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Ganga Pollution: ऋषिकेश में मैली हो रही गंगा! त्रिवेणी घाट पर नदी में गिर रहा सीवर का पानी

अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी मोक्षदायिनी मां गंगा प्रदूषण से मुक्त नहीं हो पा रही है. हालात ये है कि तीर्थनगरी ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर सीवर का पानी सीधे गंगा में जा रहा है, लेकिन कोई इसे देखने वाला नहीं है.

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Published : Jan 21, 2023, 4:26 PM IST

Updated : Jan 21, 2023, 5:05 PM IST

ऋषिकेश में मैली हो रही गंगा!

ऋषिकेश: मां गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (नमामि गंगे) परियोजना की शुरूआत की थी. गंगा की सफाई के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे है, बावजूद इसके तीर्थनगरी ऋषिकेश में सीवर का पानी सीधे गंगा में डाला जा रहा है. इसका एक वीडियो सामने आया है. हालांकि अब संबंधित विभाग के अधिकारी इस मामले में सफाई देते हुए नजर आ रहे हैं.

ऋषिकेश में मोक्षदायिनी मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए, ताकि सीवर का गंदा पानी सीधे गंगा में न जाए. लेकिन सरकार की लाख कोशिशों के बाद ऐसा नहीं हो पाया है और सीवर लाइन का गंदा पानी सीधे गंगा में जा रहा है. दरअसल, ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर सीवर ओवरफ्लो हो गया और उसका गंदा पानी त्रिवेणी घाट से बहता हुआ सीधे गंगा में जा रहा था.

त्रिवेणी घाट पर सीवर का गंदा पानी सीधे गंगा में जाता देख श्रद्धालुओं से भी राह नहीं गया और उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की. साथ ही अधिकारियों पर गंगा को मैली करने का आरोप लगाते हुए उन्हें दंडित करने की मांग की. श्रद्धालुओं का कहना है कि ऐसे ही हालात में वे कैसे मां गंगा में स्नान और आचमन कर पाएंगे? अधिकारियों की इस लापरवाही ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत करने का काम किया है.
पढ़ें- ऋषिकेश: चंद्रभागा में गिर रहा नाले का पानी, गंगा हो रही प्रदूषित

नगर निगम कम गुनहगार नहीं: गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने महत्वकांक्षी नमामि गंगे योजना के तहत ऋषिकेश में पंपिंग और ट्रीटमेंट स्टेशन का निर्माण कराया गया. नगर क्षेत्र में कही नई सीवर लाइन बिछाई गई, तो कहीं फिलहाल पुरानी सीवर लाइन से ही काम चलाया जा रहा है. सीवर लाइन से नगर निगम की नालियां भी कनेक्ट हैं. हैरानी की बात यह है कि सीवर से नालियों के जुड़ने के स्थान पर कचरे को रोकने के लिए जाल नहीं है, जिसके चलते कूड़ा करकट सीधे सीवर लाइन में पहुंच रहा है.

सहायक अभियंता हरीश बंसल ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि इस बाबत कई दफा नगर निगम के अधिकारियों को अवगत भी कराया जा चुका है. इकाई के सहायक अभियंता रविंद्र सिंह गंगारी ने बताया कि यह मामला जल निगम से जुड़ा है. इकाई से यह पंपिंग स्टेशन जल निगम को एड ओवर किया जा चुका है, लिहाजा यहां से संबंधित संचालन का जिम्मा भी जल निगम पर ही है.

जिम्मेदारों की भी सुने: जल निगम के सहायक अभियंता हरीश बसंल ने बताया कि सीवर ओवरफ्लो होने की शिकायत मिलते ही तत्काल टीम को मौके पर भेजकर समस्या का निस्तारण कर दिया गया था. अब सीवर का पानी सुचारू रूप से पंपिंग स्टेशन तक पहुंच रहा है. यह दिक्कत सीवर में कूड़ा फंसने की वजह से हुई. इस तरह का कोई मामला अभी तक संज्ञान में नहीं आया. बावजूद ऐसा है, तो इसे दिखाया जाएगा और संबंधित स्थान पर नाली में जाल भी लगाया जाएगा, जिससे कि कचरा सीवर तक न पहुंच सके.

