रामनगर: रामनगर वन प्रभाग तराई पश्चिमी के जंगलों में इन दिनों कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. यहां वन्यजीव असमय ही काल के गाल में समा रहे हैं. इस बार यहां कुत्तों ने गुलदार के एक शावक को मौत के घाट उतार दिया है.
कुत्तों ने गुलदार के शावक को मार डाला: दरअसल कॉर्बेट से लगे वन प्रभाग वन्य जीवों के लिहाज से काफी संवेदनशील हैं. यहां के तराई-पश्चिमी वन प्रभाग में बीते तीन महीनों मे एक के बाद एक 3 बाघों की मौत रोड एक्सीडेंट में हो चुकी है. मंगलवार को जस्सागांजा क्षेत्र में कुत्तों ने एक गुलदार के एक शावक को मार डाला है. 2 जनवरी को एक बाघिन भी यहां शिकारियों द्वारा लगाए गए फंदे में फंस गई थी. उसे रेस्क्यू करके निकालना पड़ा था. यह बाघिन अपने 2 शावकों के साथ दिखाई दी थी.
शिकारियों के फंदे भी बने मुसीबत: रामनगर तराई पश्चिमी वन प्रभाग की सुरक्षा पर शिकारी भारी पड़ने लगे हैं. यहां शिकारियों के फंदों ने वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है. वन्य जीवों की लगातार हो रही मौत पर वन्य जीव प्रेमियों ने भी गहरी चिंता व्यक्त की है. वन्य जीव प्रेमी राजेश भट्ट ने बताया कि-
इस समय मानव वन्य जीव संघर्ष के मामले बढ़ रहे हैं. वन्य जीवों की जो मौत हो रही है, यह एक सोचने वाला विषय है. वन विभाग को इन मामलों में एक शोध की जरूरत है. क्योंकि लगातार वन्य जीवों की मौत पर विभाग की मैन पावर की कमी सवालों के घेरे में है. मैन पावर की कमी के कारण यह घटनाएं बढ़ गई हैं.
-राजेश भट्ट, वन्यजीव प्रेमी-
डीएफओ ने क्या कहा: उधर रामनगर तराई पश्चिमी के डीएफओ ने कहा कि-
हमें सूचना मिली कि लेपर्ड का शावक मरा मिला है. गांव के आवारा कुत्तों ने शाव को मार डाला. पिछले 6 महीने में तीन घटनाएं हुई हैं. हम और अधिक सुरक्षा बरतेंगे.
-प्रकाश आर्य, डीएफओ, रामनगर तराई पश्चिमी-
ये भी पढ़ें:
- चंपावत: जंगल के रास्ते में मिला बाघ का शव, शरीर पर खरोंच के निशान, मौत की जांच
- बाघों की मौत के हैरान करने वाले आंकड़े: उत्तराखंड में हर साल 11 ने तोड़ा दम, देशभर की संख्या हजार पार
- कई राज्यों की सरहदें पार कर चुका ये टाइगर, गंगा-यमुना क्रॉस करने वाले इकलौते बाघ की तलाश
- बेतालघाट में बाघ ने महिला को बनाया निवाला, ग्रामीणों में आक्रोश