देहरादून: अगर हौसले बुलंद हो तो इंसान कुछ भी करने के लिए सक्षम होता है,भले ही वह दिव्यांग हो. हम बात कर रहे है एक दिव्यांग बच्चे की, जिसकी उम्र सिर्फ 15 साल है. इस बच्चे ने राष्ट्रीय पैरा शूटिंग प्रतियोगिता में उत्तराखंड की ओर से प्रतिभाग किया. इस दिव्यांग खिलाड़ी ने अपनी उम्र से दोगुने खिलाड़ियों को मात देकर प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया. अब इस खिलाड़ी का अंतरराष्ट्रीय पैरा ओलम्पिक शूटिंग प्रतियोगिता के ट्रायल के लिए चयन हुआ है.
हरियाणा के फरीदाबाद के मानव रचना विश्वविद्यालय में 1 से 3 मार्च तक पैरा ओलम्पिक कमेटी आफ इंडिया द्वारा राष्ट्रीय पेरा शूटिंग प्रतियोगिता हुआ था. प्रतियोगिता में दिव्यांग देव थापा ने उत्तराखंड की ओर प्रतिनिधित्व करते हुए 34 साल की केटेगरी में पैरा शूटिंग प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया.
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प्रतियोगिता के दौरान देव थापा ने अपने हुनर को दिखाते हुए अपने से दोगुने उम्र के खिलाड़ियों को शिकस्त दी. देव थापा मे इस प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया. प्रतियोगिता में देव ने शानदार स्कोर कर 606.5 अंक हासिल किये. वहीं, अब देव थापा का अंतरराष्ट्रीय पैरा ओलम्पिक शूटिंग प्रतियोगिता के ट्रायल के लिए चयन हुआ है.
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राष्ट्रीय पैरा शूटिंग प्रतियोगिता के रजत पदक विजेता देव थापा के स्कूल पहुंचने पर स्कूल निदेशक प्रीति पंवार ने उन्हें सम्मानित किया. स्कूल निदेशक ने देव को बधाई देते हुए कहा कि अन्य बच्चों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए.
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रजत पदक विजेता देव थापा ने बताया की 6 मार्च को अंतरराष्ट्रीय पैरा ओलम्पिक शूटिंग प्रतियोगिता के लिए ट्रायल होना है. उन्होंने बताया कि बचपन से शूटिंग को शौक था इसलिए यह चुना था. मेरी इस जीत पर सबसे बड़ा योगदान कोच अक्षय आनंद का है.