देहरादून: प्रदेश सरकार ने स्टाफ नर्स की 1238 पदों के लिए भर्तियां निकाली है. इसके लिए आवेदनकर्ता को 1 साल के अनुभव के साथ form-16 (सर्टिफिकेट) के साथ फार्म भर सकते है. अनुभव प्रमाण पत्र 30 बेड से अधिक अस्पताल का मांगा गया है. वहीं, सरकार की कड़ी शर्तों ने युवाओं के नौकरी पाने के सपनों को चकनाचूर कर दिया है. पूर्व सीएम हरीश रावत ने नर्स भर्ती प्रक्रिया से कठिन शर्तें हटाए जाने की मांग कि है.
बता दें कि पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि बड़ी लंबी प्रतीक्षा के बाद उत्तराखंड में बमुश्किल नर्सिंग के कुछ पदों को भरने की खबर आई है. राज्य में हमने नर्सिंग कॉलेज खोलने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी थी. कोरोना महामारी के दौरान नर्सिंग प्रशिक्षित युवाओं ने बहुत अच्छा काम किया. अब जब नर्सिंग के कुछ पद भरने की विज्ञप्ति जारी हुई तो उसमें एक शर्त लगा दी की जिन लोगों ने 30 बेड के हॉस्पिटल में 1 साल तक काम किया है. वहीं, लोग इसके लिए आवेदन कर सकते हैं.
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इसका स्पष्ट अर्थ है कि नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रहे अभ्यर्थियों में से कुछ ही अभ्यर्थी आवेदन कर पाएंगे, क्योंकि 4 जिलों में ही कुछ ही अस्पताल हैं, जो 30 बेड से ऊपर हैं. बाकी 8 जिले तो पूरी तरह से आउट ऑफ बांड हो जाएंगे. जिन्होंने स्टाफ नर्स भर्ती में नर्सिंग काउंसिल का बहाना करके यह शर्तें लगवाई हैं. इन शर्तों को मानने का अर्थ है कि भविष्य में हमारे बच्चों के लिए संभावनाएं खत्म हो जाएंगी. अगर प्रशिक्षण अनिवार्य है तो सरकार अपने खर्च पर भी ट्रेनिंग करवा सकती है.