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'धन्यवाद देहरादून' लिखकर पुलिस कप्तान पद से मुक्त हुए IPS अरुण मोहन जोशी

अपने 16 महीने के कार्यकाल के दौरान अरुण मोहन जोशी ने देहरादून में अपराध पर काफी हद तक अंकुश लगाने का काम किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर देहरादून की जनता को एक पत्र लिखकर धन्यवाद कहा है.

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Published : Dec 18, 2020, 7:47 PM IST

Updated : Jan 16, 2021, 4:26 PM IST

देहरादून: तीन अगस्त 2019 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून का ओहदा संभालने वाले अरुण मोहन जोशी, एक जनवरी 2020 को डीआईजी पद पर प्रमोशन पाने के बाद भी अबतक देहरादून जिले की कमान संभाल रहे थे. 17 दिसंबर को शासन ने उनके स्थान पर आईपीएस योगेंद्र सिंह रावत को जिले का जिम्मा सौंप दिया है. वहीं, उपमहानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी को सतर्कता, पीएसी और पीटीसी की नई जिम्मेदारी दी गई है.

अपने 16 महीने के कार्यकाल के दौरान अरुण मोहन जोशी ने देहरादून में अपराध पर काफी हद तक अंकुश लगाने का काम किया है. जोशी के कार्यों का ही नतीजा था कि कोरोना संक्रमण के दौरान पुलिस लाइन में बनाया गये कोविड कंट्रोल रूम को देश के बेस्ट कंट्रोल रूम का खिताब भी मिला.

राजधानी पुलिस कप्तान पद से मुक्त होने के बाद अरुण मोहन जोशी ने देहरादून जिले की जनता का आभार व्यक्त किया है और एसएसपी पद पर अपने पूरे कार्यकाल को एक पत्र के जरिये सोशल मीडिया पर साझा किया है. उन्होंने लिखा कि, हमेशा उनका यही प्रयास रहा कि किसी लालच, डर या घबराहट में ऐसा कोई काम न करें जिसका बोझ मन में रह जाए.

पढ़ेंः गढ़वाल रेंज की पहली महिला DIG बनीं आईपीएस नीरू गर्ग, संभाला पदभार

उन्होंने बताया कि देहरादून उनका होम टाउन होने के कारण यहां से उनका विशेष लगाव रहा है. जिले में होने वाली हर आपराधिक घटना को उन्होंने अपनी व्यक्तिगत विफलता समझा और हर घटना की जांच करते हुये पुलिसिंग में सुधार करने की कोशिश की. इस मौके पर अरुण मोहन जोशी ने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान कोई भी बड़ा अपराध मौजूदा समय में अनसुलझा नहीं रहा है.

उन्होंने बताया कि घटनाओं के खुलासे में देहरादून पुलिस अन्य जिलों की पुलिस से काफी आगे रही. कोरोना काल में दून पुलिस के कार्यों का जिक्र करते हुये पूर्व एसएसपी ने कहा कि लॉकडाउन में देहरादून ही अकेला जिला था जहां पुलिस को भूखे और असहाय लोगों को राशन या भोजन बांटने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसे दून पुलिस ने बखूबी निभाया. बिना किसी सरकारी बजट के और केवल जन सहभागिता से दून पुलिस ने लॉकडाउन में 10 हजार से ज्यादा लोगों को भोजन या राशन उपलब्ध करवाया.

इसके साथ ही स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में राजधानी में CCTV कैमरों को दायरा बढ़ाते हुये हाल के दिनों में शहर में 500 कैमरे लगाए गए हैं. इसी के साथ जोशी ने उन लोगों को भी धन्यवाद कहा जो उनके आलोचक रहे हैं क्योंकि इन्हीं आलोचनाओं ने उन्हें कमियों को सुधारते हुये आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया. आखिर में उन्होंने देहरादून जिले को धन्यवाद देते हुए सभी का आभार जताया.

देहरादून: तीन अगस्त 2019 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून का ओहदा संभालने वाले अरुण मोहन जोशी, एक जनवरी 2020 को डीआईजी पद पर प्रमोशन पाने के बाद भी अबतक देहरादून जिले की कमान संभाल रहे थे. 17 दिसंबर को शासन ने उनके स्थान पर आईपीएस योगेंद्र सिंह रावत को जिले का जिम्मा सौंप दिया है. वहीं, उपमहानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी को सतर्कता, पीएसी और पीटीसी की नई जिम्मेदारी दी गई है.

अपने 16 महीने के कार्यकाल के दौरान अरुण मोहन जोशी ने देहरादून में अपराध पर काफी हद तक अंकुश लगाने का काम किया है. जोशी के कार्यों का ही नतीजा था कि कोरोना संक्रमण के दौरान पुलिस लाइन में बनाया गये कोविड कंट्रोल रूम को देश के बेस्ट कंट्रोल रूम का खिताब भी मिला.

राजधानी पुलिस कप्तान पद से मुक्त होने के बाद अरुण मोहन जोशी ने देहरादून जिले की जनता का आभार व्यक्त किया है और एसएसपी पद पर अपने पूरे कार्यकाल को एक पत्र के जरिये सोशल मीडिया पर साझा किया है. उन्होंने लिखा कि, हमेशा उनका यही प्रयास रहा कि किसी लालच, डर या घबराहट में ऐसा कोई काम न करें जिसका बोझ मन में रह जाए.

पढ़ेंः गढ़वाल रेंज की पहली महिला DIG बनीं आईपीएस नीरू गर्ग, संभाला पदभार

उन्होंने बताया कि देहरादून उनका होम टाउन होने के कारण यहां से उनका विशेष लगाव रहा है. जिले में होने वाली हर आपराधिक घटना को उन्होंने अपनी व्यक्तिगत विफलता समझा और हर घटना की जांच करते हुये पुलिसिंग में सुधार करने की कोशिश की. इस मौके पर अरुण मोहन जोशी ने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान कोई भी बड़ा अपराध मौजूदा समय में अनसुलझा नहीं रहा है.

उन्होंने बताया कि घटनाओं के खुलासे में देहरादून पुलिस अन्य जिलों की पुलिस से काफी आगे रही. कोरोना काल में दून पुलिस के कार्यों का जिक्र करते हुये पूर्व एसएसपी ने कहा कि लॉकडाउन में देहरादून ही अकेला जिला था जहां पुलिस को भूखे और असहाय लोगों को राशन या भोजन बांटने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसे दून पुलिस ने बखूबी निभाया. बिना किसी सरकारी बजट के और केवल जन सहभागिता से दून पुलिस ने लॉकडाउन में 10 हजार से ज्यादा लोगों को भोजन या राशन उपलब्ध करवाया.

इसके साथ ही स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में राजधानी में CCTV कैमरों को दायरा बढ़ाते हुये हाल के दिनों में शहर में 500 कैमरे लगाए गए हैं. इसी के साथ जोशी ने उन लोगों को भी धन्यवाद कहा जो उनके आलोचक रहे हैं क्योंकि इन्हीं आलोचनाओं ने उन्हें कमियों को सुधारते हुये आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया. आखिर में उन्होंने देहरादून जिले को धन्यवाद देते हुए सभी का आभार जताया.

Last Updated : Jan 16, 2021, 4:26 PM IST
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