देहरादूनः राजधानी देहरादून में बीते रोज हुई बारिश ने नगर निगम की दावों की पोल खोल दी है. पहली बारिश में ही शहर में कई नालियां चोक हो गईं. साथ ही नाले ढके नहीं होने से गंदगी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहती दिखाई दी. जिससे स्थानीय लोगों को गंदगी और बदबू से दो चार होना पड़ा. स्थानीय लोगों का कहना है कि नालों को सीमेंटेड स्लैब से नहीं ढका गया है. जिससे बीमारियां फैलने का डर सता रहा है. वहीं, मामले पर प्रशासन बेखबर बना हुआ है.
दरअसल, सोमवार देर शाम अचानक हुई तेज बारिश की वजह से शहर में सड़क के दोनों ओर खुले नालों से बरसात का पानी ओवरफ्लो होकर बहता नजर आया. जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. यहां पर धर्मपुर चौक से विधानसभा की ओर जाने वाली सड़क के किनारे बने नाले बीते एक साल से नहीं ढके गए हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि इन खुले नालों की वजह से पूरे इलाके में दुर्गंध फैलती है. जिससे बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है.
उनका कहना है कि पहली बारिश में गंदगी नालों से ओवरफ्लो होकर सड़क पर बह रहा था. नालों की वजह से कभी भी कोई हादसा हो सकता है. साथ ही कई बार मामले की शिकायत शासन-प्रशासन से कर चुके हैं, बावजूद इसके जिम्मेदार महकमे ने इन नालों को सीमेंटेड स्लैब से ढकने की जहमत नहीं उठाई है.
ये भी पढ़ेंः पलायन आयोग ही कर गया 'पलायन', अधिकांश पहल को सरकार ने कूड़ेदान में डाला: हरीश रावत
वहीं, मामले पर नगर निगम के मुख्य नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे का कहना था कि नालों की सफाई को लेकर टेंडर हो चुके हैं. मानसून से पहले सभी नालों की सफाई का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. उधर, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता हरि ओम शर्मा ने कहा कि बरसात से पहले इन नालों को सिमेंटेड स्लैब से ढक दिया जाएगा.
बहरहाल, प्रदेश में मानसून कभी भी दस्तक दे सकता है, लेकिन बरसात से निपटने की तैयारियां अब भी अधूरी ही नजर आ रही हैं.