देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि हाईकमान कहेगा तो वह अपना पद छोड़ने को भी तैयार हैं. उनके इस बयान के बाद कांग्रेस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप उनके बचाव में आ गए हैं. उन्होंने कहा कि गणेश गोदियाल ने 6 महीने पहले ही पार्टी के अध्यक्ष पद का दायित्व संभाला था. उन्हें इतना वक्त नहीं मिल पाया, जितना कि एक अध्यक्ष को एक राज्य के संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने और उसको एक विजयी दल बनाने के लिए मिलना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि गणेश गोदियाल किसी भी सूरत में श्रीनगर से हराये नहीं जा सकते थे. परंतु राज्य कांग्रेस की कमान उनके हाथ में होने की वजह से उन्हें राज्य के दौरे करने पड़े. इस वजह से वह अपने क्षेत्र की जनता का विश्वास हासिल करने में असफल हो गए. कांग्रेस अध्यक्ष के दायित्व को निभाने की वजह से बार-बार वह अपने लोगों से मिल नहीं पाए. इसी का नतीजा यह हुआ कि उन्हें श्रीनगर से चुनावी हार का सामना करना पड़ा.
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धीरेंद्र प्रताप ने गणेश गोदियाल को हरीश रावत, प्रीतम सिंह, यशपाल आर्य की परंपरा में पार्टी का एक योग्य और सफल अध्यक्ष बताया है. जिन्होंने पार्टी की 11 सीटों को बढ़ाकर 19 सीटों तक ले जाने का कार्य किया है. उन्होंने कहा कि यह बात और है कि पार्टी जब चुनाव हारती है तो राज्य पार्टी के अध्यक्ष इस्तीफा देते हैं और यही परंपरा रही है. लेकिन गणेश गोदियाल ने कम समय में अच्छा कार्य किया है.
धन सिंह रावत से हारे गोदियाल: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल बीजेपी के धन सिंह रावत से चुनाव हार गए थे. दोनों दिग्गज पौड़ी जिले की गढ़वाल सीट से आमने-सामने थे. पिछले चुनाव यानी 2017 में भी धन सिंह रावत ने कांग्रेस के गणेश गोदियाल को चुनाव में मात दी थी. धनसिंह अभी उच्च शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री हैं.