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हरदा के दांव से कांग्रेस में बढ़ता जा रहा है विवाद, चरम पर पहुंची अंतर्कलह

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बयान हमेशा से ही राजनीतिक गलियारों में भूचाल लाने का काम करता रहा है. इस बार भी उनके एक बयान पर पार्टी में गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है.

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Published : Feb 6, 2021, 6:22 PM IST

देहरादून: आगामी विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम का वक्त है, लेकिन उत्तराखंड में मुख्य विपक्ष दल कांग्रेस में अंतर्कलह कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है. ये अंतर्कलह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए घातक साबित हो सकता है. हालांकि कांग्रेस की वर्तमान स्थिति के लिए कोई और नहीं, बल्कि कांग्रेस के बड़े और छोटे नेताओं की बयानबाजी जिम्मेदार है.

बयान, विवाद और बवाल.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बयान हमेशा से ही राजनीतिक गलियारों में भूचाल लाने का काम करता रहा है. हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बयान दिया था. उन्होंने हाईकमान से निवेदन किया था कि 2022 के चुनाव के लिए कांग्रेस सीएम का चेहरा घोषित करे. हरीश रावत के इस बयान पर जहां पार्टी दो गुटों में बंट गई थी तो वहीं उनके इस बयान ने नए विवाद को भी जन्म दे दिया था. यह विवाद पार्टी संगठन की बैठक के साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले कार्यक्रमों में भी चर्चाओं का विषय बनता जा रहा है.

पढ़ें- कुमाऊं दौरे पर बेरीनाग पहुंचे हरीश रावत, कार्यकर्ताओं ने किया जोरदार स्वागत

पार्टी में गुटबाजी चरम पर

बीते दिनों पौड़ी में पार्टी कार्यक्रम में कांग्रेस के दो गुट आपस में भिड़ गए थे. इस कार्यक्रम में मौजूद पूर्व विधायक गणेश गोदियाल ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में आगामी चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पारित करने की बात कही थी. जिसका पौड़ी गढ़वाल जिले के प्रभारी राजेंद्र भंडारी ने भी समर्थन किया. हालांकि वहीं मौजूद प्रदेश महामंत्री कांग्रेस राजेंद्र शाह ने हरीश रावत का विरोध किया था. उन्होंने इसकी शिकायत प्रदेश कांग्रेस के मुखिया से कर कार्रवाई की मांग की थी. राजेंद्र शाह ने पूर्व विधायक गणेश गोदियाल और पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल समेत जो नेता हरीश रावत को सीएम का चेहरा घोषित करने की मांग रहे हैं उन्हें पार्टी से निष्कासित करने को कहा था.

कुंजवाल की प्रतिक्रिया

राजेंद्र शाह के बयान पर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि अगर राजेंद्र, गणेश गोदियाल पर कार्रवाई के बयान को वापस नहीं लेते हैं तो वो कांग्रेस के हाईकमान से अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें और हरीश रावत का समर्थन करने वाले सभी कार्यकर्ताओं को पार्टी से निकाल दिया जाए. अगर ऐसा नहीं हो सकता तो राजेंद्र को इस बयान के लिए सभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से माफी मांगनी होगी.

कुंजवाल ने कहा कि गणेश गोदियाल कांग्रेस के पूर्व विधायक होने के साथ ही पार्टी के कई पदों पर रह चुके हैं. लेकिन एक ऐसा व्यक्ति जो कभी भी चुनाव लड़कर प्रधान भी नहीं बन पाया, वह अगर एक पूर्व विधायक पर ऐसा आरोप लगाता है तो ऐसे में पार्टी हाईकमान और प्रदेश संगठन को इस मामले का संज्ञान लेकर राजेंद्र शाह पर कार्रवाई करनी चाहिए.

वहीं कुंजवाल को लेकर राजेंद्र शाह ने कहा कि उन्होंने पहले ही घोषणा की थी कि वे सिर्फ विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. वो भी यदि पार्टी उन्हें टिकट देगी तो. राजेंद्र ने कहा कि गोविंद सिंह कुंजवाल गढ़वाल के इतने बड़े समर्थक है तो उन्होंने उन्हें विधानसभा का टिकट क्यों नहीं दिलाया. कुंजवाल अपने स्वार्थ के लिए गढ़वाल के कंधे पर बंदूक रख रहे हैं.

पढ़ें- इंदिरा का वादा, सत्ता में आए तो देंगे मुफ्त में पानी और सस्ती बिजली, MSP कानून बनाएंगे

इसीलिए छोड़ा हरदा का साथ

राजेंद्र शाह ने बताया कि वह पिछले 20 सालों से हरीश रावत के साथ खड़े रहे हैं. लेकिन इन 20 सालों के भीतर उन्हें कुछ नहीं मिला. हालांकि उनका कहना है कि अगर वह किसी के साथ पिछले दो दशक से खड़े हैं तो उनकी भी कुछ अपेक्षाएं होंगी कि उन्हें भी चुनाव में टिकट दिया जाए. ऐसे में अगर टिकट नहीं दिया जाता है तो भी बातचीत होनी चाहिए. लेकिन जब भी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से बातचीत की गई तो वह किशोर उपाध्याय की ओर इशारा कर देते थे कि उनसे बात करो.

पार्टी से निष्कासित होने पर कांग्रेस की कमियों को करूंगा उजागर-

राजेंद्र शाह ने कहा कि इन सभी मामलों को लेकर वह जल्द ही प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से मुलाकात करेंगे. उनसे इस बात का जिक्र करेंगे कि अगर कोई व्यक्ति सोनिया गांधी और राहुल गांधी का विरोध कर रहा हो तो उसका विरोध करना अगर गलत है तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाए, जिसका वे स्वागत करेंगे. साथ ही राजेंद्र शाह ने बातों-बातों में चेतावनी भी दे दी है कि अगर उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाता है तब भी वह कांग्रेस का झंडा लेकर कांग्रेस की कमियों के साथ ही किस-किस ने क्या-क्या किया है उन सभी कमियों को उजागर करेंगे.

