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ऊर्जा निगम के डायरेक्टर फाइनेंस ने दिया इस्तीफा, घाटे के निगम में काम कम राजनीति ज्यादा - उत्तराखंड न्यूज

ऊर्जा निगम में निदेशकों के बीच चलती नूरा कुश्ती धरातल पर भी दिखने लगी है. ईटीवी भारत ने 25 जुलाई को ऊर्जा निगम पिटकुल में निदेशकों के बीच हुए लेटर वॉर की रिपोर्ट प्रकाशित की थी. यह लेटर वॉर निदेशक वित्त सुरेंद्र बब्बर और निदेशक मानव संसाधन पीसी ध्यानी के बीच हुआ था.

ऊर्जा निगम के डायरेक्टर फाइनेंस
ऊर्जा निगम के डायरेक्टर फाइनेंस
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Published : Sep 22, 2021, 10:40 PM IST

देहरादून: ऊर्जा निगम में घाटे की रकम तेजी से बढ़ रही है और विभाग के अधिकारी हैं कि उन्हें वर्चस्व की लड़ाई से ही फुर्सत नहीं मिल रही. ताजा मामला ऊर्जा निगम के डायरेक्टर फाइनेंस सुरेंद्र बब्बर के इस्तीफे का है. ईटीवी भारत के पास एक्सक्लूसिव जानकारी है कि सुरेंद्र बब्बर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और इसके पीछे की वजह पिटकुल (पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड) में चल रही अंदरूनी राजनीति है.

ऊर्जा निगम में निदेशकों के बीच चलती नूरा कुश्ती धरातल पर भी दिखने लगी है. ईटीवी भारत ने 25 जुलाई को ऊर्जा निगम पिटकुल में निदेशकों के बीच हुए लेटर वॉर की रिपोर्ट प्रकाशित की थी. यह लेटर वॉर निदेशक वित्त सुरेंद्र बब्बर और निदेशक मानव संसाधन पीसी ध्यानी के बीच हुआ था.

पढ़ें- दीपक रावत को ऊर्जा निगम के कर्मचारियों का पत्र, 'दरार' वाले प्लान पर जताई नाराजगी

निदेशक मानव संसाधन पीसी ध्यानी कई विवादों में रहे हैं और कई जांचें भी उनके खिलाफ हुई हैं. उनसे जुड़े विवाद इतने हैं कि ऊर्जा निगम में हर जगह वो चर्चाओं में रहते हैं. खबर है कि पिटकुल में प्रतिनियुक्ति पर आए सुरेंद्र बब्बर को लेकर कुछ अधिकारी लगातार नाराज चल रहे हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि पिटकुल के पूर्व एमडी नीरज खैरवाल ने उन्हें काफी पावर सौंप दी थी, लेकिन यूपीसीएल और पिटकुल में आईएएस दीपक रावत के आने के बाद यह लड़ाई और भी चरम पर पहुंच गई.

आईएएस दीपक रावत सुरेंद्र बब्बर से टेंडर से जुड़ी विशेष पावर वापस ले ली. इस मामले पर ईटीवी भारत में निदेशक वित्त सुरेंद्र बब्बर से बात की तो उन्होंने इस्तीफा दिए जाने की पुष्टि तो की लेकिन इसकी वजह क्या थी यह साफ तौर पर नहीं बताया.

पढ़ें- ऊर्जा निगम में एक ही जगह सालों से जमे हैं कर्मचारी, कुंडली खंगालने वाला कोई नहीं

इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने पिटकुल के मौजूदा एमडी आईएएस दीपक रावत से भी बात की उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से सभी निदेशकों को समन्वय बनाने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि उनको इस्तीफे की सूचना आई है. इसपर शासन को निर्णय लेना है.

हालांकि उनके इस बयान से यह साफ हो गया कि निगम में निदेशकों के बीच आपसी समन्वय नहीं है, जबकि पीसी ध्यानी समेत कुछ अधिकारियों द्वारा सुरेंद्र बब्बर पर लगातार दबाव भी बनाया जा रहा था. आईएएस दीपक रावत के एमडी बनने के बाद यह दबाव काम भी आया और आखिरकार सुरेंद्र बब्बर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया.

देहरादून: ऊर्जा निगम में घाटे की रकम तेजी से बढ़ रही है और विभाग के अधिकारी हैं कि उन्हें वर्चस्व की लड़ाई से ही फुर्सत नहीं मिल रही. ताजा मामला ऊर्जा निगम के डायरेक्टर फाइनेंस सुरेंद्र बब्बर के इस्तीफे का है. ईटीवी भारत के पास एक्सक्लूसिव जानकारी है कि सुरेंद्र बब्बर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और इसके पीछे की वजह पिटकुल (पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड) में चल रही अंदरूनी राजनीति है.

ऊर्जा निगम में निदेशकों के बीच चलती नूरा कुश्ती धरातल पर भी दिखने लगी है. ईटीवी भारत ने 25 जुलाई को ऊर्जा निगम पिटकुल में निदेशकों के बीच हुए लेटर वॉर की रिपोर्ट प्रकाशित की थी. यह लेटर वॉर निदेशक वित्त सुरेंद्र बब्बर और निदेशक मानव संसाधन पीसी ध्यानी के बीच हुआ था.

पढ़ें- दीपक रावत को ऊर्जा निगम के कर्मचारियों का पत्र, 'दरार' वाले प्लान पर जताई नाराजगी

निदेशक मानव संसाधन पीसी ध्यानी कई विवादों में रहे हैं और कई जांचें भी उनके खिलाफ हुई हैं. उनसे जुड़े विवाद इतने हैं कि ऊर्जा निगम में हर जगह वो चर्चाओं में रहते हैं. खबर है कि पिटकुल में प्रतिनियुक्ति पर आए सुरेंद्र बब्बर को लेकर कुछ अधिकारी लगातार नाराज चल रहे हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि पिटकुल के पूर्व एमडी नीरज खैरवाल ने उन्हें काफी पावर सौंप दी थी, लेकिन यूपीसीएल और पिटकुल में आईएएस दीपक रावत के आने के बाद यह लड़ाई और भी चरम पर पहुंच गई.

आईएएस दीपक रावत सुरेंद्र बब्बर से टेंडर से जुड़ी विशेष पावर वापस ले ली. इस मामले पर ईटीवी भारत में निदेशक वित्त सुरेंद्र बब्बर से बात की तो उन्होंने इस्तीफा दिए जाने की पुष्टि तो की लेकिन इसकी वजह क्या थी यह साफ तौर पर नहीं बताया.

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इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने पिटकुल के मौजूदा एमडी आईएएस दीपक रावत से भी बात की उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से सभी निदेशकों को समन्वय बनाने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि उनको इस्तीफे की सूचना आई है. इसपर शासन को निर्णय लेना है.

हालांकि उनके इस बयान से यह साफ हो गया कि निगम में निदेशकों के बीच आपसी समन्वय नहीं है, जबकि पीसी ध्यानी समेत कुछ अधिकारियों द्वारा सुरेंद्र बब्बर पर लगातार दबाव भी बनाया जा रहा था. आईएएस दीपक रावत के एमडी बनने के बाद यह दबाव काम भी आया और आखिरकार सुरेंद्र बब्बर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया.

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