्यांग पेंशन दी जाती है लेकिन वह भी वर्तमान में उन्हें बीते 4 महीनों से नहीं मिल पाई है । जिसकी वजह से उन्हें अपने परिवार का भरण पोषण करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ।

इसके अलावा हर चुनाव शासन-प्रशासन की ओर से यह दावा तो जरूर किया जाता है कि मतदान केंद्रों में दिव्यांग जनों के लिए विशेष व्यवस्था जैसे कि व्हीलचेयर आदि की व्यवस्था की जाएगी लेकिन हकीकत में अब तक उन्हें मतदान केंद्रों में ऐसी कोई व्यवस्था देखने को नही मिली है । जिसकी वजय से उन्हें मतदान केंद्रों में कई दिक्कतें पेश आती है।
Last Updated : Apr 9, 2019, 10:21 PM IST
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