ऋषिकेश में मैली हो रही गंगा!

ऋषिकेश: मां गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (नमामि गंगे) परियोजना की शुरूआत की थी. गंगा की सफाई के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे है, बावजूद इसके तीर्थनगरी ऋषिकेश में सीवर का पानी सीधे गंगा में डाला जा रहा है. इसका एक वीडियो सामने आया है. हालांकि अब संबंधित विभाग के अधिकारी इस मामले में सफाई देते हुए नजर आ रहे हैं.

ऋषिकेश में मोक्षदायिनी मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए, ताकि सीवर का गंदा पानी सीधे गंगा में न जाए. लेकिन सरकार की लाख कोशिशों के बाद ऐसा नहीं हो पाया है और सीवर लाइन का गंदा पानी सीधे गंगा में जा रहा है. दरअसल, ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर सीवर ओवरफ्लो हो गया और उसका गंदा पानी त्रिवेणी घाट से बहता हुआ सीधे गंगा में जा रहा था.

त्रिवेणी घाट पर सीवर का गंदा पानी सीधे गंगा में जाता देख श्रद्धालुओं से भी राह नहीं गया और उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की. साथ ही अधिकारियों पर गंगा को मैली करने का आरोप लगाते हुए उन्हें दंडित करने की मांग की. श्रद्धालुओं का कहना है कि ऐसे ही हालात में वे कैसे मां गंगा में स्नान और आचमन कर पाएंगे? अधिकारियों की इस लापरवाही ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत करने का काम किया है.
पढ़ें- ऋषिकेश: चंद्रभागा में गिर रहा नाले का पानी, गंगा हो रही प्रदूषित

नगर निगम कम गुनहगार नहीं: गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने महत्वकांक्षी नमामि गंगे योजना के तहत ऋषिकेश में पंपिंग और ट्रीटमेंट स्टेशन का निर्माण कराया गया. नगर क्षेत्र में कही नई सीवर लाइन बिछाई गई, तो कहीं फिलहाल पुरानी सीवर लाइन से ही काम चलाया जा रहा है. सीवर लाइन से नगर निगम की नालियां भी कनेक्ट हैं. हैरानी की बात यह है कि सीवर से नालियों के जुड़ने के स्थान पर कचरे को रोकने के लिए जाल नहीं है, जिसके चलते कूड़ा करकट सीधे सीवर लाइन में पहुंच रहा है.

सहायक अभियंता हरीश बंसल ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि इस बाबत कई दफा नगर निगम के अधिकारियों को अवगत भी कराया जा चुका है. इकाई के सहायक अभियंता रविंद्र सिंह गंगारी ने बताया कि यह मामला जल निगम से जुड़ा है. इकाई से यह पंपिंग स्टेशन जल निगम को एड ओवर किया जा चुका है, लिहाजा यहां से संबंधित संचालन का जिम्मा भी जल निगम पर ही है.

जिम्मेदारों की भी सुने: जल निगम के सहायक अभियंता हरीश बसंल ने बताया कि सीवर ओवरफ्लो होने की शिकायत मिलते ही तत्काल टीम को मौके पर भेजकर समस्या का निस्तारण कर दिया गया था. अब सीवर का पानी सुचारू रूप से पंपिंग स्टेशन तक पहुंच रहा है. यह दिक्कत सीवर में कूड़ा फंसने की वजह से हुई. इस तरह का कोई मामला अभी तक संज्ञान में नहीं आया. बावजूद ऐसा है, तो इसे दिखाया जाएगा और संबंधित स्थान पर नाली में जाल भी लगाया जाएगा, जिससे कि कचरा सीवर तक न पहुंच सके.

Last Updated : Jan 21, 2023, 5:05 PM IST
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