देहरादून: केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को हो रही असुविधा को देखते हुए कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने बाबा केदार धाम में व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की बात कही. धन सिंह रावत ने दावा किया कि अब जिस तरह की व्यवस्थाएं बनाई गई हैं, उसके बाद श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी.
धन सिंह रावत ने किया केदारनाथ का दौरा: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने को लेकर राज्य सरकार ने नोडल अधिकारी नामित किए हैं. उधर बदरीनाथ और केदारनाथ में दो मंत्रियों को भी अलग-अलग जिम्मेदारी दी है. जिम्मेदारी मिलने के बाद कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने केदारनाथ का दौरा किया. जिसके बाद उन्होंने बताया कि अब केदारनाथ धाम में किसी भी तरह की अव्यवस्था नहीं है. सरकार श्रद्धालुओं को हर सुविधा देने का प्रयास कर रही है.
केदारनाथ में लाइफ सपोर्ट मशीनें/आईसीयू बेड तैयार: धन सिंह रावत ने कहा केदारनाथ धाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के लिए कुछ खास इंस्ट्रक्शन जारी किए गए हैं. इसमें केदारनाथ धाम में निश्चित संख्या तय की गई है. इसी तरह से रामबाड़ा और गुप्तकाशी के लिए भी संख्या को निश्चित की गई है. केदारनाथ धाम के पैदल रूट पर हर 500 मीटर पर चार ऑक्सीजन सिलेंडर रखे गए हैं. इसके अलावा लाइफ सपोर्ट मशीनें भी रखी गई हैं. यही नहीं धाम में आईसीयू बेड भी तैयार किए गए हैं.
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चारधाम रूट पर 135 से ज्यादा एंबुलेंस: इस तरह अब चारधाम यात्रा में व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी गई हैं. खासतौर पर केदारनाथ में अब श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए व्यवस्था की गई है. रामबाड़ा के पास नए पुल को बनाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही टूटी हुई सभी रेलिंग भी जल्द से जल्द तैयार करने के लिए कहा गया है. चारधाम रूट पर 135 से ज्यादा एंबुलेंस लगाई गई हैं. साथ ही एयर एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई है. अब तक स्वास्थ्य विभाग ने 30 से ज्यादा श्रद्धालुओं की जान बचाई है.
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बुजुर्गों के लिए जरुरी डॉक्टर की सलाह: चारधाम रूट पर श्रद्धालुओं की लगातार हो रही मौत के बाद राज्य सरकार की तरफ से एक बड़ा फैसला लिया. इसके तहत अब 60 साल से अधिक उम्र के श्रद्धालुओं को डॉक्टर की सलाह पर के बाद ही केदारनाथ या यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए जाने दिया जाएगा. यही नहीं राज्य सरकार की तरफ से फैसला किया गया है कि जिन श्रद्धालुओं को कोविड-19 की शिकायत रही होगी. ऐसे श्रद्धालुओं को भी पहले डॉक्टर की सलाह लेनी होगी, उसके बाद ही उन्हें यात्रा की इजाजत दी जाएगी.