देहरादून: आगामी विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम का वक्त है, लेकिन उत्तराखंड में मुख्य विपक्ष दल कांग्रेस में अंतर्कलह कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है. ये अंतर्कलह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए घातक साबित हो सकता है. हालांकि कांग्रेस की वर्तमान स्थिति के लिए कोई और नहीं, बल्कि कांग्रेस के बड़े और छोटे नेताओं की बयानबाजी जिम्मेदार है.

बयान, विवाद और बवाल.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बयान हमेशा से ही राजनीतिक गलियारों में भूचाल लाने का काम करता रहा है. हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बयान दिया था. उन्होंने हाईकमान से निवेदन किया था कि 2022 के चुनाव के लिए कांग्रेस सीएम का चेहरा घोषित करे. हरीश रावत के इस बयान पर जहां पार्टी दो गुटों में बंट गई थी तो वहीं उनके इस बयान ने नए विवाद को भी जन्म दे दिया था. यह विवाद पार्टी संगठन की बैठक के साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले कार्यक्रमों में भी चर्चाओं का विषय बनता जा रहा है.

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पार्टी में गुटबाजी चरम पर

बीते दिनों पौड़ी में पार्टी कार्यक्रम में कांग्रेस के दो गुट आपस में भिड़ गए थे. इस कार्यक्रम में मौजूद पूर्व विधायक गणेश गोदियाल ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में आगामी चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पारित करने की बात कही थी. जिसका पौड़ी गढ़वाल जिले के प्रभारी राजेंद्र भंडारी ने भी समर्थन किया. हालांकि वहीं मौजूद प्रदेश महामंत्री कांग्रेस राजेंद्र शाह ने हरीश रावत का विरोध किया था. उन्होंने इसकी शिकायत प्रदेश कांग्रेस के मुखिया से कर कार्रवाई की मांग की थी. राजेंद्र शाह ने पूर्व विधायक गणेश गोदियाल और पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल समेत जो नेता हरीश रावत को सीएम का चेहरा घोषित करने की मांग रहे हैं उन्हें पार्टी से निष्कासित करने को कहा था.

कुंजवाल की प्रतिक्रिया

राजेंद्र शाह के बयान पर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि अगर राजेंद्र, गणेश गोदियाल पर कार्रवाई के बयान को वापस नहीं लेते हैं तो वो कांग्रेस के हाईकमान से अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें और हरीश रावत का समर्थन करने वाले सभी कार्यकर्ताओं को पार्टी से निकाल दिया जाए. अगर ऐसा नहीं हो सकता तो राजेंद्र को इस बयान के लिए सभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से माफी मांगनी होगी.

कुंजवाल ने कहा कि गणेश गोदियाल कांग्रेस के पूर्व विधायक होने के साथ ही पार्टी के कई पदों पर रह चुके हैं. लेकिन एक ऐसा व्यक्ति जो कभी भी चुनाव लड़कर प्रधान भी नहीं बन पाया, वह अगर एक पूर्व विधायक पर ऐसा आरोप लगाता है तो ऐसे में पार्टी हाईकमान और प्रदेश संगठन को इस मामले का संज्ञान लेकर राजेंद्र शाह पर कार्रवाई करनी चाहिए.

वहीं कुंजवाल को लेकर राजेंद्र शाह ने कहा कि उन्होंने पहले ही घोषणा की थी कि वे सिर्फ विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. वो भी यदि पार्टी उन्हें टिकट देगी तो. राजेंद्र ने कहा कि गोविंद सिंह कुंजवाल गढ़वाल के इतने बड़े समर्थक है तो उन्होंने उन्हें विधानसभा का टिकट क्यों नहीं दिलाया. कुंजवाल अपने स्वार्थ के लिए गढ़वाल के कंधे पर बंदूक रख रहे हैं.

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इसीलिए छोड़ा हरदा का साथ

राजेंद्र शाह ने बताया कि वह पिछले 20 सालों से हरीश रावत के साथ खड़े रहे हैं. लेकिन इन 20 सालों के भीतर उन्हें कुछ नहीं मिला. हालांकि उनका कहना है कि अगर वह किसी के साथ पिछले दो दशक से खड़े हैं तो उनकी भी कुछ अपेक्षाएं होंगी कि उन्हें भी चुनाव में टिकट दिया जाए. ऐसे में अगर टिकट नहीं दिया जाता है तो भी बातचीत होनी चाहिए. लेकिन जब भी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से बातचीत की गई तो वह किशोर उपाध्याय की ओर इशारा कर देते थे कि उनसे बात करो.

पार्टी से निष्कासित होने पर कांग्रेस की कमियों को करूंगा उजागर-

राजेंद्र शाह ने कहा कि इन सभी मामलों को लेकर वह जल्द ही प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से मुलाकात करेंगे. उनसे इस बात का जिक्र करेंगे कि अगर कोई व्यक्ति सोनिया गांधी और राहुल गांधी का विरोध कर रहा हो तो उसका विरोध करना अगर गलत है तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाए, जिसका वे स्वागत करेंगे. साथ ही राजेंद्र शाह ने बातों-बातों में चेतावनी भी दे दी है कि अगर उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाता है तब भी वह कांग्रेस का झंडा लेकर कांग्रेस की कमियों के साथ ही किस-किस ने क्या-क्या किया है उन सभी कमियों को उजागर करेंगे.

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