देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित सिडकुल घोटाले में देहरादून और उधम सिंह नगर में एसआईटी की जांच में लेटलतीफी हो रही है. जिसको लेकर अब डीआईजी गढ़वाल करण सिंह नगन्याल ने दोनों जिलों के एसएसपी को फटकार लगाई है. उन्होंने दोनों जिलों के एसएसपी को अगले 1 माह के अंदर जांच की रिपोर्ट प्रेषित करने को कहा है. करण सिंह नगन्याल ने कहा कि अगले 1 महीने में देहरादून और उधम सिंह नगर जैसे जिलों में लंबित जांच को हर हाल में पूरा कराकर शासन को पूरे प्रदेश से जुड़ी सिडकुल घोटाले की रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी.
बता दें कि, उत्तराखंड के चर्चित सिडकुल घोटाले की पुलिस एसआईटी जांच 3 साल से लंबित चल रही है. फरवरी 2019 में शासनादेश पर शुरू की गई एसआईटी जांच में देहरादून और उधम सिंह नगर जैसे 2 जिले लेटलतीफी का रवैया अपनाए हुए हैं. ऐसे में घोटाले को सुपरविजन करने वाले डीआईजी गढ़वाल करण सिंह नगन्याल द्वारा दोनों जिलों के पुलिस प्रभारियों को फटकार लगाई गई है. हालांकि, इन दोनों जिलों से संबंधित सिडकुल घोटाले की जांच फाइलों में निर्माण कार्य से संबंधित पीडब्ल्यूडी और पावर कारपोरेशन जैसे विभागों की गड़बड़ी की जांच पूरी न कर पाना एसआईटी जांच पर सवाल खड़े कर रहा है. ऐसे में गढ़वाल डीआईजी नगन्याल ने संबंधित विभागों से पत्राचार कर एसआईटी जांच में सहयोग करने की अपील की गई है.
देहरादून में 11 और उधम सिंह नगर में 25 जांच की पत्रावली लंबित: उत्तराखंड के बहुचर्चित सिडकुल घोटाले से संबंधित 224 फाइलें हैं. जिनमें से देहरादून में 11 और उधम सिंह नगर में 25 पत्रावली की जांच लंबे वक्त से लंबित चल रही है. ऐसे में डीआईजी गढ़वाल करण सिंह नगन्याल द्वारा संबंधित जिलों के एसएसपी से सीधे बातचीत कर पेंडिंग चल रही फाइलों पर नाराजगी जाहिर की गई. साथ ही हिदायत दी गई कि अगले 1 महीने में संबंधित सरकारी विभागों से व्यक्तिगत तौर पर बातचीत कर तकनीकी और वित्तीय गड़बड़ी की जांच को अगले 1 महीने के अंदर निपटाया जाए. ताकि सभी 224 जांच फाइलों को एक साथ शासन में भेजा जा सके.
डीआईजी गढ़वाल करण सिंह नगन्याल का भी कहना है कि जांच में काफी लंबा समय हो चुका है. उन्होंने सिडकुल घोटाले से जुड़े मामले तकनीकी और वित्तीय जांच रिपोर्ट संबंधित सरकारी विभागों से जल्द से जल्द पूरी करने की बात कही है. डीआईजी के मुताबिक 11 जिलों से जुड़ी जांच की फाइलें काफी पहले रेंज को मिल चुकी है, लेकिन देहरादून में 11 और उधम सिंह नगर में 25 फाइलों की जांच लंबित है. जिसे पूरा कराने के लिए पुरजोर प्रयास किया जा रहा है.
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हालांकि, राज्य के 11 जनपदों से जांच रिपोर्ट गढ़वाल डीआईजी को मिल चुकी है, लेकिन देहरादून और उधम सिंह नगर में चल रही 36 फाइलों की जांच अभी भी लंबित चल रही है. जबकि इस दौरान डीआईजी गढ़वाल संबंधित अधिकारियों को संबंधित जिलों में कई बार हिदायत दे चुके है. ऐसे में एक बार फिर मौजूदा गढ़वाल डीआईजी करण सिंह नगन्याल द्वारा लंबित चल रही जांच को तत्काल पूरा करने के आदेश जारी किए गए हैं. इस मामले में डीआईजी गढ़वाल द्वारा शुक्रवार को एक बार फिर संबंधित जनपदों के जांच अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर अगले एक महीने में सिडकुल घोटाले की लंबित फाइलों को निपटाने का आदेश दिए गए हैं.
क्या है सिडकुल घोटाला? : साल 2012 से 2017 के बीच सिडकुल द्वारा उत्तराखंड के अलग-अलग जनपदों में निर्माण कार्य कराए गए थे. आरोप है कि इनमें मानकों के विपरीत उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को ठेके दिए गए थे. इन्हीं निर्माण कार्यों के दौरान ऑडिट कराए जाने पर घोर अनियमितताएं सामने आई थीं. सरकारी धन के दुरुपयोग करने से लेकर करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया था.
इतना ही नहीं, सिडकुल में वेतन निर्धारण और अलग-अलग पदों में भर्ती संबंधी मामले में भी कई तरह की अनियमितताएं पाईं गईं. जिसको लेकर साल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आदेश पर गढ़वाल रेंज आईजी/डीआईजी के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई थी.