देहरादून: बीती 10 जुलाई को राजकीय महिला अस्पताल हल्द्वानी में एक महिला का अस्पताल गेट पर प्रसव का प्रकरण सामने आया था. मामला जब सुर्खियां बना तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इसका संज्ञान लिया. धन सिंह रावत ने मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए. इस पर स्वास्थ्य महानिदेशक ने एक जांच समिति का गठन किया था. इसी समिति ने अपनी रिपोर्ट में राजकीय जिला अस्पताल, हल्द्वानी में तैनात नर्सिंग अधिकारी दीप्ति रानी और चिकित्सक डॉ दिशा बिष्ट को दोषी माना.
मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री धन सिंह रावत ने डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है. उन्हें निलंबन की अवधि में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नैनीताल कार्यालय से संबद्ध किया गया है. संयुक्त सचिव स्वास्थ्य मुकेश कुमार राय द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं. ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ दिशा बिष्ट के निलंबन की संस्तुति शासन को की गई है. प्रकरण में नागरिक चिकित्सालय खटीमा के सीएमएस को भी तलब कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है.
शासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली के तहत डॉ. दिशा बिष्ट को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. निलंबन अवधि में डॉ. दिशा बिष्ट को जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि देय होगी.
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वहीं, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि गर्भवती महिला को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध न करना अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा इस प्रकरण में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लायी जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि राजकीय महिला अस्पताल हल्द्वानी (Government Women Hospital Haldwani) में अस्पताल के गेट के बाहर गर्भवती महिला द्वारा बच्चे को जन्म देने की खबर का उन्होंने संज्ञान लिया है.
मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि विशेषज्ञ समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में राजकीय महिला चिकित्सालय हल्द्वानी में रात्रि ड्यूटी पर तैनात डॉ दिशा बिष्ट एवं नर्सिंग अधिकारी दीप्ति रानी को दोषी पाया. गर्भवती महिला के अस्पताल गेट पर प्रसव को लेकर गठित विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण शैलजा भट्ट द्वारा तत्काल प्रभाव से नर्सिंग अधिकारी दीप्ति रानी को निलंबित कर सीएमओ ऑफिस नैनीताल सम्बद्ध कर दिया है जबकि डॉ दिशा बिष्ट के निलंबन की संस्तुति शासन को भेज दी है.
उन्होंने बताया कि अस्पताल में चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ पर्याप्त मात्रा में होने के बावजूद गर्भवती महिला को दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाना बड़ी लापरवाही भरा कदम है. मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि प्रकरण में जितने भी दोषी पाये जाएंगे, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में भी ऐसी लापरवाही कतई बर्दास्त नहीं की जाएगी.