देहरादूनः उत्तराखंड कोरोना वायरस से कराह रहा है. इन सबके बीच एक पत्र जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना से मौत होने पर मृतक के आश्रितों को चार लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा. वायरल हो रहे इस पत्र में कितनी सच्चाई है, ईटीवी भारत ने इसका पता लगाया. उत्तराखंड सरकार ने इस तरह के दावों को खड़न किया है. उत्तराखंड में कोरोना से मौत पर किसी भी मृतक के आश्रितों को चार लाख रुपए का मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. न ही सरकार और शासन की तरफ से इस तरह का कोई आदेश जारी किया गया है.
दरअसल, बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर महामारी एक्ट के तहत होने वाली मौतों पर दिए जाने वाला एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के तहत मुआवजे को लेकर एक आवेदन पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें कोविड-19 बीमारी से मौत होने पर चार लाख तक का मुआवजा देने की बात कही जा रही है. इतना ही नहीं देखते ही देखते ये आवेदन पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया. लोग भी मुआवजे की लालच में आकर फॉर्म को भरने भी लगे, लेकिन यह आवदेन पत्र पूरी तरह से फर्जी निकला.
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वहीं, आवेदन पत्र वायरल होने के बाद उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें कहा गया कि यह आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी नहीं किया गया है. साथ ही यह भी जानकारी दी गई कि वित्तीय वर्ष 2015 से 20 तक की राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया कोष यानी नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फंड के साथ-साथ स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड में कोविड-19 महामारी के दौरान होने वाली मौत को कवर नहीं किया गया है.
उत्तराखंड शासन की ओर से आपदा प्रबंधन सचिव एसए मुरुगेशन ने यह पत्र जारी किया है. जिसमें स्पष्ट कर दिया है कि कोविड-19 बीमारी से होने वाली मौत के दौरान किसी भी तरह की कोई राहत राशि या फिर मुआवजा नहीं दिया जाएगा. ऐसे में इस फर्जी आवेदन पत्र को फारवर्ड न करें.