देहरादून: धामी सरकार ने उत्तराखंड के कद्दावर नेता हरक सिंह रावत की घेराबंदी तेज कर दी है. इस दिशा में इस बार हरक सिंह रावत की करीबी मानी जाने वाली दमयंती रावत के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं. ये उसी मेडिकल कॉलेज का मामला है, जिसको लेकर पहले भी हरक सिंह रावत सफाई देते रहे हैं. सरकार में मंत्री रहने के दौरान कोटद्वार में सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय के लिए 20 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई थी.
बता दें कि, उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भाजपा छोड़ने के बाद से ही कानूनी शिकंजे में घिरते हुए दिखाई दिए हैं. स्थिति ये है कि हरक सिंह रावत के खिलाफ एक तरफ श्रम विभाग में साइकिल से जुड़े मामले पर जांच की गई है तो वहीं दूसरी तरफ अब कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनाए जाने के लिए 20 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करने के मामले में भी सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. इस बार जांच के घेरे में हरक सिंह रावत की करीबी माने जाने वाली दमयंती रावत हैं.
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गौर हो कि दमयंती रावत भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में सचिव थीं. इस दौरान कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के लिए 20 करोड़ रुपये की धनराशि कर्मचारी राज्य बीमा योजना को ऋण के रूप में ट्रांसफर किये गए थे. इस मामले में 22 सितंबर 2021 को दमयंती रावत को कारण बताओ नोटिस भी दिया गया था, जिसका जवाब दमयंती रावत की तरफ से दिया गया है. लेकिन अब इस मामले में सरकार ने एक्शन लेते हुए 3 सदस्य जांच कमेटी गठित कर दी है.
सचिव रविनाथ रमन की तरफ से जारी आदेश में 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. तीन सदस्यीय जांच कमेटी में श्रम आयुक्त संजय कुमार, शिक्षा विभाग के वित्त नियंत्रक गुलफाम अहमद और माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक हरेराम यादव शामिल हैं. आपको बता दें कि दमयंती रावत शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी स्तर की अधिकारी हैं.